CG Industrial Policy 2024-30: औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में MSME सेवा श्रेणी के उद्योगों के लिए निवेश प्रोत्साहन
1 min readCG Industrial Policy 2024-30: रायपुर। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 की अवधि में राज्य के विभिन्न विकासखंडों में नए एमएसएमई सेवा उद्यमों की स्थापना पर निवेशक इकाईयों को उनके द्वारा परियोजना में स्थाई पूंजी निवेश की मदों पर निवेश होने वाली राशि पर कुल 150 प्रतिशत तक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा के लिए अनुदान/छूट/रियायतें / प्रतिपूर्ति की सुविधा
नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) प्रतिपूर्ति-
राज्य में स्थापित पात्र नवीन सेवा उद्यम के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 10 वर्ष तक भुगतान किये गए नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) का अधिकतम स्थायी पूंजी निवेश के 150 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति की जाएगी।
अथवा
स्थायी पूंजी निवेश अनुदान
राज्य में स्थापित पात्र नवीन सेवा उद्यम के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को निम्नलिखित विवरण अनुसार स्थायी पूंजी निवेश अनुदान देय होगा –
सूक्ष्म सेवा उद्यम श्रेणी को अनुदान का वितरण एक किश्त में किया जाएगा।
लघु सेवा उद्यम श्रेणी को अनुदान का वितरण तीन वर्षों में समान किश्तों में किया जाएगा
मध्यम सेवा उद्यम श्रेणी को अनुदान का वितरण पांच वर्षों में समान किश्तों में किया जाएगा।
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नोटः- नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) प्रतिपूर्ति अथवा स्थायी पूंजी निवेश अनुदान में से कोई एक सुविधा विकल्प चयन के आधार पर ली जा सकेगी। इस के लिए एक बार लिया गया विकल्प अपरिवर्तनीय होगा। विकल्प चयन करने के लिए निवेशक को विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में विकल्प पत्र शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत किया जाना आवश्यक होगा।
स्थायी पूंजी अनुदान की प्रथम किश्त का भुगतान उत्पादन प्रारंभ करने के पश्चात प्रस्तुत आवेदन पर नियमानुसार स्वीकृति के पश्चात किया जा सकेगा।
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा के लिए ब्याज अनुदान
इस नीति के अंर्तगत राज्य में स्थापित पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम नवीन सेवा उद्यमों की स्थापना पर उद्यमों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से अनुज्ञा प्राप्त वित्तीय संस्थाओं से प्राप्त किये गए सावधि ऋण पर निम्नलिखित अनुसार ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा –
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा को विद्युत शुल्क छूट
इस नीति के अंर्तगत राज्य में स्थापित पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम नवीन सेवा उद्यमों की स्थापना पर निम्नलिखित विवरण अनुसार विद्युत शुल्क भुगतान से छूट प्रदान की जाएगी :-
अनुदान की अधिकतम अवधि क्षेत्र
समूह-1 वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 06 वर्ष तक पूर्ण छूट
समूह-2 वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 08 वर्ष तक पूर्ण छूट
समूह-3 वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 10 वर्ष तक पूर्ण छूट
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा उद्योगों को स्टाम्प शुल्क से छूट
निवेशकों के वर्ग की दृष्टि से वर्गीकृत सभी श्रेणियों के उद्यमियों द्वारा स्थापित पात्र सूक्ष्म, लघु, मध्यम की नवीन सेवा उद्यम की स्थापना पर स्टाम्प शुल्क से पूर्ण छूट दी जाएगी ।
औद्योगिक नीति-2024-30 के परिशिष्ट 6 में वर्णित एमएसएमई सेवा श्रेणी उद्यम के लिए क्रय/पट्टे पर ली गई भूमि/भवन पर बैंक / वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण से संबंधित विलेखों पर।
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एमएसएमई सेवा के लिए परियोजना प्रतिवेदन अनुदान
राज्य में नवीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के सेवा उद्यम की स्थापना पर परियोजना प्रतिवदेन पर किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति, स्थायी पूजी निवेश का 1 प्रतिशत, अधिकतम ₹ 10.00 लाख ।
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा के लिए गुणवत्ता प्रमाणीकरण अनुदान
