CG News: CG की नई पेयजल नीति: जानिए- कैसे मिलेगा नल कनेक्शन, शुल्क से लेकर जुर्माना तक सब कुछ तय, जारी हुआ गजट नोटिफिकेशन
CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राज्य सरकार ने नई पेयजल नीति तैयार की है। इसे छत्तीसगढ़ ग्रामीण पेयजल संचालन और संधारण नियम, 2024 नाम दिया गया है। यह राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे। नीति में ग्रामीण क्षेत्रों में नल कनेक्शन देने से लेकर शुल्क की वसूली और जुर्माना सभी का प्रावधान किया गया है।
CG News: ग्रामीण नल-जल प्रदाय योजना के संचालन और प्रबंधन के लिए समिति का गठन
योजना के संचालक के लिए सभी ग्राम पंचायत में पंचायत की स्थायी समितियां के अंतर्गत गठित सामान्य प्रशासन समिति ही, अपने विहित दायित्वों के साथ-साथ, जल जीवन मिशन, अन्य शासकीय योजनाओं अथवा मदों से निर्मित ओर हस्तांतरित तथा स्थानीय निकायों के स्वयं के राजस्व से निर्मित परिसंपत्तियां ओर उनके द्वारा प्रदाय किये जा रहे ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के संचालन ओर संधारण का कार्य भी करेगी।
यथास्थिति, ग्राम पंचायत की स्थायी समितियां ग्राम सभा में विधिवत् प्रस्ताव पारित कर योजना के संचालन ओर संधारण का कार्य (जिसमें सेवा शुल्क वसूली ओर ऐसे शुल्क से मानव संसाधन नियोजन, लघु मरम्मत आदि कार्य सम्मिलित है) सहभागी एजेंसी को इस नियम के प्रावधानों के अध्यधीन रहते हुए अनुबंध के माध्यम से, दे सकेंगी।
समिति के कर्तव्य ओर दायित्व.-
(1) ग्राम पंचायतों में स्थापित ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के संचालन ओर संधारण के लिए, उग्रहित किए जाने वाले जल प्रभार के निर्धारण का प्रस्ताव पारित कर तथा ग्राम सभा के अनुमोदन पश्चात् उसे क्रियान्वित करना।
(2) ग्राम पंचायतों में नए कनेक्शन या पुनर्कनेक्शन के लिए आवेदनों पर विचार करना तथा ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के दुरूपयोग होने पर, कार्यवाही करना।
(3) नियमित अथवा साप्ताहिक आधार पर, नल कनेक्शन का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना।
(4) ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के प्रबंधन, संचालन ओर संधारण के लिए उचित कार्यवाही करना।
(5) जल प्रभार की समस्त प्राप्तियां संग्रहित करना (इस के लिए डिजिटल माध्यम को प्रोत्साहित करना)।
(6) दैनिक आधार पर लेखा-पुस्तिका में प्रविष्टि ओर अभिलेख संधारण के लिए ग्राम पंचायत सचिव को निर्देशित करना।
(7) ग्रामीण पेयजल व्यवस्था संबंधी पंजियों का संधारण करना जैसे-शिकायत निवारण पंजी, भंडार पंजी, पेयजल गुणवत्ता परीक्षण पंजी, निरीक्षण पंजी आदि।
CG News: ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के संचालन के लिए वित्तीय प्रबंधन. –
(1) ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के संचालन के लिए, RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) के अनुसूचित बैंक में जिनमें, UPI ID (यूनिफाइड पेमेंट इन्टरफेस) तथा QR कोड (क्वीक रिस्पॉन्स कोड) की सुविधा उपलब्ध हो, को प्राथमिकता देते हुए, ग्राम पंचायत का एक पृथक खाता खोला जाएगा, लेकिन जहां आरबीआई का अनुसूचित बैंक नहीं है, वहां सहकारी बैंक अथवा ग्रामीण बैंक में खाता खोला जाएगा।
(2) जल प्रभार के रूप में प्राप्त की गई रकम, सुरक्षा राशि, नया कनेक्शन / पुनर्कनेक्शन शुल्क, शास्ति ओर समस्त स्त्रोतों से प्राप्त रकम, इत्यादि को इस खाते में ही जमा किया जाएगा। जल प्रभार के लिए प्रतिमाह बिलिंग का प्रावधान शामिल किया जाएगा।
(3) छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 (क्र. 1 सन् 1994) की धारा-66 के ‘पंचायत निधि’ के अंतर्गत सभी बैंक खाते, सरपंच तथा सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित किए जायेंगे।
