Andolan: रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही सरकार को खुली चेतावनी है कि यदि मांगें नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश के शिक्षक सड़क पर उतर जाएंगे। शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ की पूववर्ती कांग्रेस सरकार का हश्र बताते हुए विष्णुदेव साय को आगाह किया है, कहा कि पिछली सरकार को कर्मचारी उपेक्षा भारी पड़ी थी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षकों ने चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान कर दिया है। इस आंदोलन से छत्तीसगढ़ की पूरी स्कूल शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी।
जानिए.. क्या है छत्तीसगढ़ के शिक्षकों की मांगें
शिक्षक संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार ने किसी तरह संविलियन तो कर दिया है, लेकिन सभी संविलियन प्राप्त शिक्षक कई तरह की विसंगतियों का सामना कर रहे हैं। सरकार से बार- बार आग्रह किया जा रहा है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शिक्षक संघर्ष मोर्चा की मांगों में संविलियन की तारीख से सभी लाभ दिया जाना है।
प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा की गणना जरुरी है, इससे क्रमोन्नति, वेतन विसंगति, पदोन्नति, पहली नियुक्ति की तारीख से पुरानी पेंशन योजना के साथ 20 साल की सेवा में पूरी पेंशन की मांग पूरी होगी। इसके साथ ही लंबित महंगाई भत्ता और एरिसर्य का भुगतान भी मांगों में शामिल हैं।
शिक्षक नेताओं ने बताया कि आंदोलन की शुरुआत 2 अक्टूबर से हो चुकी है। गांधी जयंती के दिन प्रदेशभर से रायपुर पहुंचे शिक्षकों ने पदयात्रा किया। अब 14 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। 1 नवंबर को जब पूरे प्रदेश में राज्यस्थापना दिवस मनाया जाएगा, उस दिन शिक्षक भी दिया जलाकर सरकार को जगाने का प्रयास करेंगे। शिक्षक दिया जलाकर सेल्फी लेंगे और उसे सोशल मीडियों में पोस्ट करेंगे।
11 नवंबर को छत्तीसगढ़ के सभी 146 विकाखंडों तक आंदोलन का विस्तार किया जाएगा। विकासखंडों में मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन एसडीएम, बीईओ, तहसीलदार आदि को सौंपा जाएगा।
आंदोलन की अगली कड़ी में 12 से 24 नवंबर के बीच छत्तीसगढ़ की विधानसभा से लेकर पंचायत तक सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इनमें मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के साथ प्रदेश सरकार के मंत्री, विधायक, पार्षद, जनप पंचायत सदस्य के साथ पंच और सरपंच शामिल हैं।
इसके बाद 25 नवंबर को शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सभी पदाधिकारी नवा रायपुर पहुंचेंगे, जहां इंद्रावती भवन से लेकर महानदी भवन तक पैदल मार्च निकाला जाएगा और मंत्रालय में फिर एक बार मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे, संजय शर्मा, मनीष मिश्रा और विकास राजपूत ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि इन आंदोलनों के बाद भी यदि सरकार शिक्षकों की मांगें नहीं मानी तो फिर लड़ाई सड़क पर होगी। इसके बाद जो भी होगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
आंदोलन को सफल बनाने सक्रिय हुए नेता
आंदोलन की घोषणा के साथ ही उसे सफल बनाने के लिए भी शिक्षक संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी जुट गए हैं। आज ही मोर्चा की वर्चुअल बैठक हुई। इसमें आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगाने का फैसला किया गया है। बैठक में शिक्षकों के सभी संगठनों को आंदोलन में शामिल करने के लिए सक्रिय साथियों को जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया है।