CG Finance CG में विभाग प्रमुख और कलेक्टरों के लिए खर्च की नई सीमा तय, वित्त विभाग ने जारी किया निर्देश
CG Finance रायपुर। वित्त विभाग राज्य के विभाग प्रमुखों और कलेक्टरों के लिए खर्च की नई सीमा तय कर दी गई है। जारी निर्देश में विधानसभा की जानकारी में लाए बिना खर्च नहीं करने के लिए कहा गया है। किसी खर्च को नई सेवा या सेवा के नए साधन के रूप में यानी खर्च की नई मद के रूप में माने जाने के लिए वित्त विभाग की तरफ से वित्तीय सीमाएं निर्धारित की गई थी। विधानसभा की प्राक्कलन समिति के अनुमोदन से नवीन वित्तीय सीमाएं और मापदंड तय किया गया है।
स्थापना: वे प्रस्ताव जिनमें वित्तीय खर्च रुपये एक करोड़ प्रति वर्ष से अधिक हो,
टिप्पणीः- किसी विभागाध्यक्ष स्थापना अथवा विभागाध्यक्ष न होने की स्थिति में शासन के संबंधित प्रशासकीय विभाग द्वारा किसी विशिष्ट बजट शीर्ष से किए जाने वाले खर्च के संबंध में ऊपर उल्लेखित सीमा एक पूरे वर्ष में नवीन स्वीकृत स्थापना पर होने वाले संचयी खर्च पर लागू होगी ।
CG Finance जानिए- वेतनमानों का पुनरीक्षण
यदि केवल कुछ विशेष पदों अथवा एक वर्ग में सम्मिलित सभी पदों के वेतन पुनरीक्षण का प्रभाव किसी एक पूरे वर्ष में रुपये 1.00 करोड़ से अधिक न हो तो वह नई सेवा नहीं होगी, किन्तु, यदि यह रुपये एक करोड़ से अधिक हो, तो “नई सेवा” मानी जाएगी ।
टिप्पणीः- वेतनमानों के पुनरीक्षण के उद्देश्य से नियुक्त वेतन आयोग / समिति की अनुसंशाओं के फलस्वरूप यदि वेतनमान पुनरीक्षित किए जाते हैं तो यह नई सेवा नहीं होगी, औरपि ऐसे वेतन आयोग / समिति की अनुशंसाओं को स्वीकार करने संबंधी निर्णय विधान सभा के ध्यान में लाया जाएग।
जानिए- वाहन खरीदी की क्या है नई सीमा
निष्प्रयोजन घोषित वाहन के बदले में क्रय किए गए वाहन (प्रतिस्थापित दो पहिया, तिपहिया वाहन) को छोड़कर (आटो-शक्ति या आंतरिक दहन इंजन से चलित) वाहनों का क्रय नई सेवा माना जाएगा। निष्प्रयोजन घोषित वाहनों को नीलामी / विक्रय से प्राप्त राशि शासन के खाते में जमा करने के बाद प्रतिस्थापित करना “नई सेवा” नहीं माना जाएगा ।
CG Finance कार्यालय-खर्च की भी सीमा तय
प्रत्येक कार्यालय के लिए रुपये दो लाख और विभागाध्यक्ष कार्यालय के लिए रुपये पांच लाख वार्षिक से अधिक खर्च “नई सेवा” माना जाएगा ।
टिप्पणीः- कार्यालयीन खर्च में वे सभी आकस्मिक खर्चे, जो एक कार्यालय को चलाने के लिए आवश्यक है, सम्मिलित हैं, जैसे फर्नीचर, टाइप रायटर, डुप्लीकेटर्स, टेलीफोन, इंटरकाम, केलक्यूलेटर, बिजली के पंखे, सायकिल, स्टील रेक या आलमारी पर्दे इत्यादि, लैपटॉप, प्रोजेक्टर, कम्प्यूटर, वर्ड प्रोसेसर्स, फेक्स, टेलीप्रिंटर्स, एयर कंडीश्नर, वाटर कूलर, रूम कूलर और फोटो कापीयर को कार्यालयीन खर्च माना जाएगा।
उपरोक्त वस्तुओं को निष्प्रयोजन घोषित कर उनकी नीलामी और विक्रय-राशि को शासन के खाते में जमा करने के बाद बदलना “नई सेवा” नहीं मान्य किया जाएगा,
CG Finance जानिए क्या है आयोग और समितियों की खर्च की सीमा
