CG Industrial Policy 2024-30:औद्योगिक नीति 2024-30: फार्मास्युटिकल सेक्टर में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन
1 min readCG Industrial Policy 2024-30: रायपुर। औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत राज्य में निवेश के आधार पर फार्मास्युटिकल क्षेत्र की Formulations, Active Pharmaceutical Ingredients (API), Key Starting Material (KSM), Drug Intermediates (DI) and Medical Devices के उद्यमों एवं भारत सरकार द्वारा इस सेक्टर के अंतर्गत मान्य परिभाषा एवं समय-समय पर किए गयें संशोधनों के अनुसार नवीन उद्यम की स्थापना तथा मौजूदा उद्यमों के विस्तार/शवलीकरण / प्रतिस्थापन / आधुनिकीकरण के प्रकरणों में निवेशक इकाईयों को उनके द्वारा परियोजना में स्थाई पूंजी निवेश की मदों पर निवेश होने वाली राशि के 100 प्रतिशत (अन्यथा प्रावधानित होने पर यह सीमा तदानुसार होगी) तक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
CG Industrial Policy 2024-30: इस पैकेज में अनुदान/छूट/रियायतें / प्रतिपूर्ति की निम्नानुसार सुविधाएं दी जा सकेंगी
नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) प्रतिपूर्ति-
वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 12 वर्ष तक भुगतान किए गये नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी), अधिकतम स्थायी पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति की जाएगी।
अथवा
स्थायी पूंजी निवेश अनुदान
राज्य में नवीन फार्मास्युटिकल उद्यम की स्थापना तथा मौजूदा उद्यमों के विस्तार / शवलीकरण / प्रतिस्थापन / आधुनिकीकरण के प्रकरणों में निम्नलिखित विवरण अनुसार स्थायी पूंजी निवेश अनुदान दिया जाएगा-
नोटः- (1) बिन्दु कमांक 1 में दर्शित नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) प्रतिपूर्ति अथवा स्थायी पूंजी निवेश अनुदान में से कोई एक सुविधा विकल्प चयन के आधार पर ली जा सकेगी। इस के लिए एक बार लिया गया विकल्प अपरिवर्तनीय होगा। विकल्प चयन करने के लिए निवेशक को विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में विकल्प पत्र शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा।
(2) स्थायी पूंजी अनुदान की प्रथम किश्त का भुगतान उत्पादन प्रारंभ करने के बाद प्रस्तुत आवेदन पर निर्धारित स्वीकृति के बाद किया जा सकेगा।
(2) विद्युत शुल्क छूट:- राज्य में केवल नवीन फार्मास्युटिकल उद्यम को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 12 वर्ष तक की विद्युत शुल्क छूट प्रदान की जाएगी।
स्टाम्प शुल्क से छूट :-
राज्य में नवीन फार्मास्युटिकल उद्यम की स्थापना तथा विस्तार / शवलीकरण / प्रतिस्थापन / आधुनिकीकरण के प्रकरणों में भूमि, मौजूदा उद्यमों के शेड तथा भवनों के क्रय/पट्टे पर लिए जाने के मामले में निष्पादित किए जाने विलेखों पर संबंधित भूमि लीज के विलेखों पर स्टाम्प शुल्क से पूर्ण छूट प्रदान किया जाएगा।
(4) पंजीयन शुल्क प्रतिपूर्ति :-
राज्य में नवीन फार्मास्युटिकल उद्यम की स्थापना तथा मौजूदा उद्यमों के विस्तार/शवलीकरण / प्रतिस्थापन / आधुनिकीकरण के प्रकरणों में उद्यमों को भूमि पर देय पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति प्रदान किया जाएगा।
CG Industrial Policy 2024-30: भू उपयोग में परिवर्तन शुल्क में छूट :-
राज्य में नवीन फार्मास्युटिकल उद्यम की स्थापना तथा मौजूदा उद्यमों के विस्तार / शवलीकरण / प्रतिस्थापन / आधुनिकीकरण के प्रकरणों में भू-उपयोग परिवर्तन (औद्योगिक प्रयोजन होने पर) अधिकतम 50 एकड़ भूमि तक के लिए भू-पुर्ननिर्धारण कर (डायवर्सन शुल्क) में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
(6) नवीन विद्युत कनेक्शन पर देय शुल्क की प्रतिपूर्ति :-
केवल पात्र नवीन उद्यमों को नवीन विद्युत कनेक्शन पर देय शुल्क (सुरक्षा निधि को छोड़कर) की 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति किया जाएगा।
(7) अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (ईटीपी) :-
राज्य में अविकसित भूमि पर नवीन फार्मास्युटिकल उद्यम की स्थापना तथा मौजूदा उद्यमों के विस्तार / शवलीकरण / प्रतिस्थापन / आधुनिकीकरण के प्रकरणों में ईटीपी पर किए गये व्यय पर 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति, अधिकतम सीमा रुपये 1 करोड़ तक (छत्तीसगढ़ प्रदूषण निवारण मंडल द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर)।
(8) जीरो वेस्ट इनसेंटिव :-
