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CG Safarnama: सीएम और नेता प्रतिपक्ष के चयन में बवाल: सीएम का फटा कुर्ता, एकात्‍मक परिसर में आग…

CG Safarnama: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ राज्‍य निर्माण के लिए मध्‍य प्रदेश विधानसभा की 90 सीटों को अलग किया गया। छत्‍तीसगढ़ में शामिल किए गए 90 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायकों की संख्‍या अधिक थी। इससे राज्‍य बनने से पहले ही यह साफ हो गया था कि छत्‍तीसगढ़ में पहली सरकार कांग्रेस की बनेगी।

तब कांग्रेस विधायकों में कई दिग्‍गज नेता शामिल थे। अविभाजित मध्‍य प्रदेश में सत्‍यनरायण शर्मा दिग्‍विजय सिंह की कैबिनेट में मंत्री थे और उनका अच्‍छा प्रभाव भी था। शर्मा तब मंदिरहसौद सीट से चुनाव लड़ते थे, अब वह सीट समाप्‍त हो गई। शर्मा के साथ ही रविंद्र चौबे, महेंद्र कर्मा, रामचंद्र सिंहदेव, भूपेश बघेल, नंद कुमार पटेल, चनेशराम राठिया सहित कई दिग्‍गज विधायक शामिल थे।

…और आला कमान ने तय कर दिया नाम

छत्‍तीसगढ़ की पहली सरकार का मुखिया बनने के दावेदारों में विधायकों के साथ ही तब के दिग्‍गज कांग्रेस नेता विद्या चरण शुक्‍ल (वीसी) भी शामिल थे। छत्‍तीसगढ़ राज्‍य निर्माण के संघर्ष में वीसी बढ़-चढ़कर शामिल हुए थे। वीसी केंद्रीय मंत्री रह चुके थे और छत्‍तीसगढ़ के ताकतवर नेताओं में शामिल थे। वीसी ने सीएम के पद की दावेदारी ठोक दी।  वीसी के समर्थकों को पूरी उम्‍मीद थी कि आला कमान उनके नाम को मंजूरी दे देगा, लेकिन कांग्रेस के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व ने दूसरा नाम तय कर दिया।

CG Safarnama: अजीत जोगी का नाम फाइनल

कांग्रेस नेतृत्‍व ने छत्‍तीसगढ़ के पहले मुख्‍यमंत्री के रुप में अजीत जोगी का नाम फाइनल किया। नौकरशाही से राजनीति में आए जोगी छत्‍तीसगढ़ के थे, लेकिन यहां की राजनीति में वे शामिल नहीं थे। जोगी कांग्रेस की राष्‍ट्रीय राजनीति में थे, पार्टी राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता सहित अन्‍य जिम्‍मेदारी संभालते थे। जोगी का नाम फाइनल होते ही बवाल मच गया। वीसी और उनके समर्थक भड़क गए।

वीसी को मनाने पहुंचे दिग्‍गी राजा

सीएम नहीं बनाए जाने से नाराज वीसी को मनाने की जिम्‍मेदारी तत्‍कालीन अविभाजित मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री दिग्‍विजय सिंह को सौंपा गया। तब तक छत्‍तीसगढ़ राज्‍य का निर्माण नहीं हुआ था, अभी केवल घोषणा हुई थी। दिग्‍गी राजा सीधे वीसी के फार्म हाउस राधेश्‍याम भवन पहुंचे, तब तक जोगी का नाम सार्वजनिक नहीं हुआ था। राधेश्‍याम भवन में वीसी समर्थकों की भीड़ लगी हुई थी।

प्रत्‍यक्षदर्शियों के अनुसार दिग्‍गी राजा ने बताया कि आला कमान ने जोगी का नाम मुख्‍यमंत्री के पद के लिए फाइनल किया है तो वहां वबाल खड़ा हो गया। समर्थकों ने दिग्‍गी राजा को घेर लिया। वीसी समर्थकों ने मुख्‍यमंत्री के साथ झुमाझटकी की। इसमें उनका कुर्ता भी फट गया। सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह उन्‍हें बाहर निकाला।

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CG Safarnama: नेता प्रतिपक्ष के चुनाव में भी गदर..

छत्‍तीसगढ़ के पहले मुख्‍यमंत्री ही नहीं पहले नेता प्रतिपक्ष के चुनाव में भी जमकर बवाल हुआ था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने एकात्‍म परिसर (भाजपा प्रदेश मुख्‍यालय) में जमकर तोड़फोड़ किया, वहां आगजनी भी कर दी।

राज्‍य बना तब भाजपा में भी कई दिग्‍गज विधायक मौजूद थे। बृजमोहन अग्रवाल, नंनकीराम कंवर, तरुण चटर्जी, अमर अग्रवाल और गंगूराम बघेल सहित अन्‍य नाम शामिल थे। छत्‍तीगसढ़ की पहली विधानसभा में भाजपा को विपक्ष में बैठना था। पार्टी के राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व ने नेता प्रतिपक्ष के चयन के लिए तत्‍कालीन महामंत्री नरेंद्र मोदी को छत्‍तीसगढ़ का पर्यवेक्षक बनाकर भेजा।

नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए रायपुर शहर विधायक बृजमोहन अग्रवाल को प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने नंदकुमार साय का नाम फाइनल कर दिया। इससे नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने एकात्‍मक परिसर में जमकर उत्‍पात मचाया। कार्यकर्ताओं का गुस्‍सा देखते हुए कार्यालय में मौजूद नेताओं को छिपना पड़ा था।

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