कोई समिति/आयोग (वैधानिक अथवा अन्य प्रकार की) जिसके गठन / नियुक्ति के प्रथम वर्ष में वार्षिक खर्च रुपये 20 लाख से अधिक हो “नई सेवा” होगा ।
मेला अथवा प्रदर्शनी इत्यादि
प्रत्येक प्रकरण में निम्नानुसार सीमा से अधिक खर्च “नई सेवा” माना जाएगाः-
जिला स्तरीय मेला 20 लाख
संभाग स्तरीय मेला 50 लाख
राज्य स्तरीय मेला एक करोड़
राष्ट्रीयकृत / राज्य से बाहर मेला दो करोड़
प्रचार-उद्देश्य से पुस्तिका / विज्ञापन का प्रकाशन, फिल्म-निर्माण / तैयार करना इत्यादि प्रत्येक प्रकरण में रुपये दो लाख से अधिक खर्च
CG Finance डिक्रीधन का भुगतान
इस श्रेणी के लिए बजट में भारित खर्च के रूप में एक मुश्त प्रावधान किया जा सकता है। जब प्रावधान समाप्त हो जाए तो अधिकांश ग्रांट्स में वह पुनर्विनियोजन द्वारा प्राप्त नहीं हो पाता, ऐसे प्रकरणों में पूरक विनियोजन अथवा आकस्मिकता निधि से अग्रिम प्राप्त करने के बाद ही अतिरिक्त खर्च किया जा सकता है, इस प्रकार के खर्च की वे सभी मदें जो रुपये 25.00 लाख से अधिक की हों, विशिष्ट रूप से विधान सभा की जानकारी में लाई जानी चाहिए और इस प्रयोजन के लिए रुपये 25.00 लाख से अधिक का खर्च “नई मद” माना जाएगा।
CG Finance अतिरिक्त सहायक अनुदान / आर्थिक सहायता
1. सामाजिक क्षेत्र में दिए जाने वाले आवर्ती/अनावर्ती अनुदान 10 लाख से अधिक
2. अन्य सभी प्रकार के आवर्ती अनुदान पांच लाख से अधिक
3. अन्य सभी प्रकार के अनावर्ती अनुदान 10 लाख से अधिक
टिप्पणीः- ऐसा अनुदान आर्थिक सहायता जो पहले कभी न दिया गया हो या ऐसे उद्देश्य जिस के लिए पहले अनुदान कभी न दिया गया, वह चाहे कितनी भी राशि का हो “नई सेवा” मान्य होगा।
4. खाद्य सब्सिडी रुपये 4 करोड़ से अधिक
5. अन्य सब्सिडी रुपये 20 लाख से अधिक
CG Finance निर्माण कार्य के लिए खर्च की सीमा
2 करोड़ से अधिक के प्रत्येक कार्य या एक ही प्रकार के कार्य समूह के लिए जो एक ही प्रकार/आकार के हों और एक साथ किए जा रहे हों, नवीन मद होगा, यह उन सभी कार्यों पर लागू होगा जो लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग या अन्य किसी कार्य विभाग द्वारा कराए जाएगें। प्रशासकीय विभाग और वित्त विभाग सुनिश्चित करेंगे किः-
(i) विधान सभा में पारित करने के लिए प्रस्तुत बजट में “खर्च की नवीन मदें” विशिष्टतः / स्पष्टतः दर्शाई जाएगी।
(ii) प्रत्यायोजित वित्तीय अधिकारों के तहत किसी अधिकारी द्वारा जारी प्रत्येक स्वीकृत आदेश में इस विषयक एक प्रमाण-पत्र अंकित किया जाएगा किः-
(अ) इस स्वीकृति आदेश में सम्मिलित कोई भी खर्च वित्त विभाग द्वारा जारी नवीनतम आदेशों के अंतर्गत “खर्च की नवीन मद” की श्रेणी में नहीं आता है, अथवा
(ब) इस स्वीकृति आदेश द्वारा स्वीकृत खर्च (विवरण दिए जाए) “खर्च की नवीन मद” की श्रेणी में आते हैं और इसके लिए
(क) विधानसभा का अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है, या
(ख) आकस्मिकता निधि से अग्रिम प्राप्त किया गया है, और
(iii) इस उद्देश्य के लिए समुचित बजट प्रावधान उपलब्ध है।
