
CG रायपुर। नई दिल्ली में शनिवार को आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के विकास का मॉडल पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में साय ने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था को 75 लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य है।
जानिए.. क्या है 3T मॉडल
साय ने बताया कि लक्ष्य हासिल करने के लिए बनाए गए 3T मॉडल की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 3T यानी Technology, Transparency, Transformation। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में किए जा रहे प्रशासनिक सुधारों की भी जानकारी दी। बताया कि प्रशासन में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार की हर योजना की डिजिटल ट्रैकिंग की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में छत्तीसगढ़ की भी अहम भूमिका होगी।
CG जानिए.. छत्तीसगढ़ में रेल और सड़क नेटवर्क
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क को 1100 किलोमीटर से बढ़ाकर 2200 किलोमीटर तक ले जाने का कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर 21 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। रायपुर एयरपोर्ट से अब कार्गो सेवा भी प्रारंभ हो चुकी है, जिससे राज्य एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में उभर रहा है।
स्टील और बिजली उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य
स्टील, कोयला, डोलोमाइट और लिथियम जैसे संसाधनों की उपलब्धता के कारण छत्तीसगढ़ औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य बनता जा रहा है। स्टील उत्पादन क्षमता को 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन और बिजली उत्पादन को 2030 तक देश में शीर्ष स्थान तक ले जाने का लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां लिथियम ब्लॉक की सफल नीलामी हुई है। यह उपलब्धि ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
CG राज्य में किए गए 350 से ज्यादा नीतिगत सुधार
सीएम ने बताया कि राज्य में 350 से अधिक नीतिगत सुधार किए गए हैं। जमीन पंजीकरण जैसा काम अब केवल 500 रुपए में घर बैठे संभव गया है।
नीति आयोग में छत्तीसगढ़ के 2047 रोडमैप की प्रमुख बातें
1. छत्तीसगढ़ – ऊर्जा और उद्योग की रीढ़
छत्तीसगढ़ बिजली, कोयला, स्टील और सीमेंट जैसे संसाधनों के माध्यम से भारत की औद्योगिक नींव को सुदृढ़ करता है। छत्तीसगढ़ की यह विशिष्टता देश के आर्थिक विकास को मजबूत आधार प्रदान करती है।
2. खेती और जंगल – ग्रामीण समृद्धि का आधार
कृषि, मछलीपालन और वनोपज आधारित आजीविका से ग्रामीणों और आदिवासियों की आय और आत्मनिर्भरता बढ़ी है जो आदिवासी और ग्रामीण जीवन की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन को परिलक्षित करता है।
3. आदिवासी अधिकारों में नई क्रांति
आदिवासी परिवारों को जमीन का अधिकार पाने की प्रक्रिया सरल होने से आदिवासियों का सुरक्षा और सम्मान बढ़ेगा, जो सामाजिक न्याय और अधिकारों की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।
4. HHH मॉडल से पर्यटन को नया विस्तार:
HHH मॉडल के माध्यम से हॉस्पिटैलिटी, हाउसिंग और हैंडीक्राफ्ट के जरिए स्थानीय महिलाओं और कारीगरों को रोजगार मिलने के साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिलेगी।
5. डिजिटल बदलाव से प्रशासन में पारदर्शिता और गति
अब सरकारी कामों में तकनीक का ज़्यादा इस्तेमाल हो रहा है। छत्तीसगढ़ ने “3T” मॉडल अपनाया है – टेक्नोलॉजी, ट्रांसपेरेंसी और ट्रांसफॉर्मेशन। इसका मतलब है कि सरकारी काम अब साफ-सुथरे और जल्दी होंगे। ऑनलाइन फॉर्म, समय पर सेवाएं और आसान प्रक्रिया से जनता का भरोसा बढ़ेगा। यह भ्रष्टाचार को घटाकर जनता के विश्वास को मजबूत करता है।
6. नीतिगत नेतृत्व में अग्रणी राज्य
अब छत्तीसगढ़ सिर्फ संसाधन बहुल राज्य नहीं, बल्कि नीति और प्रशासन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के विचार को छत्तीसगढ़ पूरी लगन से लागू कर रहा है। अब तक 350 से ज्यादा सरकारी सुधार किए गए हैं।
7. सड़क परिवहन और हवाई सुविधाओं की बढ़ी रफ्तार
11 साल में 21,380 करोड़ से नई सड़कें बनीं। अब जगदलपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर एयरपोर्ट का सीधा सम्पर्क देश के विभिन्न क्षेत्रों से बन चुका है।
8. रेल सुविधाओं का विस्तार
राज्य में 161 साल में 1100 किमी रेल लाइन बनी थी। अब 2030 तक ये दोगुनी होकर 2200 किमी होगी जो कनेक्टिविटी को बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।