राज्य में स्थापित नवीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के सेवा उद्यमों को आई०एस०ओ०- 9000, आई०एस०ओ०-14000, आई०एस०ओ० 18000, आई.एस.ओ. 22000 श्रेणी, बी.आई.एस. प्रमाणीकरण, जेड (ZED) प्रमाणीकरण उर्जा दक्षता ब्यूरो प्रमाणन (बी.ई.ई), नवीन एवं नवकरणीय उर्जा के क्षेत्र में एल.ई.बी.पी. प्रमाणीकरण, एगमार्क, यूरो मानक या अन्य समान राष्ट्रीय / अर्न्तराष्ट्रीय प्रमाणीकरण प्राप्त करने पर हुये व्यय की 50 प्रतिशत राशि, अधिकतम * 10 लाख, की प्रतिपूर्ति प्रत्येक प्रमाणीकरण प्राप्त करने पर की जाएगी।
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा को पेटेंट अनुदान
राज्य में स्थापित नवीन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के सेवा उद्यमों को उनके मूल कार्य/ अनुसंधान के आधार पर सफलतापूर्वक पंजीकृत एवं स्वीकृत पेटेन्ट के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा एवं प्रत्येक पेटेन्ट के लिए किये गए व्यय की 50 प्रतिशत राशि अधिकतम ₹ 20 लाख, की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा को प्रौद्योगिकी क्रय अनुदान
राज्य में स्थापित नवीन सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम की श्रेणी में अपात्र श्रेणी के उद्यमों को छोड़कर इस योजना के अन्तर्गत एन.आर.डी.सी. या अन्य शासकीय अनुसंधान केन्द्रों से प्रौद्योगिकी क्रय के व्यय पर किये गए भुगतान का 50 प्रतिशत अधिकतम र 10 लाख की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
एमएसएमई सेवा उद्योगों को मार्जिन मनी अनुदान
अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमी, सेवानिवृत्त सैनिक, सेवानिवृत अग्निवीर सैनिक, नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्ति, तृतीय लिंग एवं निःशक्तजन वर्ग के उद्यमियों द्वारा राज्य में स्थापित नवीन सूक्ष्म एवं लघु सेवा उद्यमों को जिनकी परियोजना लागत ₹10 करोड़ तक हो, पूंजीगत लागत के 25 प्रतिशत तक मार्जिन मनी अनुदान दिया जा सकेगा, जिसकी अधिकतम सीमा र 100 लाख होगी।
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दिव्यांग (निःशक्त), सेवानिवृत्त अग्निवीर व आत्मसमर्पित नक्सली व्यक्ति रोजगार अनुदान
नवीन पात्र सूक्ष्म एवं लघु, मध्यम सेवा उद्यम को भारत सरकार के दिव्यांग (निःशक्त), (समान अवसर का अधिकार, संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 1995 के तहत् निःशक्तों एवं राज्य के सेवानिवृत्त अग्निवीर व आत्मसमर्पित नक्सली व्यक्ति को स्थायी नौकरी प्रदान करने पर, उनके शुद्ध वेतन/ पारिश्रमिक की 40 प्रतिशत अनुदान की राशि की अनुदान प्रतिपूर्ति, 5 वर्ष की अवधि तक अधिकतम रूपये पांच लाख वार्षिक की सीमा तक की जाएगी।
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा को प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति
नवीन पात्र सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम सेवा उद्यम की स्थापना के प्रकरणों में रूपये 50,000/- प्रतिमाह से कम वेतन प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक मूल निवासी कुशल एवं अर्धकुशल कर्मचारियों के मामले में एक बार प्रशिक्षण पर उनके नियोक्ता द्वारा भुगतान किये जाने वाले एक माह का वेतन या अधिकतम राशि रूपये 15000/- प्रति व्यक्ति, जो कम हो, की दर से उद्यम के व्यावसायिक उत्पादन / गतिविधि आरंभ करने की दिनांक से 05 वर्ष की अवधि के लिए अथवा स्थायी पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत तक की सीमा तक व्यय प्रतिपूर्ति की जा सकेगी। इस के लिए प्रत्येक कर्मचारी के लिए क्लेम, कर्मचारी के नियोजन के एक वर्ष पश्चात से देय होगा ।
इनवायरनमेंट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट अनुदान (पर्यावरणीय प्रोजेक्ट प्रबंधन अनुदान)-
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के सेवा उद्यमों के द्वारा पर्यावरण प्रबंधन की दृष्टि से यदि कोई ऐसी तकनीक अपनाई जाती है, जिससे कार्बन क्रेडिट प्राप्त होता है एवं कार्बन फुटप्रिंट कम होता है तो ऐसे प्रत्येक तकनीक पर मशीनरी लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 25 लाख रूपये अनुदान दिया जाएगा।
विश्व स्तरीय संस्थानों द्वारा कार्बन क्रेडिट के संबंध में दिये जाने वाले अनुदानों की प्राप्ति के लिए कंस्लटेन्ट्स को सूचीबद्ध किया जाएगा।
CG Industrial Policy 2024-30: एमएसएमई सेवा को जल एवं ऊर्जा दक्षता व्यय प्रतिपूर्ति अनुदान –
राज्य में स्थापित उद्यमों द्वारा अपने उद्यम में जल/ऊर्जा पर होने वाले व्यय को नियंत्रित करने और ऊर्जा की खपत कम करने के लिए “जल अथवा ऊर्जा दक्षता एजेंसी” की सलाह से किये जाने वाले जल खपत / एनर्जी ऑडिट पर होने वाले व्यय के 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रूपये 5 लाख तक के व्यय की प्रतिपूर्ति की जा सकेगी।