ED Raid ईडी के छापे के बाद लखमा का छलका दर्द, बोले- मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं … जहां बोला…
ED Raid रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस शासन में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा के यहां रेड मारा। ईडी लखमा के पुत्र और कुछ करीबी लोगों के यहां ईडी ने छापा मारा था। दो दिनों तक चली इस कार्रवाई के बाद ईडी सभी स्थानों से लौट गई है। इसके साथ ही ईडी ने लखमा समेत अन्य लोगों को पूछताछ के लिए समन जारी कर दिया है।
ईडी की रेड खत्म होते ही पूर्व मंत्री लखमा का दर्द सामने आया है। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने पूरे मामले में खुद को पाक साफ बताया है। लखमा ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। कहा कि मैं सरकार के खिलाफ मुद्दे उठाता हूं, इस वजह से मुझ पर यह कार्रवाई की गई है।
जानिए- लखमा ने किस अफसर का लिया नाम
मीडिया से चर्चा करते हुए लखमा ने कहा कि मैं पढ़ा- लिखा नहीं हूं, अफसर फाइल लेकर आते थे, वे ही फाइल पढ़ते थे मैं बस साइन कर देता था। उन्होंने कहा कि त्रिपाठी (अरुणपति त्रिपाठी) जैसे अफसरों ने मुझे अंधेरे में रखा। मैं अनपढ़ हूं वो जहां कहते थे वहां साइन कर देता था। लखमा ने कहा कि इस मामले में अधिकारियों ने ही गड़बड़ी की है। बता दें कि इस मामले में ईडी में दर्ज रिपोर्ट में आबकारी घोटाला में आरोप है कि लखमा को 50 लाख रुपये मिले थे।
ED Raid लखमा और उनके बेटे का मोबाइल ले गई ईडी की टीम
लखमा ने दावा किया कि उनके घर से ईडी को कुछ नहीं मिला है, लेकिन ईडी उनका और उनके बेटे का मोबाइल फोन अपने साथ ले गई है। लखमा ने बताया कि ईडी ने उनकी और उनके परिवार की संपत्ति की जानकारी मांगी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए मैंने समय मांगा है। उन्होंने बताया कि ईडी ने मेरी गाड़ी की भी जांच की, लेकिन मेरे यहां से कोई दस्तावेज नहीं मिला है।
लखमा के करीबी लोगों के यहां भी छापे
ईडी ने लखमा और उनसे जुड़े लोगों के यहां प्रदेश के 8 जिलों में छापे की कार्रवाई की। इनमें कुछ लोग घर पर नहीं मिले। इसके बाद ईडी ने उन्हें समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया। ईडी ने जिन लोगों के यहां छापा मारा उनमें लखमा के पुत्र हरिश लखमा, सुकमा नगर पालिका के अध्यक्ष राजू साहू, लखमा के करीबी सुशील देवांगन समेत अन्य शामिल हैं।
ED Raid जानिए- क्या है आबकारी घोटाला
छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग में करीब 2 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। इस मामले में रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के साथ अरुणपति त्रिपाठी, अनिल टूटेजा की भूमिका मुख्य बताई गई है। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर नकली होलोग्राम के जरिये प्रदेश के सरकारी शराब दुकानों से शराब की बिक्री कराई। इसके जरिए करोड़ों रुपये की काली कमाई की।