CG Cabinet: विष्णुदेव सरकार ने पलटा भूपेश सरकार का एक और फैसला, कैबिनेट की बैठक में लिया गया निर्णय
CG Cabinet: रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य कैबिनेट की बैठक में सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला राज्य के नगरीय निकाय चुनावों को लेकर है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के नगर निगमों में महापौर, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष का चुनाव फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला किया है। यानी राज्य में महापौर और अध्यक्षों का चुनाव फिर एक बार सीधे जनता करेगी।
बता दें कि 2019 के निकाय चुनाव से पहले राज्य में यही व्यवस्था लागू थी, लेकिन भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक्ट में संशोधन कर दिया। इसके साथ ही महापौर और अध्यक्षों का चुनाव निर्वाचित पार्षदों के बीच से पार्षदों के माध्यम से किया गया।
कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में जब यह संशोधन का प्रस्ताव लाया था तब विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने इसका जमकर विरोध किया था। विष्णुदेव साय सरकार ने फिर इस फैसले को पटल दिया है। राज्य सरकार की तरफ से नियमों में संशोधन के लिए आगामी शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडियो को जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 और छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 के प्रारुप का कैबिनेट ने अनुमोदन कर दिया है।
CG Cabinet: इसके साथ ही कैबिनेट ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व और आरक्षण के संबंध में स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर दिया है। इससे अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण के प्रावधान की स्वीकृति पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन में प्राप्त अनुशंसा के अनुसार दी गई है।
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण संबंधी प्रावधानों में संशोधन किए जाने हेतु विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया है।
CG Cabinet: पर्यटन को उद्योग का दर्जा
राज्य सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का निर्णय लिया है। इससे छत्तीसगढ़ में साहसिक, जल पर्यटन, मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, पर्यटन की इकाईयों, लैंड बैंक में निजी निवेश को आकर्षित और प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। इससे स्टेक होल्डर प्रोत्साहित होंगे। पर्यटन संबंधी अधोसंरचना का विकास होगा। पर्यटन से संबंधित पूंजी निवेश बढ़ेगा। राज्य में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के अनुकूल सुख-सुविधाओं का विकास होगा। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे।
बिलासपुर हाईकोर्ट का फैसला: अंडरटेकिंग के बावजूद सरकारी कर्मचारी से नहीं की जा सकती रिकवरी