B.Ed-D.Ed Sangh: डीएड-बीएड संघ ने कहा हार नहीं मनेंगे, ज्यादा ताकत के साथ लौटने के संकल्प के साथ छोड़ा धरना स्थल
1 min readB.Ed-D.Ed Sangh: रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीएड-बीएड संघ ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा किया। संघ के पदाधिकारी और सदस्य महीनेभर से ज्यादा नवा रायपुर में डटे रहे। इस दौरान आंदोलन को खत्म करने की प्रशासन की तरफ से कई प्रयास किए गए, लेकिन इससे संघ के हौसलों पर कोई असर नहीं पड़ा।
आचार संहिता और धरना स्थल पर निर्माण कार्य के बहाने प्रशासन ने आंदोलनकारियों को नवा रायपुर से जबरन खदेड़ दिया। मबजूबरी में आंदोलन खत्म करके लौट रहे डीएड-बीएड संघ ने लौट से पहले सीएम हाउस का घेराव करके सरकार को अपनी ताकत का अहसास करा दिया। बता दिया कि सरकार चाहें जो कर ले संघ के सदस्यों का इरादा कमजोर नहीं पड़ेगा।
B.Ed-D.Ed Sangh: फिर पूरी ताकत के साथ लौटेंगे…
डीएड-बीएड संघ के प्रातांध्यक्ष दाउद खान, ललित कुमार साहू, शिव चंद्राकर और तोरण लाल वर्मा ने कहा कि सरकार ने इस बार अपनी तनाशाही के दम पर आंदोलन को खत्म करा दिया, लेकिन हम फिर अपने आंदोलन के साथ लौटेंगे। अगली बार जब राजधानी आएंगे तो इस बार से ज्यादा ताकत और ऊर्जा के साथ लौटेंगे और अपनी मांग पूरी करा कर ही लौटेंगे। संघ के नेताओं ने कहा कि संघ का संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा। सरकार ने शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे संघ पर जो ताकत दिखाया है उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
मोदी की गारंटी में 57 हजार शिक्षकों की भर्ती की गारंटी…
संघ के अध्यक्ष दाउद खान ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र जिसे मोदी की गारंटी के नाम से जारी किया गया था उसमें शिक्षकों के 57 हजार पद भरने की गारंटी दी गई है। सरकार बने 10 महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन इस गारंटी को पूरा करने के लिए सरकार की तरफ कोई पहल नहीं की जा रही है।
सरकार शिक्षकों की भर्ती के प्रति उदासिन है। इसका असर छत्तीगसढ़ के प्रशिक्षित डीएड-बीएड युवाओं पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसी डिप्रेशन में बिलासपुर के एक युवा ने आत्महत्या कर लिया। प्रदेश में शिक्षकों के 75 हजार पद खाली हैं। इसके बावजूद सरकार भर्ती पर ध्यान नहीं दे रही है।
B.Ed-D.Ed Sangh: महीनेभर से ज्यादा चला आंदोलन..
डीएड-बीएड संघ का नवा रायपुर में धरना- प्रदर्शन महीनेभर से ज्यादा चला, इसमें प्रदेशभर से संघ के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए। संघ का आरोप है कि इस दौरान प्रशासन की तरफ से आंदोलन को खत्म करने के लिए कई तरह का दबाव डाला गया। यहां तक की आंदोलनकारियों के लिए बनाए जा रहे खाने में पानी डाल दिया गया था।
B.Ed-D.Ed Sangh: जानिए.. क्या है डीएड-बीएड संघ की मांग
डीएड-बीएड संघ की 10 सूत्रीय मांगों में सबसे पहली मांग मोदी की गारंटी पूरी करने की है। भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र (मोदी की गारंटी) में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती का वादा किया है। सरकार भर्ती का नोटिफिकेशन जारी करे। वर्ग-2 में शिक्षकों की भर्ती विषयवार हो।
सरकार ने स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश के हजारों स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है उसे फिलहाल स्थगित किया गया है। संघ इस फैसले को पूरी तरह रद्द करने की मांग कर रहा है।
छत्तीगसढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने 2008 में सेटअप जारी किया था, संघ की मांग है कि उस सेटअप को यथावत रखा जाए।
प्रदेश में बीते 14 वर्षों से कला संकाय में व्याख्याता के पद की भर्ती नहीं निकाली गई है। लाइब्रेरियन के 1844 पदों पर भर्ती की घोषणा की गई है। इसे जल्द पूरा किया जाए।
संघ की मांग है कि छत्तीसगढ़ अगली शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग को 5 प्रतिशत की छूट दी जाएग। छत्तीगसढ़ी में पीजी डिप्लोमाधारियों के लिए नए पदों का सृजन किया जाए और उस पर भर्ती की जाए।
शिक्षकों की भर्ती समय पर नहीं होने के कारण डीएड- बीएड प्रशिक्षित कई युवा ओवर एज हो गए हैं, ऐसे युवाओं के लिए भर्ती की आयु सीमा में छूट दी जाए। संघ की मांग है कि छत्तीसगढ़ व्यवसायिक शिक्षाक मंडल हर वर्ष 2 बार शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करे।