(4) जल प्रभार के रूप में प्राप्त रकम का उपयोग आवश्यकतानुसार अनुसूची-चार में उल्लिखित कार्यों के लिए समस्त सुसंगत प्रयोजनों के लिए किया जाएगा।
(5) ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के लिए प्राप्त रकमों तथा उपगत व्यय से संबंधित अभिलेख संधारण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत सचिव की होगी।
(6) अनुसूची-पांच के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के वार्षिक बजट में प्रावधान रखा जाएगा।
(7) अनुसूची-चार के लिए पंचायत ओर ग्रामीण विकास विभाग के वार्षिक बजट में प्रावधान रखा जाएगा।
ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के लिए मरम्मत ओर हस्तांतरण की प्रक्रिया.-
(1) ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के अंतर्गत निर्मित परिसंपत्तियों के हस्तांतरण की प्रक्रिया की जाएगी।
(2) ग्रामीण पेयजल व्यवस्था से जुड़ी परिसम्पत्तियों का ग्राम सभा के अनुमोदन उपरांत, संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा, एजेंसी के उप अभियंता से अनिम्न अधिकारी ओर ग्राम पंचायत के सरपंच सह अध्यक्ष, (सामान्य प्रशासन समिति) ओर सचिव के मध्य निर्धारित प्रारूप (अनुसूची-छः में वर्णित) में संयुक्त हस्ताक्षर उपरांत, हस्तांतरण किया जायेगा।
(3) ग्रामीण पेयजल से जुड़ी परिसंपत्तियों का निर्माण पूर्ण होने की सूचना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जाएगी। तदुपरांत अनुबंध की शर्तों के अनुरूप निर्धारित समयावधि में ट्रायल रन ओर निर्धारित समय तक अनुरक्षण तथा मरम्मत कार्य निर्माण, एजेंसी द्वारा किया जा कर हस्तांतरण की कार्यवाही नियमानुसार पूर्ण की जाएगी।
(4) अनुबंध अवधि समाप्ति उपरांत, अनुसूची-चार ओर अनुसूची-पांच में उल्लिखित कार्य दायित्व अनुसार मरम्मत कार्य किये जाने का दायित्व संबंधित विभाग / पंचायत का होगा।
CG News: पेयजल गुणवत्ता निर्धारण
(1) पेयजल गुणवत्ता परीक्षण ओर इनसे संबंधित प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन कार्यशालाएं, आवश्यक उपकरण, सामग्रियां, उनकी कैलिबरेशन, का प्रबंध लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया जाएगा। पेयजल गुणवत्ता परीक्षण के लिए नमूना संग्रहण कार्य में ग्राम पंचायत सहयोग करेगी।
(2) पेयजल गुणवत्ता परीक्षण संबंधी समस्त अभिलेखों का दस्तावेजीकरण अनिवार्य होगा। पेयजल गुणवत्ता पंजी के संधारण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत सचिव की होगी।
CG News जल प्रभार का निर्धारण
(1) जल प्रभार का निर्धारण सामान्य प्रशासन समिति, ग्राम सभा के अनुमोदन के पश्चात् कर सकेगी। जल प्रभार का प्रत्येक वर्ष पुनर्विलोकन ओर 3 वर्ष के बाद कम से कम 25 प्रतिशत वृद्धि का प्रावधान करेंगे। समिति इस प्रकार जल प्रभार का दर तय करेंगे, जिससे सामान्य ऑपरेशन ओर मेन्टेनेंस के व्यय वसूल हो जाए।
(2) ग्राम पंचायत, घरेलू कनेक्शन ओर शासकीय संस्थागत कनेक्शन के लिए पृथक-पृथक दर निर्धारित कर सकेगी। जल प्रभार, अनुसूची-एक के अनुसार होगा। ग्रामीण पेयजल व्यवस्था लागू होने वाली प्रथम पूर्ण वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पश्चात् समिति, “छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993” की धारा-77 के अन्य करों सहपठित “छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत वैकल्पिक कर तथा फीस (शर्तें तथा अपवाद) नियम, 1996” के अध्यधीन रहते हुए, पूर्व वित्तीय वर्ष में उपगत किये गये व्यय के आधार पर, विहित रीति का पालन करते हुए जल प्रभार में परिवर्तन कर सकेगी।
