CG Police अब रिश्वत भी Online: पुलिस वाले ने UPI के जरिये ली घुस, ऐसे हुआ खुलास…

CG Police कोरबा। छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) लगातार ट्रैप की कार्यवाही कर रही है, इसके बावजूद घुसखोरों के हौसले बुलंद हैं। ऊपर की कमाई करने वालों का हौसला इतना बुलंद है कि अब आनलाइन रिश्वत लेने में भी उन्हें कोई परहेज या डर नहीं है।
ऐसा ही एक मामला कोरबा में सामने आया है। जहां पुलिस वालों ने एक मामले में युवक को पहले थाने में बैठाकर रखा और फिर रिश्वत लेकर छोड़ दिया। युवक के पास कैश नहीं था, ऐसे में पुलिस वालों ने उस युवक से यूपीआई के जरिये रिश्वत की रकम ऑनलाइन अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया।
जानिए.. क्या है पूरा मामला
रिश्वतखोरी का यह अनोखा मामला बांगो थाना क्षेत्र का है। एसपी के निर्देश पर शहर में वाहनों की जांच की जा रही थी। इसमें विशेष रुप से शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को टारगेट किया जा रहा था। इसी दौरान वहां से वाहन लेकर गुजर रहे सचिन मिश्रा को पुलिस वालों ने रोका। सचिन नशे में था।
चेकिंग कर रहे प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल ने सचिन को चलान पटाने के लिए कहा, लेकिन सचिन ने कहा कि उसके पास पैसे नहीं है। कुछ देर की हुज्जत के बाद इसकी जानकारी थाना प्रभारी उषा सोंधिया को दी गई। इस पर थानेदार के निर्देश पर प्रधान आरक्षक जायसवाल सचिन को थाने में बैठा दिया।
गाड़ी जब्ती करने का दबाव
थाने में सचिन से कहा गया कि चालान नहीं जमा करोगे तो गाड़ी जब्त हो जाएगी और फिर कोर्ट से छुड़ाना पड़ेगा। इसके बाद लेदेकर मामला सैटल करने की बात शुरू हुई। थाने में सचिन से 10 हजार 500 रुपये की डिमांड की गई। कहा गया कि 10 हजार 500 रुपए दे तो और गाड़ी लेकर चले जाओ।
CG Police फोन पे से किया पेमेंट
सचिन 10 हजार 500 रुपए देने के लिए राजी हो गया, लेकिन उसके पास कैश नहीं था तो उसने ऑनलाइन पेमेंट करने की बात कही। पुलिस वालों ने फोन पे के जरिये 10 हजार 500 रुपए ले लिया और बिना किसी कार्यवाही के सचिन और गाड़ी छोड़ दिया। पुलिस वालों ने सचिन को न तो कोई रशीद नहीं दी।
जनप्रतिनिधियों से की शिकायत
सचिन ने इस पूर मामले की पाली जनपद अध्यक्ष और अन्य लोगों से इसकी शिकायत की। जब जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में थानेदार से बात करने का प्रयास किया तो थानेदार ने उन लोगों के साथ भी दुर्व्यवहार किया। इसके बाद मामल एसपी रविंद्र कुमार मीणा तक पहुंचा। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराई, जिसमें शिकायत सही पाई गई। खुलासा हुआ कि पैसे लेकर बिना कार्यवही किए ही गाड़ी छोड़ दी गई।
थानेदार और प्रधान आरक्षक निलंबित
शिकायत प्रमाणित होने के बाद एसपी मीणा ने थानेदार उषा सोंधिया और प्रधान आरक्षक जितेंद्र जायसवाल को निलंबित कर दिया है।
CG Police शराब पीकर वाहन चलाने पर क्या है कार्यवाही का नियम
शराब पीकर गाड़ी चलाना अपराध है। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत ऐसे केस में गाड़ी जब्त किया जा सकता है। गाड़ी जब्त होने के बाद उसे केवल कोर्ट से छुड़ाया जा सकता है। ऐसे केस में कोर्ट 10 हजार 500 रुपए का जुर्माना कर सकती है, लेकिन जब्त की गई गाड़ी को थाने से नहीं छोड़ा जा सकता।