CG Congress: कका और बाबा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, AICC ने जारी किया आदेश….
1 min readCG Congress: रायपुर। छत्तीसगढ़ के दो पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। दोनों राज्यों में चुनावी माहौल बन चुका है। चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां दूसरे राज्यों के नेताओं को भी वहां चुनाव में तैनात कर रही हैं। छत्तीसगढ़ के दो बड़े नेताओं को भी महाराष्ट्र चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को महाराष्ट्र चुनाव में जिम्मेदारी दी है। अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव की तरफ से इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने पांच नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी है।
CG Congress: जानिए.. महाराष्ट्र चुनाव में भूपेश बघेल को क्या मिल है जिम्मेदारी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विदर्भ क्षेत्र जिसमें अमरावती और नागपुर आता है, उसकी जिम्मेदारी दी गई है। बघेल के साथ ही चंद्रजीत सिंह चन्नी और उमांग सिंगहार को भी विदर्भ में तैनात किया गया है। विदर्भ का क्षेत्र छत्तीसगढ़ से लगा हुआ है।
जानिए.. टीएस सिंहदेव को क्या मिली है जिम्मेदारी
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को पश्चिमी महाराष्ट्र के विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है। सिंहदेव के साथ ही एमपी पाटिल को भी इस क्षेत्र का प्रभार दिया गया है। सिंहदेव विधानसभा का पिछला चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें लगातार बड़ी जिम्मेदारी मिल रही है।
CG Congress: कभी कहलाती थी जय और विरु की जोड़ी
टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ में अपने इस नाम से ज्यादा बाबा के नाम से जाने जाते हैं। वहीं, भूपेश बघेल जब मुख्यमंत्री थे, तो लोग उन्हें कका कहने लगे थे। बघेल और सिंहदेव की जोड़ी 2018 से पहले जब कांग्रेस विपक्ष में थी तब राजनीति के मैदान की सुपरहीट जोड़ी कही जाती थी, इसे जय और विरु की जोड़ी कहा जाता था।
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बघेल कई बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में सिंहदेव का पैर छूते नजर आते थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला। पार्टी 90 में से 69 सीट जीती। इसका सबसे ज्यादा श्रेय सिंहदेव को दिया गया, क्योंकि पार्टी का घोषणा पत्र उन्होंने ही तैयार किया था। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दोनों नेताओं के बीच मनभेद हो गया।