(3) नए घरेलू ओर संस्थागत कनेक्शन के लिए सुरक्षा राशि समिति द्वारा अनुसूची-दो के अनुसार विनिश्चित की जाएगी। किसी दशा में यदि, उपभोक्ता नल कनेक्शन का विच्छेदन चाहता है, तो जल प्रभार का बकाया, टूट और फूट, क्षतिपूर्ति आदि (यदि कोई हो), समायोजन के पश्चात् ही सुरक्षा राशि वापसी योग्य होगी, जिसका दस्तावेजी प्रमाण रखना अनिवार्य होगा।
CG News जुर्माना ओर शास्तियां.-
(1) उपभोक्ता द्वारा जल के दुरुपयोग किए जाने की स्थिति में, शास्ति अधिरोपित करने तथा नल कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही करने का अधिकार समिति को होगा।
(2) जिस दिन से समिति के संज्ञान में यह बात आती है कि, किसी उपभोक्ता द्वारा बूस्टर पंप (अन्य किसी भी नाम से जाना जाए) लगाकर या अन्य किसी अनुचित साधनों से, पेयजल के लिए आरक्षित जल का उपयोग किया जाता है, या पेयजल के लिए जल का दुरूपयोग किया जाता है तो उस दिन से, समिति प्रथमतः दैनिक दर प्रभार का 10 गुना प्रतिदिन की दर से, जुर्माना अधिरोपित कर, बूस्टर पम्प या अन्य अनुचित साधन हटाने के लिए नोटिस जारी करेगी। नोटिस के 48 घंटे के बाद भी यदि उपभोक्ता द्वारा बूस्टर पम्प या अन्य अनुचित साधन नहीं हटाया जाता है, तो समिति, जुर्माने के अतिरिक्त, नल कनेक्शन काटने और अनुचित साधनों की जब्ती की कार्यवाही कर सकेगी।
(3) यदि कोई उपभोक्ता, लगातार तीन बार जल प्रभार भुगतान के लिए निर्धारित समयावधि के बाद भी भुगतान करने में असफल होता है, तो नोटिस जारी कर तथा 7 दिन का समय दिया जाएगा। यदि नोटिस की अवधि के अवसान होने के उपरांत भी यदि भुगतान नहीं हो, तो समिति नल कनेक्शन काटने की कार्यवाही कर सकेगी।
(4) यदि कोई उपभोक्ता, शास्ति स्वरूप नल कनेक्शन विच्छेदन के बाद भी पुनः नल कनेक्शन की मांग करता है, तो पुनर्कनेक्शन के लिए एक माह के प्रचलित मासिक प्रभार की दुगनी राशि ओर पूर्व में बकाया जल प्रभार, टूट और फूट, क्षतिपूर्ति आदि (यदि कोई हो) की रकम जमा करने के उपरांत ही, समिति के अनुमोदन बाद नल कनेक्शन दिया जा सकेगा।
शिकायत निवारण प्रणाली.-
(1) ग्रामीण पेयजल व्यवस्था में किसी भी दशा में शिकायत होने पर उपभोक्ता / शिकायतकर्ता सीधे ग्राम पंचायत कार्यालय में लिखित में शिकायत कर सकता है।
(2) शिकायत प्राप्त होने पर, परिशिष्ट अनुसूची-तीन अनुसार निराकरण किया जायेगा। तथापि, ऐसी किसी भी आकस्मिक स्थिति में, जिसमें एकाधिक परिवार अथवा समूह के लिए पेयजल आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो, समिति द्वारा सूचना प्राप्त होने उपरांत तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
(3) अनुसूची-तीन में निर्धारित समय-सीमा में समस्या निवारण नही करने की स्थिति में, उपभोक्ता / शिकायतकर्ता, संबंधित जनपद पंचायत में लिखित आवेदन कर सकता है। आवेदन प्राप्ति उपरांत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, यथाशीघ्र उचित कार्यवाही करते हुए. उपभोक्ता / शिकायतकर्ता को सूचित करेंगे।
CG News: समन्वय प्रणाली.-
(1) ग्रामीण पेयजल व्यवस्था में आवश्यक समन्वय के लिए जिला पंचायत ओर जनपद पंचायत की सामान्य सभा/ संचार ओर संकर्म समिति में समीक्षा की जाएगी।
(2) संचालक, पंचायत ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के संबंध में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ आवश्यक समन्वय स्थापित करेंगे। घरेलू पेयजल आपूर्ति के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत या अपील का समाधान आवश्यक समन्वय से करेंगे।
(3) राज्य स्तर पर, भारसाधक सचिव, पंचायत ओर ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में ‘राज्य स्तरीय समन्वय समिति’ गठित की जायेगी, जो प्रत्येक तिमाही में योजना के संचालन की समीक्षा करेगी।
CG News: ग्राम पंचायत के दायित्वों / कर्तव्यों से संबंधित कार्य
