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Atal Parisar: CG हर शहर में बनेगा अटल परिसर: सरकार ने जारी किया 45 करोड़ से ज्‍यादा..

Atal Parisar: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ राज्‍य निर्माता और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्‍न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राज्‍य के हर शहर में अटल परिसर बनाया जाएगा। इस संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग की तरफ से सभी निकायों को निर्देश और बजट जारी कर दिया गया है।

प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री और डिप्‍टी सीएम अरुण साव की पहल पर विभाग ने यह आदेश जारी किया है। इसमें बताया गया है कि‍ डिप्‍टी सीएम की तरफ से विधानसभा सदन में की गई घोषणा के परिपालन में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर स्थापित किया जाना है। नगर पालिक निगम के लिए 50.00 लाख, नगर पालिका परिषद के लिए  30.00 लाख और नगर पंचायत के लिए प्रति लागत राशि 20.00 लाख  रुपये अधोसंरचना मद अंतर्गत निकायों को प्राविधिक स्वीकृति प्रदान किया गया है।

जानिए.. अटल परिसर में कैसी प्रतिमा लगेगी

विभाग की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि अटल चौक का नामकरण “अटल परिसर” के नाम से किया जाए। चौक के निर्माण में किसी तरह के नियमों का उल्‍लंघन नहीं होना चाहिए। भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की मूर्ति धातु की ही हो सुनिश्चित करें। मूर्ति की स्थापना निकाय क्षेत्र के किसी भी मुख्य उद्यान, मुख्य स्थान या मुख्य मार्ग के किनारे स्थापित किया जाए।

पहले भी बना था अटल चौक

छत्‍तीसगढ़ में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी प्रदेश के शहरों से लेकर गांवों तक कई स्‍थानों पर अटल चौक बनाए गए थे। इसके लिए भी सरकार की तरफ से बजट जारी किया गया था।

कांग्रेस शासन में लगी छत्‍तीसगढ़ महतारी की मूर्ति

प्रदेश में इससे पहले भूपेश बघेल के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेशभर में छत्‍तीसगढ़ महतारी की मूर्तियां स्‍थापित की गई हैं। यह मूर्ति भी राज्‍य के शहरों से लेकर गांवों तक लाए गए हैं। एक ही शहर में कई स्‍थानों पर छत्‍तीसगढ़ महतारी की मूर्ति लगाई गई है।

जानिए..क्‍या है प्रतिमा स्‍थापना का नियम और प्रक्रिया

प्रदेश में महापुरुषों की प्रतिमा की स्‍थापना के लिए बकायदा नियम बना हुआ है। इसमें एक समिति के गठन का भी प्रावधान है। इस समिति की स्‍वीकृति के बा ही प्रतिमा की स्‍थापना की जा सकती है। प्रतिमा कहां और कैसे स्‍थापित होगी यह भी समिति ही तय करती है।

Atal Parisar:  जानिए…कौन-कौन रहता है प्रतिमा स्‍थापना समिति में

किसी भी जिला में प्रतिमा की स्‍थापना के लिए वहां के कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में एक कमेटी बनाई जाती है। इसमें संबंधित जिले के संयुक्त संचालक/उप संचालक, सदस्य नगर एवं ग्राम निवेश।  संबंधित नगर निगम के महापार/नगर पालिका सदस्य के अध्यक्ष/जनपद पंचायत के अध्यक्ष।  संबंधित जिले के आयात-एवं पारण विभाग सदस्य के अधिकारी और  संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग शासकीय सदस्‍य होते हैं।

इसके अलावा समिति में अशासकीय सदस्य भी रहते हैं। इनमें  क्षेत्र के सांसद और संबंधित विधान सभा के विधायक। जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा कलेक्टर के परामर्श से मनोनीत एक स्वतंत्रता सेनानी। कलेक्टर द्वारा मनोनीत जिले के कालेज के इतिहास/हिन्दी/समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष। जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा कलेक्टर के परामर्श से मनोनीत कला एवं संस्कृति के जानकार या इस विषय में विशेष रुचि रखने वाले दो विशेषज्ञ और जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा कलेक्टर के परामर्श से मनोनीत एक महिला सामाजिक कार्यकता कसे शामिल किया जाता है।

ऐसी है प्रतिमा स्‍थापना की प्रक्रिया

महापुरुष की प्रतिमा की स्थापना का प्रस्ताव कलेक्टर को प्राप्त होने पर वे सभी दृष्टिकोणों से सभी प्रभावित होने वाले स्थानीय विभागों व संस्थाओं से परामर्श प्राप्त करके ऐसे प्रस्ताव का परीक्षण करेंगे। यदि कलेक्टर ऐसे प्रस्ताव उचित पाते हैं तो वे प्रस्ताव को लिए  गठित समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत करेंगे।

समिति प्रस्ताव पर विचार करते समय ‘निम्न बिंदुओं पर समग्र रूप से विचार करेंगी

1- जिस महापुरुष की प्रतिमा स्थापित करना प्रस्तावित हो, देश या जनता के प्रति उनकी सेवाओं के संबंध में किसी प्रकार का विवाद आदि तो नहीं था है।

2- प्रतिमा स्थापना जिस भूमि पर  की जाना प्रस्तावित है उसकी स्पष्ट स्थिति और स्वामित्व का उल्लेख । साइट प्लान सहित।

3- प्रतिमा स्थापना के लिए वांछित धनराशि की व्यवस्था कहां से की जाएगी, इसका प्राक्कलन संलग्न होना चाहिए ।

4- किस एजेंसी द्वारा प्रतिमा स्थापना का कार्य किया जायेगा, इसका उल्लेख किया जाना चाहिये।..

5- प्रतिमा का निर्माण केवल पत्थर अथवा धातु में होना चाहिये, सीमेंट आदि में नहीं ।

6- समिति यदि प्रस्ताव को उपयुक्त पाती है तो प्रतिमा स्थापित करने के लिए अनुमति दी जाएगी ।

7- समिति की लिखित पूर्व अनुमति के बिना कोई भी प्रतिमा स्थापित नहीं की जायेंगी। कलेक्टर का दायित्व होगा कि समिति की बिना अनुमति के प्रतिमा स्थापना न होने दें और संबंधित को लिखित में तत्संबंधी आदेश दें।

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