CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के पर्यावरण संरक्षण मंडल के मुख्यालय के जनसंपर्क अधिकारी अमर प्रकाश सावंत को मंडल ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मंडल के सचिव की तरफ से जारी निलंबन आदेश में कार्यवाही का कारण प्रशासनिक बताया गया है।
निलंबन आदेश वायरल होने के बाद से लोग कार्यावाही की सही वजह की तलाश में लगे हुए थे फिर जो खुलासा हुआ वह थोड़ा चौकाने वाला है। पीआरओ सावंत के निलंबन को मंडल की तरफ से शहर में लगवाए गए एक होर्डिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। यह होर्डिंग फटाखों को लेकर मंडल की तरफ से लगवाए गए होर्डिंग से जोड़कर देखा जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण मंडल की तरफ से लगवाए गए इस होर्डिंग में फटाखों से होने वाले प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरुक करने का संदेश था। पर्यावरण संरक्षण मंडल ओपी चौधरी वाले इस होर्डिंग में पटाखे रात 8 से 10 बजे तक ही फोड़ने का निर्देश था। साथ ही ऑन लाइन फटाखों की बिक्री पर रोक, लड़ियों के निर्माण, उत्पादन और बिक्री पर रोक की बात कही गई थी।
इन संदेशों के ऊपर में बड़े अक्षरों में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार भी लिखा था। एक तरफ मंत्री चौधरी की फोटो के साथ छत्तीगसढ़ी में लिखा था घर-घर बगराबो बिना प्रदूषण देवारी मनाबो।
होर्डिंग लगते ही उसकी तस्वीरे सोशल मीडिया में शेयर की जाने लगी। बताया जा रहा है कि कुछ हिंदुवादी संगठनों ने इस पर आपत्ति की। कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है। मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय मंत्री तक हिंदू हैं फिर भी हम ऐसे नियमों में दिवाली बनाएंगे।
इधर, विभागीय सूत्रों के अनुसार पीआरओ सावंत ने होर्डिंग लगाने से पहले इस अफसरों या मंत्री से विधिवत अनुमति नहीं ली थी। इसी वजह से पीआरओ को सरकार के कोप का शिकार होना पड़ा। हालांकि ऐसे होर्डिंग न केवल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार बल्कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के दौरान भी लगाए जाते थे।
विभागीय अफसरों के अनुसार पर्यावरण संरक्षण के लिए यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हिस्सा है। इस तरह के होर्डिंग छत्तीसगढ़ में पहली बार डॉ. रमन सरकार के दौरान लगाए गए थे, तब भी कुछ लोगों ने इसकी आलोचना की थी।
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि होर्डिंग में जो भी लिखा है वह निर्देश के रुप में हर साल पर्यावरण संरक्षण मंडल जारी करता है। इसमें दिवाली के साथ ही नववर्ष और क्रिसमस पर भी फटाखा फोड़ने की टाइमिंग जारी की जाती है।