1. ग्राम में पेयजल के लिए नलकूप या सम्पवेल स्त्रोत में लगाये गये सबमर्सिबल मोटर पंप में लगाये गये मोटर पंप की रिपेयरिंग अथवा खराब होने पर बदलने का कार्य।
2. पंप हाउस में लगाये गये कंट्रोल पैनल, वायरिंग, विद्युत कनेक्शन की मरम्मत का कार्य।
3. मुख्यतः ग्राम के अंदर बिछाई गई, सभी पाईपलाईन की मरम्मत का कार्य ओर नवीन पाईप लाईन का विस्तार, पाईप लाईनों में लगाये गये वाल्व, वाल्व चेम्बर, घरेलू नल कनेक्शन के नल, चबूतरा ओर स्टैण्ड पोस्ट की मरम्मत का कार्य।
4. विद्युत देयकों (नलकूपों के मोटर पंपों, सम्पवेल के मोटर पंपों ओर क्लोरिनेशन प्लांट, फ्लोराईड रिमूवल प्लांट, आर्सेनिक रिमूवल प्लांट, आर.ओ. प्लांट) का नियमित भुगतान करना। जिसके लिए प्रथमतः जल प्रभार ओर शास्तियों से प्राप्त आय का उपयोग किया जायेगा। पर्याप्त राशि उपलब्ध न होने की दशा में, केन्द्रीय वित्त आयोग ओर मूलभूत कार्यों के लिए प्राप्त राशि का उपयोग किया जा सकेगा। क्लोरिनेशन प्लांट के संचालन के लिए निरन्तर विद्युत उपलब्ध करवाना।
5. आवश्यकतानुसार, नल जल मितान/ऑपरेटर के पारिश्रमिक का भुगतान जल प्रभार / ग्राम पंचायत की स्वयं की आय / केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा आवंटित प्रशासकीय राशि (एडमिन फण्ड) से प्राप्त रकम के माध्यम से किया जाएगा।
6. क्लोरिनेशन के लिए क्लोरिनेटर रूम में लगाये गये क्लोरिनेशन प्लांट के लिए न्यूनतम एक माह के लिए नमक की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
7. उपलब्ध करवाये गये घरेलू नल कनेक्शन के अंतिम छोर तक रेसिड्यूवल क्लोरिन की उपलब्धता, क्लोरोस्कोप का उपयोग करते हुये, प्रति सप्ताह सुनिश्चित करते हुये रजिस्टर में पंजीबद्ध करना ओर ग्राम सभा में अवलोकन करवाना।
8. ग्राम में, जल जनित बीमारियों के फैलने की स्थिति में, रोक-थाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को तत्परता से सूचित करना। 9. ग्राम पंचायत के अधीन क्रियान्वित समस्त पेयजल योजनाओं के संचालन ओर संधारण के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को पेयजल की उपलब्धता से संबंधित जानकारी को ग्राम सभा में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करवाना।
CG News: लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दायित्वों/कर्तव्यों से संबंधित कार्य
1. ग्राम के पेयजल के नलकूप स्त्रोत के रख-रखाव, नवीन स्त्रोत के निर्माण का कार्य।
2. योजना के अंतर्गत निर्मित उच्चस्तरीय जलागार के रख-रखाव, लिकेज रिपेयरिंग, साफ-सफाई से संबंधित समस्त कार्य।
3. क्लोरिनेशन सिस्टम के इलेक्ट्रोड को समय-समय पर बदलने का कार्य ओर क्लोरिनेशन प्लांट का संचालन-संधारण।
4. सोलर पंप के रख-रखाव ओर नियमित / वार्षिक संचालन-संधारण की व्यवस्था।
5. समूह जल प्रदाय योजनाओं के हेड वर्क्स के संचालन संधारण का कार्य।
6. जल गुणवत्ता से संबंधित फिल्ड टेस्ट कीट / एच 2 एस वायल / क्लोरोस्कोप / कैमिकल्स की व्यवस्था।
7. ग्राम पंचायत के अधीन समस्त पेयजल स्त्रोतों का वर्षा ऋतु के पूर्व क्लोरिनेशन करने का कार्य।
8. ग्राम पंचायत के अधीन समस्त पेयजल स्त्रोतों का वर्ष में न्यूनतम एक बार केमिकल टेस्ट ओर दो बार बैक्टेरियल टेस्ट, जिसमें से एक टेस्ट वर्षा ऋतु के पूर्व अनिवार्य रूप से करने का कार्य।
9. पेयजल स्त्रोतों में, ई-कॉली की उपलब्धता होने की दशा में, तत्काल उपचार कार्यवाही के अंतर्गत क्लोरिनेशन का कार्य करते हुये ओर प्रति माह पेयजल स्त्रोत का नियमित जल परीक्षण तब तक करना, जब तक ई-कॉली की उपलब्धता शून्य न हो जाए।
10. ग्राम पंचायतों के अधीन क्षेत्रों में, विभाग द्वारा लगाये गये विभिन्न प्रकार की गुणवत्ता प्रभावित कार्यों के लिए स्थापित फ्लोराईड रिमूवल प्लांट, आर्सेनिक रिमूवल प्लांट, आर.ओ. प्लांट के संधारण ओर संचालन की व्यवस्था।