CG Waqf: रायपुर। छत्तीसगढ़ की मस्जिदों में जुमा (शुक्रवार) की नमाज से पहले होने वाली तकरीर पर सेंसरशिप लागू कर दिया गया है। जुमा की तकरीर पर यह सेंसरशीप किसी और नहीं छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने लागू किया है।
वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ने आज (11 नवंबर) ही इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। वक्फ बोर्ड के सीईओ ने यह आदेश छत्तीसगढ़ में स्थित सभी मस्जिदों के मुलवलियों को जारी किया है।
CG Waqf: वक्फ बोर्ड के सीईओ की तरफ से जारी इस आदेश में कहा गया है कि मस्जिदों में जुमा की नमाज से पहले ईमाम साहब तकरीर देते हैं। सीईओ के आदेश में कहा गया है कि धर्मिक तकरीर और बयान देने के लिए ईमाम पूरी तरह स्वतंत्र हैं, लेकिन बाकी किसी भी तरह की तकरीर से पहले इसकी सूचना वक्फ बोर्ड को देनी होगी।
आदेश में कहा गया है कि जुमा की नमाज से पहले मस्जिदों में धार्मिक बयान- तकरीर के अतिरिक्त कोई भी अन्य विषय पर बयान और तकरीर जमात के सामने किया जाना है तो इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के वाट्स एप ग्रुप और पत्रचार के जरिये वक्फ बोर्ड से अनुमति लिया जाना जरुरी है।
CG Waqf: बता दें कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के करीब 10 महीने बाद छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की भी कमान बदल गई है। भाजपा नेता सलीम राज वक्फ बोर्ड के नए चेयरमैन चुने गए हैं। जुमा की तकरीर की अनुमति को लेकर सलीम राज ने दो दिन पहले बयान दिया और आज बोर्ड की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है।
वक्फ बोर्ड के इस आदेश का विरोध भी शुरू हो गया है। मुस्लिम नेता कह रहे हैं कि वक्फ बोर्ड का काम वक्फ संपत्ति से जुड़ा है बोर्ड को तकरीर में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। बहरहाल आने वाले समय में इसको लेकर राजनीति तेज होने की संभावना बढ़ गई है।
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