CBI भूपेश बघेल का बड़ा हमला: तर्कों के साथ लगाया महादेव एप के संचालकों को संरक्षण देने का आरोप

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CBI भूपेश बघेल का बड़ा हमला: तर्कों के साथ लगाया महादेव एप के संचालकों को संरक्षण देने का आरोप

CBI रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर महादेव सट्टा एप को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से मामला सीबीआई के सौंपने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हुई, वह भी संरक्षण दे रही है।

बघेल ने कहा कि हमने ही मामला उजागर कर कार्रवाई शुरु की और हमें ही निशाने पर ले लिया गया है। ईडी गिरफ़्तारी का झूठ फैलाती है और सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल प्रदीप मिश्रा के जजमान बनकर प्रवचन सुनते दिखते हैं।

प्रदेश कांग्रेस मुख्‍यालय में आयोजित इस प्रेसवार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ। चरणदास महंत, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, डॉ। शिवकुमार डहरिया मौजूद थे।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा नहीं चाहती महादेव एप पर कार्यवाही, हमने अपनी सरकार के दौरान महादेव एप पर कार्यवाही किया था इसलिए हमारे ऊपर छापेमारी की गई।

CBI जानिए.. भूपेश बघेल ने क्‍या कहा…

कल महादेव ऐप के मामले में सीबीआई ने देश भर में छापे मारे हैं।

इसमें मेरे घर पर और मुझसे जुड़े लोगों के घर पर भी छापे पड़े।

हमारे शासनकाल में महत्वपूर्ण पद संभाल रहे आईपीएस अधिकारियों के घर पर भी छापे डाले गए हैं

लेकिन बार बार सूचना और सबूत मिलते हैं कि महादेव ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में मज़े से रह रहे हैं।

ईडी ने छत्तीसगढ़ के अख़बारों में झूठी ख़बर छपवाई कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को गिरफ़्तार कर लिया गया है।

सच यह है कि कुछ ही दिनों बाद ये दोनों दुबई में पंडित प्रदीप मिश्रा के जजमान बने प्रवचन सुनते पाए गए।

हमने महादेव ऐप के ख़लिफ़ मार्च, 2022 में एफ़आईआर पहली एफ़आईआर दर्ज की थी लेकिन आज भी महादेव ऐप का संचालन हो रहा है और कारोबार मज़े से बढ़ता जा रहा है।

तो ज़ाहिर है कि महादेव ऐप चल रहा है और उसके दोनों संचालक स्वतंत्र घूम रहे हैं तो महादेव ऐप और उसके संचालकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का संरक्षण प्राप्त है।

साथ ही प्रदेश के स्तर पर राज्य की भाजपा सरकार का भी संरक्षण साफ़ है क्योंकि प्रदेश की पुलिस की ओर से हमारी सरकार जाने के बाद से कोई उल्लेखनीय कार्रवाई नहीं की गई है।

CBI यह को व्हिसिल ब्लोअर को ही पकड़ने का मामला है

प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो एसपी-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में महादेव ऐप का मामला उठा था।

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इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, मुख्यमंत्री के रूप में मैंने कार्रवाई करने के निर्देश दिए और मार्च, 2022 में पहला मामला दर्ज हुआ।

 इसके बाद एक एक करके कम से कम 74 मामले दर्ज हुए, 200 से अधिक लोग गिरफ़्तार हुए, दो हज़ार से अधिक बैंक खाते सीज़ हुए और सैकड़ों गैजेट्स ज़ब्त किए गए।

 प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में तैनात पुलिस अधिकारियों और ख़ुफ़िया विभाग की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका थी।

 दिसंबर, 2022 में हमने ऑनलाइन सट्टे पर रोक लगाने के लिए विधानसभा में जुआ एक्ट में संशोधन किया।

हमारी ओर से दर्ज मामले और आंध्र प्रदेश में दर्ज एक मामले के आधार पर ही ईडी ने मामला अपने हाथ में लिया।

CBI हमने ही गूगल प्ले स्टोर से महादेव ऐप को हटवाया।

 हमारी पुलिस ने ही केंद्रीय गृहमंत्रालय को महादेव ऐप के संचालकों की गिरफ़्तारी में सहयोग का पत्र लिखा। इसके बाद जून, 2023 को गृहमंत्रालय ने लुक आउट नोटिस जारी किया।

 मैंने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जितने भी अवैध ऑनलाइन बेटिंग और सट्टा कारोबार चल रहे हैं उन पर प्रतिबंध लगाया जाए।

 तो साफ़ ज़ाहिर है कि देश भर में चल रहे महादेव ऐप पर पहली और सबसे बड़ी कार्रवाई हमने शुरु की।

