Bharatmala 350 करोड़ का एक और भ्रष्टाचार उजागर: डॉ. महंत ने की CBI जांच की मांग, बोले- हाईकोर्ट जाउंगा

Bharatmala रायपुर। भारतमाला परियोजना के जमीन अधिग्रहण के मुआवजा वितरण में गड़बड़ी का मामला आज विधानसभा में उठा। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने गड़बड़ी की बात स्वीकार करते हुए बताया कि पूरे मामले की संभाग आयुक्त से जांच करा रहे हैं। वहीं, इस मुद्दे को सदन में उठाने वाले नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े- बड़े अफसर और नेता भी शामिल हो सकते हैं। सरकार की तरफ से सीबीआई जांच की मांग ठुकराए जाने के बाद डॉ. महंत ने हाईकोर्ट जाने की बात कही है।
डॉ. महंत ने बताया कि सरकार ने उनके प्रश्न के उत्तर में स्वीकार किया है कि 13 मूल खातेदारों के खसरों को 54 टुकाड़ों में बांटा गया है। ऐसा करके 43 करोड़ 19 लाख का आर्थिक नुकसान केंद्र सरकार को पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र का पैसा है राज्य का भी कुछ हिस्सा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 350 करोड़ से ज्यादा अतिरिक्त भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार दो अधिकारी सस्पेंड किए गए हैं। राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हो सकते हैं। इसे देखते हुए उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की।
Bharatmala राजस्व मंत्री वर्मा ने बताया कि भूअर्जन में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई है। रायपुर विशाखापट्टनम भारत मामला परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया की अधिसूचना 2020 में जारी हुई और 2021 मं अवार्ड पारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में गड़बड़ी हुई है। अधिूसचना जारी होने के बाद रकबा का टुकड़ा किया गया। ट्रस्ट की जमीन का चेक निजी व्यक्ति को मिल गया। शिकायतें अब भी आ रही हैं।
इस पर डॉ. महंत ने कहा कि मेरी दो ही मांग है। पहली जिन- जिन अधिकारियों ने गड़बड़ किया है उन पर एफआईआर दर्ज करके जेल भेज दें और दूसरी पूरे मामले की सीबाअई जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसा हुआ है कि अफसर निलंबन के बाद बहाल हो जाते हैं और फिर आकर वही सब करते हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि जितनी भी शिकायतें आ रही हैं उनकी जांच की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
Bharatmala सीएम ने कहा- आपने तो सीबीआई को ही बैन कर दिया था
डॉ. महंत ने इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सीबीआई जांच की घोषणा करने का आग्रह किया। उन्होंने यहां तक कहा कि यह पूरा मामला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय की है, ऐसे में इसकी सीबीआई जांच की घोषणा करने में आपको को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजस्व मंत्री ने बहुत अच्छा उत्तर दिया है जो जांच होगी। उन्होंने कहा कि आपने तो सीबीआई को ही बेन करके रखा था। इस पर डॉ. महंत ने कहा कि यह सही है कि सीबीआई बेन रखा था, लेकिन सौभाग्य जागा है आपने खोल दी है। अभी जो जांच हो रही है उससे संतुष्ट नहीं है। आप सीबीआई से जांच करा दें।
Bharatmala डॉ. रमन बोले- आपका अनुभव मुझसे ज्यादा
इसके बाद डॉ. महंत ने इस मामले की विधायकों की समिति से जांच कराने की मांग की। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया। इस पर डॉ. रमन ने कहा कि आप भी 5 साल इस कुर्सी पर बैठे हैं प्रक्रिया को मुझसे ज्यादा जानते हैं। विधायकों की समिति का गठन शासन की सहमति से किया जाता है। डॉ. रमन ने कहा कि जो जांच चल रही है उसकी रिपोर्ट के आने के बाद आगे बढ़ सकते हैं। इस पर डॉ. महंत ने कहा कि मैं तो केवल 5 साल वहां बैठा हूं, आप 15 साल मुख्यमंत्री रहे हैं। डॉ. महंत ने कहा कि सरकार इसकी जांच नहीं कराएगी तो मैं इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाउंगा। पूरे मामले में सरकार के जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।