Arvind Netam भगवा बिग्रेड में शामिल होंगे CG कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री! जानिए-क्‍यों हो रही है ऐसी चर्चा  

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Arvind Netam रायपुर। छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस के एक दिग्‍गज आदिवासी नेता अरविंद नेताम के पाला बदलने की अटकले लगाई जा रही है। किसी समय प्रदेश के सबसे ताकतवर नेता रहे नेताम लंबे समय से हाशिये पर चल रहे हैं। सियासी गलियारे में चल रही इस चर्चा के पीछे ठोस आधार भी है। माना जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय  मंत्री रह चुके नेताम  संघ के जरिये फिर से राजनीति में सक्रिय हो सकत हैं। इन चर्चाओं के पीछे की वजह जानने से पहले यह जान लीजिए कि अरविंद नेताम कौन हैं।

जानिए.. कौन हैं अरविंद नेताम

लंबे समय से हाशिए पर चल रहे अरविंद नेताम भले ही नई पीढ़ी के लिए कोई खास नाम न हो, लेकिन राजनीति से जुड़े लोग जानते हैं कि अरविंद नेताम कितने बढ़े नेता हैं और कांग्रेस की राजनीति में उनका कद कितना बड़ा था। नेताम कांकेर लोकसभा चुनाव से कई बार सांसद रहे। इंदिरा गांधी और पीवी नरसिम्‍हा राव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। अविभाजित मध्‍य प्रदेश के दौर में राजनीति में उनकी तूती बोलती थी।

Arvind Netam  2023 में छोड़ी कांग्रेस पार्टी

अरविंद नेताम की उम्र 80 साल से अधिक हो चुकी है। राज्‍य बनने के बाद से वे अपने राजनीतिक वजूद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान वे कांग्रेस छोड़कर बसपा में भी गए, फिर अपनी अलग पार्टी बनाई। कांग्रेस में वापसी भी की। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्‍होंने फिर कांग्रेस छोड़ दिया।

जानिए..क्‍यों चर्चा में हैं अरविंद नेताम

अरविंद नेताम इस बार राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (आरएसएस) से नजदीकी की वजह से चर्चा में हैं। दरअसल, नेताम संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत के साथ मंच साझा करने वाले हैं। संघ ने उन्‍हें नागपुर स्थित अपने मुख्‍याय में होने वाले एक कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अतिथि आमंत्रित किया है। यह कार्यक्रम 5 जून को होगा। इस कार्यक्रम को लेकर संघ के आमंत्रण पत्र में नेताम का नाम है। इसी वजह से नेताम के भगवा बिग्रेड में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है।

संघ के जरिये भाजपा में

सियासी गलियारों में हो रही चर्चा में कहा जा रहा है कि नेताम संघ के जरिये भाजपा की राजनीति में आ सकते हैं। वहीं, नेताम को जानने वाले नेताओं के अनुसार नेताम अब सक्रिय राजनीति में नहीं आएंगे बल्कि संघ के आदिवासी और वनवासी कल्‍याण के कार्यक्रमों से जुड़कर आदिवासियों के लिए काम करेंगे। वैसे भी नेताम आदिवासी कल्‍याण के लिए संघ के कार्यों के नेताम प्रसंशक रहे हैं।

Arvind Netam  लंदन से की है पढ़ाई

अरविंद नेताम ने लंदन से पढ़ाई की है। नेताम के पास एमए और एलएलबी की डिग्री है। साथ ही उन्‍होंने लंदन से पर्यावरण का सर्टिफिकेट कोर्स भी किया है।

29 साल की उम्र में बने थे सासंद

अरविंद नेताम 1971 पांचवीं लोकसभा के लिए कांग्रेस सीट से सांसद चुने गए, तब उनकी उम्र केवल 29 साल थी। इस युवा आदिवासी नेता को इंदिरा गांधी ने उपमंत्री बनाया और शिक्षा, समाज कल्‍याण के साथ संस्‍कृति विभाग की जिम्‍मेदारी दी। इसके नेताम 1980 से 1991 तक लगातार सांसद चुने गए। इस दौरान अविभाजित मध्‍य प्रदेश के कार्यकारी अध्‍यक्ष की जिम्‍मेदारी भी मिली। 1993 में वे नरसिम्‍हा राव सरकार में मंत्री बनाए गए।

हवाला कांड में नाम आने के बाद कटी टिकट

1991 में हवाला कांड चर्चा में आया। इनमें कई पार्टियों के नेताओं का नाम आया, इनमें अरविंद नेताम भी शामिल थे। इसकी वजह से 1996 के चुनाव में पार्टी ने अरविंद नेताम को टिकट नहीं दिया। नेताम के स्‍थान पर उनकी पत्‍नी को टिकट मिला और वे जीत गईं। इस बीच नेताम के भाई शिव नेताम मध्‍य प्रदेश सरकार में मंत्री बनाए गए। शिव नेताम का नाम मालिक मकबूजा कांड में आने के बाद नेताम परिवार को लेकर कांग्रेस में विवाद शुरू हो गया।

बनाए गए बसपा के राष्‍ट्रीय महासिचव

कांग्रेस में उपेक्षा से आहत अरविंद नेताम ने 1997 में पार्टी छोड़ दी और बहुजन समाज पार्टी के साथ चले गए। बसपा में उन्‍हें पार्टी का राष्‍ट्रीय महासचिव बनाया गया। 1998 का लोकसभा चुनाव उन्‍होंने बसपा की टिकट पर लड़ा, लेकिन कांकेर लोकसभा सीट पर उन्‍हें भाजपा के सोहन पोटाई से मात खानी पड़ी। 2017 में उन्‍होंने आदिवासियों की क्षेत्रीय पार्टी बनाई, लेकिन कुछ खास नहीं कर पाए।  

chatur postMay 31, 2025
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