January 10, 2025

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CG PHQ ADG जीपी सिंह की बहाली से खतरे में पड़ी हिमांशु गुप्‍ता की DG की कुर्सी, जानिए- क्‍या है मामला

CG PHQ रायपुर। आईपीएस जीपी सिंह की बहाली से उन्‍हीं के बैचमेट हिमांशु गुप्‍ता की डीजी की कुर्सी खतरें में पड़ गई है। एडीजी रैंक के जीपी सिंह पदोन्‍न्‍ति की कतार में खड़े हैं। इससे सरकार के सामने धर्म संकट खड़ा हो गया है। इस साल 29 जून को डीजी के लिए विभागीय पदोन्‍नति समिति (DPC) की बैठक हुई थी, उसमें 92 बैच के आईपीएस अफसर अरुणदेव गौतम को डीजी पदोन्‍नत किया गया था।

विभागीय जांच लंबित होने के कारण 92 बैच के पवन देव पदोन्‍नत नहीं हो पाए थे, लेकिन अक्टूबर में सरकार ने उन्‍हें भी डीजी पदोन्‍नत कर दिया। इन दोनों अफसरों के साथ ही 94 बैच के हिमांशु गुप्‍ता को भी डीजी पदोन्‍नत कर दिया गया। जीपी सिंह भी 1994 बैच के हैं और वरिष्‍ठता क्रम में हिमांशु गुप्‍ता से ऊपर हैं।

पदोन्‍नति की यह प्रक्रिया जब चल रही थी तब जीपी सिंह की बहाली पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आया था। इस बीच पवन देव, अरुण देव और हिमांश गुप्‍त की पदोन्‍नति का आदेश जारी होने के पखवाड़े भर बाद सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया। सुप्रीम कोर्ट ने कैट फैसले को सही ठहराते हुए केंद्र सरकार को जीपी सिंह की सर्विस बहाल करने का आदेश जारी कर दिया।

CG PHQ जानिए- छत्‍तीगसढ़ पुलिस में कितने हैं डीजी के स्‍वीकृत पद

छत्तीसगढ़ में डीजी के दो ही कैडर पोस्ट भारत सरकार द्वारा स्वीकृत हैं। इसके अलावा दो एक्स कैडर होता है। याने डीजी के चार पद हुए। इनमें इस समय डीजीपी अशोक जुनेजा के साथ पवनदेव, अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता हैं। खबर है, जीपी सिंह की विभागीय जांच समाप्त होने के तुरंत बाद उनका डीजी प्रमोट किया जाएगा। मगर डीजी के चारों पद भरे हुए हैं। लेकिन, 94 बैच में वरिष्‍ठ होने के नाते जीपी सिंह को सरकार को डीजी प्रमोट करना पड़ेगा। ऐसे में, हिमांशु गुप्ता की परेशानी बढ़ेगी।

जानकारों का कहना है कि पद से अधिक अगर अफसर प्रमोट हो गए हैं तो फिर नीचे वाले को रिवर्ट करना पड़ेगा। हिमांशु गुप्ता को डीजी से एडीजी में रिवर्ट करना सरकार के भी धर्मसंकट का कारण बनेगा, क्योंकि, इसमें हिमांशु गुप्ता का कोई गलती नहीं है। डीपीसी ने उन्हें डीजी प्रमोट किया और उस आधार पर गृह विभाग ने उनका आदेश जारी किया।

CG PHQ जानिए- कब आएगी यह स्थिति

गुप्‍ता को रिवट करने की स्थिति तब आएगी जब केंद्र सरकार मौजूदा डीजीपी अशोक जुनेजा के सेवा विस्‍तार के प्रस्‍ताव को मंजूर कर लेती है। बता दें कि जुनेजा को एक बार सेवा विस्‍तार मिल चुका है। इसकी समय सीमा फरवरी में समाप्‍त हो रही है। इस बीच उन्‍हें फिर से सेवा विस्‍तार दिए जाने की चर्चा है।

सूत्रों का कहना है कि ऐसी स्थिति में भारत सरकार से डीजी का एक निश्चित समय के लिए एक अतिरिक्त पद मांगा जाएगा। इससे समस्या का निराकरण हो जाएगा। केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार है, इसलिए इसमें कोई दिक्कत नहीं जाएगी। वैसे पहले भी ऐसा हो चुका है। विश्वरंजन जब केंद्र से लौटकर छत्तीसगढ़ आए थे तो संतकुमार पासवान का डीजी पद खतरे में पड़ गया था। मगर रमन सरकार ने उनके लिए भारत सरकार से एक पद लिया था।

CG PHQ जीपी सिंह का यह है पूरा मामला

प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान आईपीएस जीपी सिंह पर तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज किए गए थे। इनमें आय से अधिक संपत्ति, भयादोहन के साथ देशद्रोह का मुकदमा शामिल था। इन मामलों में जीपी सिंह की गिरफ्तारी हुई और राज्‍य सरकार की अनुशांसा पर केंद्र ने जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी।

इस फैसले के खिलाफ जीपी सिंह ने कैट में अपील की। जुलाई 2023 में कैट ने जीपी सिंह की सेवा बहाली का अदेश दे दिया, लेकिन केंद्र सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। इसी तरह जीपी सिंह खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

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