Chhath Puja 2024: बिहार-UP नहीं, यहां है दुनिया का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट, जानिए.. कहां है सबसे बड़ा छठ घाट
1 min readChhath Puja 2024: रायपुर। छठ महापर्व को मुख्य रुप से बिहार और उत्तर प्रदेश का पर्व माना जाता है, लेकिन अब यह महापर्व ने राज्य और देश की सीमा पार कर चुका है। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में जहां भी बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं, वहां छठ पर्व का आयोजन होने लगा है। इसके साथ ही स्थायी और अस्थायी छठ घाट भी बनने लगे हैं। इस लोक आस्था के पर्व में छठ घाटों का बड़ा महत्व है।
जानिए.. कहां है सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि छठ पूजा का सबसे बड़ा स्थायी घाट बिहार या उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में है। जी हां, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर तोरवा छठ घाट को दुनिया का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट माना जाता है।
बिहार की राजधानी पटना में छठ करने वालों की संख्या अधिक है। वहां गंगा नदी के किनारे छठ पूजा की जाती है। जानकारों के अनुसार पटना में 80 से ज्यादा छठ घाट हैं, लेकिन इनका क्षेत्रफल 100- 200 मीटर से ज्यादा नहीं है।
Chhath Puja 2024: जानिए.. तोरवा घाट का कितना है क्षेत्रफल
बिलासपुर के तोरवा में बना स्थायी छठघाट करीब साढ़े 7 एकड़ में फैला है। अर्घ्य देने के लिए बनाए गए गए क्षेत्र का एरिया लगभग एक किलोमीटर से ज्यादा है। वहां छठ पूजा की पूरी तैयारी आयोजन समिति के साथ ही प्रशासन करता है।
जानिए..कहां सबसे बड़ा छठ घाट
बिलासपुर का तोरवा सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट है, लेकिन देश में इससे बड़ा एक और छठ घाट है, लेकिन वह अस्थायी है। यह सबसे बड़ा छठ घाट भी बिहार या उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि महाराष्ट्र में है। मुम्बई का जुहू बीच दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी छठ घाट है।
Chhath Puja 2024: 8 नवंबर तक चलेगा लोक आस्था का यह पर्व
कहा जाता है कि जिसका उदय होगा, वह अस्त भी होगा, लेकिन छठ पर्व संदेश जाता है कि जो अस्त हो रहा है उसका उदय भी होगा। संभवत: इसी कारण छठ एक मात्र पर्व है जिसमें अस्त होते सूर्य की पहले पूजा की जाती है। लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हो गया है। आज नहाय- खाय है। यानी आज से ही छठ पर्व का उपवास शुरू हो गया है। कल 6 नवंबर को खरना होगा और 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं, 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ यह कठिन व्रत संपन्न होगा।