CG Finance सामग्री आपूर्ति
सामग्री आपूर्ति मद में क्रय की जाने वाली सामग्री जो कार्यालय खर्च की श्रेणी में नहीं आती है, प्रत्येक संस्था के लिए रुपये 10 लाख से अधिक का खर्च नवीन मद होगा।
टिप्पणीः- सामग्री और आपूर्ति के अंतर्गत् किए जाने वाले प्रावधान यदि योजना में नवीन मद के रूप में प्रावधानित है तो इन्हें पृथक से नवीन मद की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा जैसे शाला, छात्रावास, स्वास्थ्य केन्द्र, अस्पताल प्रारंभ करने के लिए लगने वाली सामग्री।
CG Finance मशीनें और उपकरण की खरीदी
यदि मुख्य बजट / पूरक मांग में मदवार / वस्तुवार बजट प्रावधान किया गया है तो ऐसे कार्य जिनके लिए प्रशासकीय/वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई हो या जो पिछले वर्षों के बकाया स्वरूप के कार्य हो, के लिए औजार, प्लांट और अन्य आवश्यक मशीनों या निर्माण उपकरणों पर होने वाला खर्च “नवीन मद” नहीं माना जाएगा, चाहे लागत कितनी भी हो। अन्य सभी प्रकरणों में, जिनमें खर्च रुपये एक करोड़ से अधिक हो “खर्च की नवीन मद” माने जाएंगे, बजट में खर्च का एक मुश्त अर्थात् क्रय की जाने वाली मशीनों इत्यादि की संख्या किस्म बताये बिना, प्रावधान किया जाना कड़ाई के साथ हतोत्साहित किया जाएगा।
CG Finance शासकीय कंपपिनयों (सार्वजनिक उपक्रमों सहित) और विभागीय उपक्रमों में पूंजी निवेश और दिए जाने वाले ऋण
(अ) नई शासकीय कम्पनी की स्थापना अथवा दो या दो से अधिक शासकीय कम्पनियों का एकीकरण “सेवा की नई मद” होगा।
(ब) किसी वर्तमान उपक्रम या सार्वजनिक उपक्रम में अतिरिक्त पूंजी निवेश अथवा वित्तीय संस्थाओं को दिए गए ऋण निम्नानुसार परिस्थिति में खर्च की नवीन मद होगें:-
यदि गत वित्तीय वर्ष के अंत में उस इकाई में शासन का कुल पूंजीनिवेश :-
(i) रुपये 5.0 करोड़ से अधिक नहीं है, तो एक करोड़ रूपयें से अधिक का प्रस्तावित पूंजीनिवेश “नई सेवा” माना जाएगा।
(ii) रुपये पांच करोड़ से अधिक किन्तु 15 करोड़ से अधिक नहीं है। तो तीन करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्तावित पूंजीनिवेश “नई सेवा” माना जाएगा।
(iii) 15 करोड़ अधिक, तो गत वित्तीय वर्ष के अंत में उस इकाई में कुल पूंजीनिवेश का 15 प्रतिशत या अधिक का प्रस्तावित निवेश “नई सेवा” माना जाएगा।
(स) सभी अल्पावधि ऋण (कार्यशील पूंजी सहित) जिनकी वसूली पांच वर्ष के अंदर की जानी है, “नई सेवा” माने जावेंगे ।
CG Finance निजी कंपनियों / उपक्रमों में पूंजीनिवेश और उन्हें दिए जाने वाले ऋण
निम्नलिखित को “खर्च की नवीन मद” माना जाएगाः-
(i) निजी कंपनियों / उपक्रमों में प्रथम बार किया गया पूंजीनिवेश और उन्हें प्रथमबार दिए गए ऋण, चाहे राशि कुछ भी हो।
(ii) निजी कंपनियों /उपक्रमों जिनमें शासन पहले से ही शेयर होल्डर हैं, में निम्नलिखित रूप में किया गया पूंजीनिवेश और दिया गया ऋण-