 हमने ही केंद्र सरकार को इस मामले में कार्रवाई का अनुरोध किया।

 लेकिन विडंबना देखिए कि ईडी ने मामला हाथ में लेते ही हमें ही निशाने पर रखा।

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 हम ही कार्रवाई कर रहे थे और हम पर ही संरक्षण का आरोप लगाया गया।

 अगस्त, 2023 को मेरे जन्मदिन के दिन ईडी ने मेरे राजनीतिक सलाहकार और मेरे दो ओएसडी के घर छापा मारा।

 दो नवंबर को रायपुर में नाटकीय ढंग से भाजपा के एक पूर्व मंत्री की भाई के कार में करोड़ों रुपए ईडी ने बरामद किए और मुझ पर ही गंभीर आरोप लगाने का षडयंत्र शुरु हुआ।

 इस कार को चला रहे असीम दास ने बाद में एक बयान जारी करके बताया कि उसे कैसे इस पूरे मामले में फंसाया गया।

 पांच नवंबर को यानी ठीक चुनाव से पहले भाजपा ने किसी शुभम सोनी का एक वीडियो जारी किया, जिसमें मुझ पर गंभीर आरोप लगाए गए।

 चुनाव निपट गए। हमारी सरकार नहीं रही। इसके बाद से आज तक न तो महादेव ऐप पर कोई कार्रवाई हुई और न यह मामला आगे बढ़ा।

 प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से सिर्फ़ एक कार्रवाई हुई, कथित तौर पर ईडी के अनुरोध के आधार पर ईओडब्लू ने एक एफ़आईआर दर्ज की।

 चूंकि ईडी को मुझ पर कार्रवाई करने का कोई आधार नहीं दिखा इसलिए ईओडब्लू की ओर से मेरा नाम एफ़आईआर में डाला गया।

 बाद में ईओडब्लू ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया।

 अब सीबीआई हमारे पीछे है। CBI

 हमने ही मामला दर्ज किया और हम पर ही कार्रवाई हो रही है।

 अगर हमें संरक्षण ही देना होता तो हम कार्रवाई शुरु ही क्यों करते?

CBI संरक्षण के सबूत

 चर्चा है कि दुबई में रह रहे सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने टैक्स हैवन कहे जाने वाले देश वानुआतु की नागरिकता ले ली है।

 कांग्रेस के आरटीआई विभाग के अध्यक्ष नितिन सिन्हा ने आरटीआई के ज़रिए जो कागज़ात निकाले हैं उससे पता चला कि वानुआतु के साथ भारत की प्रत्यार्पण संधि नहीं है।

 प्रत्यार्पण संधि न होने से वहां के नागरिकों को भारत नहीं लाया जा सकता।

 इसी लिए दुबई में महादेव ऐप के दोनों संचालक मज़े से घूम रहे हैं और वहां व्यावसाय चलाने के अलावा नया कारोबार करने में लगे हैं।

 हाल ही में ललित मोदी ने वानुआतु की नागरिकता लेने की कोशिश की तो भारत सरकार ने फ़ौरन हस्तक्षेप करके उसे रुकवा दिया।

 तो सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के मामले में भारत सरकार ने ऐसा हस्तक्षेप नहीं किया।

 आरटीआई से मिली जानकारी में दुबई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के अनुसार उनके पास सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को गिरफ़्तार करने संबंधी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।

 यानी कोई पत्राचार हुआ ही नहीं। CBI

CBI कल के छापे का षडयंत्र

 कल मेरी अनुपस्थिति में मेरे रायपुर स्थित शासकीय निवास में सीबीआई आई और मेरी अनुपस्थिति में ही कार्रवाई की।

 न तो इसकी सूचना दी गई और न मुझसे सहमति ली गई।

 अगर मैं उपस्थित नहीं था तो अधिकतम इसे सील किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुई।

 मेरे घर के सामने कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीबीआई की टीम को बड़े बैग लेकर जाते देखा लेकिन उनकी मांग पर भी बैग उन्हें नहीं दिखाया गया।

 मीडिया को दिखाने के लिए शासकीय आवास की छत पर भी मैटल डिटेक्टर लेकर नाटकीयता पैदा करने की कोशिश हुई।

 यह मेरे खिलाफ कोई षडयंत्र दिखता है।

 मेरे भिलाई स्थित निवास पर कार्रवाई के दौरान कोई महिला अधिकारी नहीं थी, जबकि मेरे घर पर मेरी धर्मपत्नी के अलावा बहू और बेटियां भी मौजूद थीं।

 सुना है कि किसी भी जगह महिला कर्मी नहीं गईं थीं।

 यह मानवाधिकार हनन का और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के उल्लंघन का मामला है।

पत्रकार वार्ता में प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र तिवारी, कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा, वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, अजय साहू, नीरज पांडेय, अरूण ताम्रकार उपस्थित थे।

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