CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में राज्य के महाधिवक्ता रहे सतीश चंद्र वर्मा पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है। रायपुर की विशेष कोर्ट के बाद अब हाईकोर्ट ने भी उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी है। हालांकि अभी उनके सामने सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की तरफ से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में अपराध में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया है।
ऐसे में उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है। वहीं, एसीबी- ईओडब्ल्यू को नोटिस जारी करते हुए मामले की दो सप्ताह बाद फिर से सुनवाई की तारीख तय कर दी है।
राज्य सरकार की एजेंसी ईओडब्ल्यू-एसीबी ने पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा, सेवा निवृत्त आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ नवंबर के पहले सप्ताह में एक नया एफआईआर दर्ज किया है।
तीनों के खिलाफ छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धाराओं 7, 7क, 8, और 13(2) और भारतीय दंड संहिता की धाराएं 182, 211, 193, 195-ए, 166-ए, और 120बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इसी एफआईआर के खिलाफ सतीश चंद्र वर्मा ने पहले रायपुर स्थित ईओडब्ल्यू- एसीबी की स्पेशल कोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन लगाया था।
वहां से राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन हाईकोर्ट ने भी राहत देने से इन्कार कर दिया।
ईओडब्ल्यू- एसीबी ने सतीश चंद्र वर्मा और दोनों सेवा निवृत्त आईएएस के खिलाफ यह एफआईआर वाट्सएप चैट और केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रतिवेदन के आधार पर दर्ज किया है।
यह मामला नागरिक आपूर्ति निगम यानी नान में हुई वित्तीय गड़बड़ी से जुड़ा है। इस मामले में डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा आरोपी बनाए गए थे। आरोप है कि इन दोनों को जमातन दिलाने के लिए दस्तावेजों में फेरबदल किया।