नवीन फार्मास्युटिकल उद्यम की स्थापना तथा मौजूदा उद्यमों के विस्तार / शवलीकरण / प्रतिस्थापन / आधुनिकीकरण के प्रकरणों में जल पुर्नचक्रीकरण / हार्वेस्टिंग की एवं शून्य निस्सरण की तकनीक की स्थापना पर पर्यावरण संरक्षण अधोसंरचना विकास पर लिए जाने वाले ऋण पर 5 वर्ष तक 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम राशि रु. 10 लाख तक ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा। इस के लिए इकाई को छत्तीसगढ़ प्रदूषण निवारण मंडल द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
(9) ई.पी.एफ. प्रतिपूर्ति :-
राज्य में नवीन फार्मास्युटिकल उद्यम की स्थापना तथा मौजूदा उद्यमों के विस्तार / शवलीकरण / प्रतिस्थापन / आधुनिकीकरण के प्रकरणों में छत्तीसगढ़ राज्य के कुशल एवं अर्धकुशल कर्मचारियों के ईपीएफ अंशदान में उत्पादन दिनांक से 05 वर्ष तक की 75 प्रतिशत का प्रतिपूर्ति, अधिकतम रु. 01 करोड़ प्रतिवर्ष की पात्रता होगी।
(10) प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति :-
नवीन पात्र उद्यम की स्थापना के प्रकरणों में रुपये 50,000/- प्रतिमाह से कम वेतन प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक मूल निवासी कुशल एवं अर्धकुशल कर्मचारियों के मामले में एक बार प्रशिक्षण पर उनके नियोक्ता द्वारा भुगतान किए जाने वाले एक माह का वेतन या अधिकतम राशि रुपये 15000/- प्रति व्यक्ति, जो कम हो, की दर से उद्यम के व्यावसायिक उत्पादन / गतिविधि आरंभ करने की दिनांक से 05 वर्ष की अवधि के लिए अथवा स्थायी पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत तक की सीमा तक व्यय प्रतिपूर्ति की जा सकेगी। इस के लिए प्रथम क्लेम कर्मचारी के नियोजन के एक वर्ष बाद से देय होगा ।
यह भी पढ़िए- धान खरीदी नीति 2024-25 जारी: जानिए.. नई नीति में कहां क्या–क्या बदलाव किया है विष्णुदेव सरकार ने
(11) एंकर इकाईयों को विशेष अनुदान :-
प्रथम 5 एंकर इकाईयों जिनका निवेश रू. 200 करोड़ से अधिक होगा उन्हें मान्य स्थाई पूंजी निवेश का 5 प्रतिशत अनुदान अधिक एवं अधिकतम सीमा कुल स्थाई पूंजी निवेश के 110 प्रतिशत तक दी जा सकेगी।
(12) अन्य अनुदान :-
अन्य अनुदान यथा परियोजना प्रतिवेदन अनुदान, गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान, तकनीकी पेटेंट अनुदान, प्रौद्योगिकी कय अनुदान, जल एवं ऊर्जा दक्षता व्यय प्रतिपूर्ति अनुदान, परिवहन अनुदान (केवल निर्यातक इकाई को) परिशिष्ट-क्रमशः 9.8, 9.9, 9.10, 9.11, 9.15 व 9.16 के अनुसार होगी।
(13) विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन राज्य में नवीन फार्मास्युटिकल सेक्टर उद्यम की स्थापना तथा मौजूदा उद्यमों के विस्तार / शवलीकरण / प्रतिस्थापन के प्रकरणों में निम्नानुसार विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा :-
1. अनुसंधान एवं विकास की फार्मास्युटिकल एवं मेडिकल डिवाइस के लिए स्थापित नवीन स्थापना अनुसंधान एवं विकास के लिए कय यंत्र एवं संयंत्र पर व्यय का 20 प्रतिशत अनुदान, अधिकतम रुपये 3 करोड़।
2. क्लिनिकल परीक्षण व्यय क्लिनिकल ट्रायल पर होने वाले व्यय की 50 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति प्रतिपूर्ति, अधिकतम राशि रुपये 1 करोड़ प्रति ट्रायल, अधिकतम 5 क्लिनिकल ट्रायल प्रति इकाई।
3. अनुसंधान एवं विकास के लिए क्रय/लीज पर प्राप्त की गयी भूमि एवं भवन पर स्टाम्प शुल्क छूट पूर्ण छूट ।
5. निर्यात के लिए प्रमाण प्राप्ति पत्र एपीआई/फार्मूलेशन से संबंधित विषय में निर्यात यूएसएफडीए, डब्ल्यूएचओ, प्री-क्वालीफिकेशन, ईडीक्यूएम, एमएचआरए या अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन / अनुमोदन प्राप्त किए जाने के अन्य प्रकरण में प्रति प्रकरण राशि रुपये 15 लाख प्रति उत्पाद, अधिकतम 10 उत्पादों के लिए आवेदन शुल्क की अधिकतम 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जा सकेगी, किन्तु इस के लिए इकाई को प्रति उत्पाद रुपये 50 करोड़ अथवा इससे अधिक व्यावसायिक निर्यात का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
इस नीति की अवधि में किए जाने वाले पेटेंट पंजीकरण संबंधी आयुष एवं फाइटोमेडिसिन से संबंधित उत्पादों के पेटेंट दर्ज कराने संबंधी मामले में पेटेंट प्रमाण पत्र प्राप्त होने की स्थिति में व्यय की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जा सकेगी।
(14) रुपये 1000 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली इकाइयों के लिए विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान
औद्योगिक नीति, 2024-30 की अवधि में फार्मास्युटिकल सेक्टर में स्थायी पूंजी निवेश में रुपये 1,000 करोड़ या इससे अधिक निवेश करने वाली अथवा 1,000 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने वाले उद्यमों को औद्योगिक नीति, 2024-30 में घोषित आर्थिक निवेश प्रोत्साहन के अतिरिक्त प्रोत्साहन दिये जाने के प्रस्तावों पर मंत्रिमंडलीय उप समिति विचार कर सकेगी।