CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों के साथ गजब का खेल चल रहा है। प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों का करोड़ों रुपये गोल हो गया है। यह कर्मचारियों के हक का पैसा है।
कर्मचारियों का यह पैसा कोई और नहीं बल्कि राज्य सरकार की गोल कर रही है। कर्मचारियों के हक में डंडी मारने के इस खेल की शुरुआत पूववर्ती कांग्रेस सरकार ने की और मौजूदा विष्णुदेव साय सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है।
करीब सालभर पुरानी छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार अब तक कर्मचारियों का लगभग 600 करोड़ रुपये गोल कर चुकी है। सरकार यह पैसा कर्मचारियों को कब तक देगी, देगी भी या नहीं अभी स्पष्ट नहीं है।
छत्तीसगढ़ सरकार अपने कर्मचारियों के जिस पैसे में डंडी मार रही है, वह महंगाई भत्ता (डीए) का है। नियमानुसार सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता साल में दो बार बढ़ता है।
महंगाई भत्ता में पहली बढ़ोतरी साल के पहले महीने यानी जनवरी में की जाती है। इसके छह महीने बाद जुलाई में फिर बढ़ाया जाता है। कई बार महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश किसी कारणवश देर से जारी होता है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को पिछले महीनों के महंगाई भत्ता का भुगतान किश्तों में किया जाता है।
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छत्तीसगढ़ में भी यही परंपरा चली आ रही थी, लेकिन अब राज्य सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में डंडी मार रही है। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में डंडी मारने की शुरुआत 2019 में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने की।
राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश देर से जारी किया, लेकिन महंगाई भत्ता का लाभ निर्धारित महीने से न देकर आदेश जारी हुआ तब से दिया गया। मौजूदा विष्णुदेव साय सरकार भी इसी राह पर है।
छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश अक्टूबर में जारी किया गया। इस वृद्धि का लाभ कर्मचारियों को जनवरी 2024 से मिलना था, लेकिन अक्टूबर से दिया गया। इस तरह राज्य सरकार ने 9 महीने का महंगाई भत्ता गोल कर दिया।
कर्मचारी नेताओं के अनुसार छत्तीसगढ़ में चार लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी हैं। इस बार राज्य सरकार ने 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया। 4 प्रतिशत की वृद्धि से प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाले कुल वेतन में लगभग 65 करोड़ की बढ़ोतरी होती है। इस लिहाज से 9 महीने का महंगाई भत्ता लगभग 600 करोड़ रुपये होता है।
कर्मचारी नेताओं के अनुसार विधानसभा 2023 के घोषणा पत्र में भाजपा ने 2019 से महंगाई भत्ता के बकाया एरियर्स का भुगतान करने का वादा किया है। यह घोषणा पत्र मोदी की गारंटी के रुप में जारी की गई है। कर्मचारियों की मांग है कि पुराने एरियर्स का भुगतान करने की बजाए राज्य सरकार उसे जीपीएफ में समायोजित कर दे।
छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा अक्टूबर में की गई है। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ाया गया। इससे प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 46 से बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है।
इस बीच केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने अक्टूबर में यह आदेश जारी किया है, लेकिन 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता का लाभ जुलाई से मिलेगा। इस तरह केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया है।
पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश अक्टूबर में जारी किया, लेकिन वहां 1 जनवरी 2024 से इसका लाभ दिया जाएगा। मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए जारी आदेश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि बढ़ोतरी 1 जनवरी 2024 से लागू होगी। एरियर्स का भुगतान किश्तो में किया जाएगा।
कर्मचारी नेताओं के अनुसार राज्य सरकार पर कर्ज का भार बढ़ता जा रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 5 साल में 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज लिया। राज्य सरकार पर कर्ज का भार बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है।