April 2, 2025

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CBI ने जारी किया बयान बताया- पूर्व CM, MLA यादव और IPS अफसरों के ठिकानों पर क्‍या मिला  

CBI ने जारी किया बयान बताया- पूर्व CM, MLA यादव और IPS अफसरों के ठिकानों पर क्‍या मिला

CBI रायपुर। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने आज पूर्व सीएम भूपेश बघेल, उनके राजनीतिक सलाहकार रहे विनोद वर्मा, विधायक देवेंद्र यादव के साथ राज्‍य के चार वरिष्‍ठ आईपीएस अफसरों के ठिकानों के साथ ही देश के अलग-अलग राज्‍यों में 60 से ज्‍यादा ठिकानों पर छापामार कार्यवाही की है। छापे में छत्‍तीसगढ़ के साथ ही मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल, कोलकाता और दिल्‍ली में मारे गए हैं।

सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने आज तड़के कांग्रेस विधायक, पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव और छत्‍तीसगढ़ के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित‍ि निजी निवास के साथ ही रायपुर के सरकारी आवास में दबिश दी। सीबीआई की टीमें रायपुर में आईपीएफ अफसरों के भी सरकारी बंगलों में पहुंची हैं। दिनभर चली जांच के बीच सीबीआई की तरफ से छापों को लेकर एक लिखित बयान जारी किया गया है।

CBI  जानिए.. छापों को लेकर क्‍या कहा सीबीआई ने   

सीबीआई की तरफ से जारी लिखित बयान में बताया गया है कि छापे की यह कार्यवाही महादेव सट्टा एप की जांच के सिलसिले में की गई है। एजेंसी ने बताया कि छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली में 60 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है। इनमें राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के प्रमुख पदाधिकारियों और मामले में शामिल होने के संदिग्ध अन्य निजी व्यक्तियों से जुड़े परिसर शामिल हैं।

सीबीआई ने अपने बयान में बताया है कि महादेव बुक के प्रमोटर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर इस वक्‍त दुबई में रहते हैं। जांच से पता चला है कि प्रमोटरों ने अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क को  चलाने के लिए लोक सेवकों को “सुरक्षा धन” के रूप में बड़ी मात्रा में भुगतान किया। शुरू में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) रायपुर द्वारा दर्ज किया गया, बाद में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वरिष्ठ सार्वजनिक अधिकारियों और अन्य आरोपी व्यक्तियों की भूमिका की व्यापक जांच के लिए मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। तलाशी के दौरान डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। तलाशी जारी है।

CBI  इन लोगों के यहां पहुंची सीबीआई

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार विनोद वर्मा, OSD मनीष बंछोर, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, IPS आनंद छाबड़ा , IPS आरिफ शेख, IPS अभिषेक पल्लव, ASP संजय ध्रुव , ASP अभिषेक माहेश्वरी और दो सिपाही नकुल-सहदेव।

वाहनों की भी ली गई तलाशी

जांच के दौरान सीबीआई की टीमों ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बंगलों में खड़े वाहनों की भी जांच की। एजेंसी के अफसरों ने हर एक गाड़ी का नंबर नोट करने के बाद गाड़ी के अंदर भी जांच किया।

CBI  इन अफसरों के यहां सीबीआई ने दी है दबिश

आनंद छाबड़ा: आईपीएस आनंद छाबड़ा तत्कालीन रायपुर आईजी थे और इन पर इंटेलीजेंस का भी जिम्मा था। आरोप है कि छाबड़ा को 20 लाख रुपए महीने मिलते थे। यह पैसे एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी पहुंचाते थे। 

आरिफ शेख: आईपीएस आरिफ शेख तत्कालीन एसएसपी रायपुर थे। आरिफ एसीबी और ईओडब्ल्यू के भी चीफ थे। आरोप है कि इन्‍हें 10 लाख रुपए महीने मिलते थे। यह पैसे भी एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी पहुंचाते थे।

अभिषेक पल्लव: आईपीएस अभिषेक पल्लव तत्कालीन एसपी दुर्ग थे। आरोप है कि इनको 10 लाख रुपए महीने दिए जाते थे। इन तक पैसे पहुंचाने का काम कांस्टेबल भीम यादव का था।

प्रशांत अग्रवाल: आईपीएस प्रशांत अग्रवाल तत्कालीन एसपी दुर्ग थे। आरोप है कि इनको 10 लाख रुपए महीने भेजे जाते थे। यशवंत साहू इन पैसे पहुंचाता था।

एडिशनल एसपी संजय ध्रुव: संजय ध्रुव राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। आरोप है कि इन्‍हें 20 लाख रुपए महीने मिलता था। इन तक ये पैसे पहुंचाने का काम कांस्टेबल अमित दुबे के पास था।

एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी: जांच एजेंसियों का दावा है कि राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अभिषेक माहेश्वरी को सबसे तगड़ा कमीशन मिलता था। इनके पास एडिशनल एसपी इंटेलीजेंस और एडिशनल एसपी रायपुर का जिम्मा था। इनके पास 35 लाख रुपए महीना लेते थे। ये पैसा कांस्टेबल संदीप दीक्षित, रोहित उप्पल, राहुल उप्पल और प्रशांत त्रिपाठी पहुंचाते थे

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