रुपये पांच लाख से अधिक के साधारण शेयरों की खरीदी, रुपये 10 लाख से अधिक के ऋण शासकीय कंपनियों द्वारा निजी कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम का गठन नई सेवा माना जाएगा।
टिप्पणीः-किसी निजी कंपनी के, जिसमें शासन पहले से ही शेयर होल्डर हैं, राइट्स / बोनस शेयरों की खरीदी “नवीन मद” नहीं होगी।
CG Finance सहकारी संस्थाओं में अंशपूंजी और / या ऋण के रूप में निवेश
(i) अपैक्स स्तरीय संस्थाएं रुपये एक करोड़ से अधिक
जिला स्तरीय बैंक और सहकारी संस्थाएं-प्रत्येक प्रकरण में रुपये 40 लाख
अन्य सभी संस्थाएं-प्रत्येक प्रकरण में रुपये 5 लाख
टिप्पणीः- रुपये 10 लाख से अधिक के सभी अल्पावधि ऋण नवीन मद होंगे जब तक कि
भारत शासन से तत्स्थानी ऋण प्राप्त करने के बाद नहीं दिए गए हों, या जो तकाबी ऋण के स्वरूप के न हों
CG Finance स्थानीय निकायों को लोक निर्माण कार्य के लिए ऋण और अनुदान
प्रत्येक प्रकरण में रुपये 50 लाख से अधिक ऋण।
प्रत्येक प्रकरण में रुपये 25 लाख से अधिक के अनुदान औरपि, विधि द्वारा स्थापित किसी स्थानीय संस्था / प्राधिकरण को दिए गए रुपये 25 लाख से अधिक के अग्रिम / ऋण जो राज्य शासन की ओर से किसी लोक निर्माण कार्य सम्पन्न करने के लिए दिए गए हो, “खर्च की नवीन मद” नहीं होंगे।
CG Finance स्थानीय संस्था, व्यक्ति आदि को दिए गए ऋण और अग्रिम
प्रत्येक प्रकरण में रुपये 25 लाख से अधिक जब ऋण ब्याज सहित हो और प्रथम बार दिया गया हो और जब ऋण ब्याज रहित हो तो रुपये 5 लाख से अधिक के सभी प्रकरण ।
कोई ऋण जो इस प्रकार का हो कि पूर्व में कभी न दिया गया हो, चाहे कितनी भी राशि का हो नवीन मद होगा ।
CG Finance नई योजनाएं
कोई भी नई योजना जो रुपये एक करोड़ से अधिक का है नवीन मद होगा ।
CG Finance सामान्य
किसी योजना को जिसके लिए बजट में “नई सेवा” के रूप में प्रावधान रखा गया हो लेकिन उसको उसी वर्ष के दौरान क्रियान्वित न किया जा सका हो, अगर उसे अगले वर्ष में हाथ में लिया जाता है तो सिर्फ इसलिए ही उसे “नई सेवा” नहीं मान लिया जाएग।
फर्नीचर, उपकरण, मोटर वाहनों और मशीनों के प्रतिस्थापन “नई सेवा” न होंगे।
CG Finance सेवा के वर्गीकरण और प्रकार में तब्दीली
जहां खर्च किसी वर्तमान सेवा पर किया जाना हो लेकिन बजट प्रावधान गलती से किसी दूसरे शीर्ष के अधीन रख दिया गया हो अथवा लेखा वर्गीकरण में तब्दीली के कारण खर्च को दूसरे शीर्ष के अधीन करना पड़ा हो, वहां ऐसा खर्च “नई सेवा” न होगा।
जहां “राजस्व” के अधीन प्रावधान समर्पित कर दिए जायें और उतना ही खर्च “पूंजी” के अधीन किया जाना प्रस्तावित हो अथवा इसका विषय उपर्युक्त पैराग्राफ 1 से 18 तक के अनुदेश यह निश्चित करने के लिए लागू किए जायेंगे कि क्या प्रस्तावित खर्च “नई मद” है या नहीं।
“नई सेवा” के उपर्युक्त पुनरीक्षित मापदण्ड, शासन के सामान्य प्रशासन विभाग (संघटन एवं कार्यप्रणाली) के ज्ञापन क्रमांक 221-141-एक-ओ. एण्ड एम., दिनांक 19 नवम्बर, 1959 द्वारा जारी किए गए आदेशों के पैरा 3 के स्थान पर स्थापित होंगे, उस ज्ञापन के अन्य पैराग्राफों में अंतर्विष्ट आदेश अपरिवर्तित रहेंगे।