नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण को लेकर जनजाति सलाहकार परिषद का बड़ा फैसला
1 min readरायपुर। chaturpost.com (चतुरपोस्ट.कॉम)
बस्तर संभाग स्थित नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण को लेकर जनजाति सलाहकर परिषद की बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया है। परिषद ने इस संयंत्र के निजीकरण का विरोध करने का फैसला किया है। इस संबंध में परिषद की तरफ से केंद्र सरकार को पत्र भी भेजा जाएगा।
उल्लेनीय है कि नगरनार में एनएमडीसी ने स्टील प्लांट की स्थापना की है। इस संयंत्र के लिए सैकड़ों आदिवासियों ने अपनी जमीन दी है। अब केंद्र सरकार इस संयंत्र को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण (संशोधन) विधेयक-2022 और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) विधेयक-2022 के अनुमोदन की अनुशंसा की गई।
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बता दें कि इस आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इसका अनुमोदन न होने पर विभिन्न वर्गों के साथ-साथ अनुसूचित जनजाति वर्ग को भी नौकरियों में भर्ती तथा शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश संबंधी कठिनाईयां आ रही है।
इसके मद्देनजर आज छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में इसके अनुमोदन की अनुशंसा की गई। बैठक में नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का भी निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में सामुदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों पर त्वरित कार्यवाही की जाए।
जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में ये रहे शामिल
बैठक में आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष व विधायक रामपुकार सिंह, बस्तर सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव व विधायक शिशुपाल सोरी और इंद्रशाह मंडावी, विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, चक्रधर सिंह, लखेश्वर बघेल, चंदन कश्यप, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सदस्य व विधायक मोहन मरकाम, अनूप नाग, विनय भगत, गुलाब कमरो, पूर्व विधायक बोधराम कंवर सहित समिति के सदस्य केआर पिस्दा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव डीडी सिंह और आयुक्त शम्मी आबिदी उपस्थित थीं।
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