CG News: सन्नाटे में सरकार: फेडरेशन की हड़ताल का व्यापक असर, सरकारी कार्यालयों में लटका ताला
1 min readCG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश के लाखों कर्मचारी- अधिकारी आज हड़ताल पर हैं। इसका व्यपाक असर दिख रहा है। नवा रायपुर में इंद्रावती भवन से लेकर ब्लाक मुख्यालयों तक सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
सरकारी कामकाज पूरी तरह ठप है। हड़ताल की वजह से स्कूल भी प्रभावित हुए हैं। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि इस हड़ताल के बाद भी सरकार मांगें नहीं मानी तो फिर अनिश्चितकाली हड़ताल होगा।
CG News यह सांकेतिक हड़ताल, अभी और तेज होगी लड़ाई
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आज प्रदेश के कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल में शामिल हुए हैं। सरकार कर्मचारियों की अनेदखी करेगी तो उसका परिणाम क्या होगा, यह हड़ताल उसका छोटा सा उदाहरण है। इससे सरकार को प्रदेश के कर्मचारियों की एकता और ताकत को समझ जाना चाहिए। सरकार इसके बाद भी आपने वादे पूरा करने में आनकानी करती है तो फिर इसका परिणाम अनिश्चितकालीन हड़ताल होगा, जिसके लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी।
जानिए.. क्या है फेडरेशन की मांगें
कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन वहीं मांग कर रहा है जिसे देने के लिए 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र वादा किया था। इस घोषणा पत्र को भाजपा ने मोदी की गारंटी के रुप में पेश किया था। इसमें प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के बारबार महंगाई भत्ता देने के साथ 2019 से बकाया एरियर्स का जीपीएफ खातों में समायोजन शामिल है।
फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि फेडरेशन की मांगों में केंद्रीय कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा भत्ता, अर्जित अवकाश 240 से बढ़ाकर 300 दिन करना शामिल है।
समझिए.. फेडरेशन की ताकत, क्यों हुआ हड़ताल का इतना व्यापक असर
कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन अलग-अलग कर्मचारियों और अधिकारियों के संगठन का संयुक्त संगठन है। इसमें 100 से ज्यादा कर्मचारी- अधिकारी संगठन, जिनके लाखों सदस्य हैं शामिल हैं। यह प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का सबसे बड़ा संयुक्त संगठन है। इसमें हर स्तर के कर्मचारी और शिक्षकों के संगठन शामिल है। इसी वजह से फेडरेशन के आह्वान का इतना व्यापक असर दिख रहा है।
CG News हड़ताल से पहले सरकार को हर तरह से बताई अपनी बात
फेडरेशन ने हड़ताल का फैसला अचानक नहीं किया है बल्कि इससे पहले फेडरेशन की तरफ से लोकतांत्रित तरीके से सरकार तक अपनी मांगें बार-बार पहुंचाई गई। इस दौरान सांकेतिक आंदोलन भी किए गए। फेडरेशन ने अपनी मांगों को लेकर अगस्त क्रांति के नाम से चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया था।
आंदोलन की पहली कड़ी में 6 अगस्त को नवा रायपुर में मशाल रैली निकाली गई। इसके बाद 20 से लेकर 30 अगस्त के बीच प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों को ज्ञापन सौंपकर मांगों से अवगत कराया। आंदोलन के तीसरे चरण में 11 सितंबर को पूरे प्रदेश में ब्लॉक, तहसील से लेकर जिला मुख्यालयों तक रैली निकाली गई और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। अब आंदोलन के चौथे चरण में आज एक दिवसीय हड़ताल किया जा रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद कर चुके हैं मांगों का समर्थन
फेडरेशन की तरफ से सांसदों और विधायकों को लिखे गए पत्र पर जगदलपुर विधायक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। वहीं, दुर्ग सांसद विजय बघेल को भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र समिति के संयोजक थे, उन्होंने भी मुख्यमंत्री को पद लिखकर मोदी की गारंटी में शामिल कर्मचारियों की मांगों को शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया था।
इन कर्मचारी नेताओं ने संभाला है मोर्चा
कर्मचारी आंदोलन का नेतृत्व फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा कर रहे हैं। उनके साथ सचिव राजेश चटर्जी, ओंकार सिंह, बीपी शर्मा, प्रवक्ता जीआर चंद्रा, चंद्रशेखर तिवारी, रोहित तिवारी, मनीष मिश्रा, केदार जैन, राजनारायण द्विवेदी और विवेक दुबे भी मोर्चा पर डटे हुए हैं। इसके साथ ही फेडरेशन में शामिल संगठनों के प्रांतीय अध्यक्ष इनमें सतीश मिश्रा, आरके रिछारिया, युधेश्वर सिंह ठाकुर, राकेश शर्मा, लक्ष्मण भारती, आर इन ध्रुव, भागवत कश्यप मूलचंद शर्मा, हेमचारण राठौर, विंदेश्वर रौतिया, विजय लहरे, सत्येंद्र देवांगन, पंकज पांडेय, दीपचंद भारती, डीएस भारद्वाज, विश्राम निर्मलकर, हरि मोहन सिंह, दिलीप झा, वीरेंद्र नाग, ऋण राजपूत, अरुण तिवारी, मनीष ठाकुर, जय कुमार साहू, ऋतु परिहार, सुमन शर्मा, टार्जन गुप्ता और मनोज साहू भी अपने-अपने क्षेत्र में हड़ताल को सफल बनाने में लगे हुए हैं।
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