Amar Gufa रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग का कार्यकाल फिर एक बार बढ़ा दिया गया है। राज्य सरकार की तरफ से इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार आयोग का कार्यकाल 12 अक्टूबर 2025 तक बढ़ाया गया है। यह पांचवीं बार है, जब इस जांच आयोग का कार्यकाल बढ़ाया गया है।
बता दें कि पिछले साल बलौदाबाजार में हुई इस घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीबी बाजपेयी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। आयोग पूरे मामले की छह बिंदुओं पर जांच कर रही है। आयोग का कार्यकाल बढ़ाने के संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार आयोग का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इस वजह से कार्यकाल में वृद्धि की जा रही है।
13 जून 2024 को अधिसूचना जारी कर जांच आयोग का गठन किया गया। इसमें आयोग को तीन महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। इसके बाद आयोग की तरफ से 22 जुलाई को सार्वजनिक सूचना जारी किया गया। आयोग को अपनी रिपोर्ट 15 अगस्त 2024 तक सरकार को सौंपनी थी, लेकिन काम पूरा नहीं होने के कारण 12 सितंबर 2024 तक आयोग का कार्यकाल बढ़ा दिया गया। इसके बाद 12 अक्टूबर 2024 फिर 12 फरवरी 2025 तक कार्यकाल बढ़ाया गया। इस साल फरवरी में जून तक कार्यकाल बढ़ाया गया था। अब फिर अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।
ग्राम महकोनी अमरगुफा स्थित जैतखाम को किसी ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। यह घटना 15 और 16 मई की दरम्यानी रात में हुई। इस घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग उठने लगी। इसी दौरान 10 जून को वहां एक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन के दौरान भीड़ हिंसक हो गई और पूरे कलेक्टोरेट परिसर को आग लगा दिया। इस घटना के बाद सरकार ने वहां के तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को हटा दिया। कांग्रेस के नेताओं पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा। इसी मामले में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव गिरफ्तार किए गए थे। फिलहाल वे जमानत पर हैं।
15 मई: गिरौदपुरी धाम से लगभग 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित अमर गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात किसी ने क्षतिग्रस्त कर दिया।
16 मई : सुबह लोगों को जैतखाम के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली तो कार्यवाही की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
17 मई : समाज की मांग के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी।
19 मई : आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का-जाम हुआ।
19 मई : पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। तीनों बिहार के रहने वाले थे। तीनों यहां नल जल योजना में काम कर रहे थे। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था, इसलिए शराब के नशे में तोड़फोड़ कर दी।
20 मई : समाज की बैठक हुई। इसमें गलत आरोपियों को गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए दोषियों को पकड़ने की मांग के साथ आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गई।
21 मई : दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से समाज की तरफ से आवेदन देकर जांच और कार्यवाही की मांग लगातार की जाने लगी।
08 जून : कलेक्टर ने शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें प्रशासन की तरफ से जांच की कार्यवाही तेज करने की बात कही गई। साथ ही आंदोलन न करने की अपील की गई।
09 जून: गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए। इसी दिन कलेक्ट्रेट के पास स्थित दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।
10 जून : प्रदर्शन के दौरान भीड़ अचानक उग्र हो गई। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई।
10 जून : राजधानी में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। मौके पर आईजी और कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है।
सात अलग-अलग FIR दर्ज की गई। 73 लोग गिरफ्तार किए गए, 200 हिरासत में लिए गए। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 टीम बनाई गई।
11 जून : पुलिस ने शाम तक 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस बीच देर रात सरकार ने कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को हटा दिया। दीपक सोनी को कलेक्टर और विजय अग्रवाल को नया एसपी नियुक्त किया गया।
12 जून : भाजपा की तरफ से लगाए गए आरोपों पर पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार गिरफ्तारी देने के लिए थाने पहुंचे। उन्होंने मानहानि का केस करने की चेतावनी दी।
13 जून : कांग्रेस की सात सदस्यीय जांच टीम घटना स्थल पर पहुंची।
15 जून: भीम रेजिमेंट के रायपुर संभाग अध्यक्ष जीवराखन बांधे जगदलपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।
17 जून: प्रशासन ने जिले में धारा-144 की मियाद 20 जून तक बढ़ा दी।
18 जून: प्रदेश कांग्रेस की तरफ प्रदेशस्तरीय धरना- प्रदर्शन किया।
21 जून: उपद्रव के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर तिरंगा फहराने वाले पोल पर सफेद झंडा लगाने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
Amar Gufa 25 जून: मामले में शामिल सात और आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए।
29 जून: पुलिस ने भीम आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष व महासचिव के साथ एक अन्य को गिरफ्तार किया।
6 जुलाई: युवा कांग्रेस बलौदाबाजार जिला अध्यक्ष शैलेंद्र बंजारे गिरफ्तार किया गया।
7 जुलाई: जांजगीर-चांपा में भीम आर्मी का पूर्व जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश बंजारे गिरफ्तार किए गए।
15 जुलाई: हिंसा की रणनीति बनाने वाला मोहन बंजारे समेत चार और गिरफ्तार।