AHPI केंद्रीय बजट से क्‍या है डॉक्‍टर्स की अपेक्षाएं: एएचपीआई के अध्‍यक्ष और महासचिव ने बताई छत्‍तीसगढ़ की जरुरतें और उम्‍मीदें…

schedule
2025-01-31 | 13:25h
update
2025-01-31 | 13:25h
person
chaturpost.com
domain
chaturpost.com
AHPI केंद्रीय बजट से क्‍या है डॉक्‍टर्स की अपेक्षाएं: एएचपीआई के अध्‍यक्ष और महासचिव ने बताई छत्‍तीसगढ़ की जरुरतें और उम्‍मीदें…

AHPI रायपुर। वित्‍तीय वर्ष 2025-26 का आम बजट शनिवार को लोकसभा में पेश होगा। इस बजट से आम और खास सभी को काफी उम्‍मीदें हैं। हर वर्ग अपनी अपेक्षाएं वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। इनमें देश के डॉक्‍टर्स भी शामिल हैं। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) ने भी केंद्रीय बजट पर अपनी अपेक्षाएं बताई है।

Advertisement

एएचपीआई छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता और महासचिव डॉ अतुल सिंघानिया ने कहा कि केंद्रीय बजट में कुल जीडीपी का दो प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च होना चाहिए। यह अंतरराष्ट्रीय मानक के करीब है और कई उन्नतिशील देश अपनी स्वास्थ्य व्यवस्थओं पर इससे अधिक खर्च करते हैं। भारत में पिछले कई सालों में स्वास्थ्य पर खर्च जीडीपी का एक प्रतिशत से कुछ अधिक है।

AHPI देश की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को आयुष्मान योजना की लाभार्थी बनाने के लक्ष्यों को स्वास्थ्य का पर्याप्त बजट नहीं होने की वजह से नहीं पाया जा सका है। कम और अनियमित बजट प्रावधानों के कारण अस्पतालों को आयुष्मान योजना के ईलाज का समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। अस्पतालों के बढ़ते संचालन व्यय की वजह से आयुष्मान योजना के पैकेज दरों के भी पुनर्निर्धारण किए जाने की जरूरत है।

हाल के वर्षों में लाइफ स्टाइल बीमारियों या नॉन कम्युनिकेबल डिसीज़ के मरीज बढ़ रहे हैं। इसके लिए प्रिवेंटिव और प्रोमोटिव हेल्थ के बजट को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं में राज्यों को केंद्र से मिलने वाले अंशदान को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। दवाओं की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के साथ ही इनकी गुणवत्तापूर्ण उपलब्धि सुनिश्चित करने की स्वस्थ प्रणाली पर सार्थक शुरुवात करने की जरुरत है।

AHPI स्वास्थ्य आपदाओं पर नियंत्रण के लिए राज्यों को पृथक से वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए ताकि चुने हुए मेडिकल कॉलेज में नोडल केंद्र बनाए जा सकें। छत्तीसगढ़ में मेडिकल कालेजों के रीजनल टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया जाए जहां भावी डॉक्टरों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जा सके।

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
chaturpost.com
Privacy & Terms of Use:
chaturpost.com
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
31.01.2025 - 13:28:35
Privacy-Data & cookie usage: