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CSPDCL को लगा झटका: एक शर्त का पालन नहीं करने के कारण केंद्र ने नहीं दिया 750 करोड़

आरडीएसएस में 3560 करोड़ स्‍वीकृत

CSPDCL रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सरकारी बिजली वितरण कंपनी का 750 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने रोक दिया है। ऐसा सरकार के ही दूसरे विभागों के कारण हुआ है। इसको लेकर बिजली कंपनी के सेवानिवृत्‍त इंजीनियर और अफसरों के एसोसिएशन ने मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय को पत्र लिखा है।

आरडीएसएस में 3560 करोड़ स्‍वीकृत

एसोसिएशन के अध्‍यक्ष पीएन सिंह ने लिखा है कि  भारत सरकार ने बिजली वितरण व्यवस्था में तकनीकी सुधार के लिए पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) लागू की जिसमें छत्तीसगढ़ के लिए लगभग 3560 करोड़ की योजना की स्वीकृति प्राप्त हुई। इस योजना में कुल स्वीकृत राशि का 60% हिस्सा भारत सरकार की तरफ से अनुदान में प्राप्त होना है। कुल योजना का वित्तीय विभाजन निम्नानुसार है:-

1. भारत सरकार का अनुदान 60 प्रतिशत

2. राज्य सरकार का अनुदान 10 प्रतिशत

3. बैंक से कर्ज 30 प्रतिशत

कुल 100 प्रतिशत

CSPDCL  केवल एक ही किश्‍त मिली है

छत्तीसगढ़ राज्य बिजली वितरण कंपनी मर्यादित (CSPDCL) ने अभी तक रू. 3119 करोड़ के एवार्ड दे दिये है। शेष राशि का जिसमें लाइन लास कम करने तथा पावर फैक्टर में सुधार के लिए Capacitor लगाने के कार्य का एवार्ड नहीं दिया जा सका। वस्तुतः Capacitor को बिजली भार के पास लगाना होता है। अगर बिजली भार के इतर कहीं और Capacitor लगाया गया तो बिजली भार के हटते ही यह Capacitor ही बिजली भार कम जायेगा। इसके अभी CSPDCL निर्णय नहीं ले सका है।

जो एवार्ड हो चुका है, वह राशि 3119 करोड़ की है इसमें 60% भारत सरकार से अनुदान प्राप्त होना है जो कुल राशि रु.1871 करोड़ है।  पहली किस्त के रूप में भारत सरकार में 503 करोड़ की राशि अनुदान के रूप में दे दी है।

CSPDCL मिलना था 1254 करोड़, लेकिन मिला 503 करोड़

भारत सरकार का अनुदान की प्रगति के आधार पर CSPDCL को प्राप्त होना है। अभी तक रूपये 2090 करोड़ के काम पूरे हो चुके है। इसके विरूद्ध भारत सरकार से 60 प्रतिशत के हिसाब से 1254 करोड़ अनुदान के रूप में प्राप्त होने थे, लेकिन मिले 503 करोड़।

1. काम पूरा हुआ 2090 करोड़

2. 60% अनुदान भारत सरकार से अनुदान प्राप्त होना था 1254 करोड़

3. प्राप्त हुआ 503 करोड़

4. शेष 750 करोड़ प्राप्त होना है।

750 करोड़ से भारत सरकार को अनुदान प्राप्त होने के लिए CSPDCL को वर्ष 2023-24 योग्यता प्राप्त हो गई थी तथा वर्ष 2024-25 में 239 करोड़ की योग्यता प्राप्त हुई लेकिनभारत सरकार से अनुदान प्राप्त नहीं हो सका।

भारत सरकार की एक शर्त का पालन नहीं करने के कारण यह 750 करोड़ की राशि नहीं मिली। वह है सरकारी विभागों से खपत की गई बिजली का भुगतान नहीं होना। यह बात यहीं समाप्त नहीं होती है। अगर सरकार के विभिन्न विभागो से बिजली बिलो का भुगतान नहीं हुआ तब पूरी 60 प्रतिशत की राशि लोन में परिवर्तित हो जाएगी जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगतेगी। 

CSPDCL  काम कैसे चल रहा है ?

लोन लेना था 627 करोड़

लोन ले लिया 853 करोड़

यानी 226 करोड़ ज्यादा

इस पर 9.05 प्रतिशत ब्याज देना है।

यह सब बिजली टेरिफ के रूप में जनता से वसूल होगा।

सरकारी विभागों पर बिजली बिल बकायाः-

अगस्त 2024-1988.25

नवम्बर 2024-2290.23

दिसम्बर 2024- 2473.23

जनवरी 2025- 2578.53

फरवरी 2025-2651.73

मार्च 2025- 2444.91

(राशि करोड़ रुपए में)

CSPDCL  अभी 22 प्रतिशत बढ़ानी बढ़ सकती है बिजली की दर  

अभी CSPDCL 2025-26 के लिए बिजली दरें निर्धारण के लिए जो आवेदन बिजली नियामक आयोग में दिया है उसके अनुसार CSPDCL को 5000 करोड़ अतिरिक्त चाहिए। इसके लिए बिजली दरें कम से कम 22 प्रतिशत बढ़ानी होगी।

विभिन्‍न सरकारी विभागों ने बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया है। ऐसे में पूरा अनुदान कर्ज में बदल जाएगा। यह R.D.S.S. योजना का वित्तीय भार भी बढ़ गया तो वर्ष 2026-27 में भी बिजली दरें 20 प्रतिशत और बढ़ जाएगी। इस मुसीबत से बचने के लिए सरकारी बिजली बिलों का भुगतान शत प्रतिशत होना आवश्यक है।

CSPDCL  क्‍या कहता है बिजली अधिनियम 2003

बिजली अधिनियम 2003 की धारा 56 में स्पष्ट लिखा है कि बिजली देयकों के भुगतान न होने पर बिजली की आपूर्ति बंद कर देने का अधिकार CSPDCL को है। करोड़ो के बिजली बिलों के भुगतान न होने पर भी यह विभाग, बिजली का उपयोग कर रहे हैं। इस पैसे की आपूर्ति कर्ज लेकर की जा रही है, जिस पर 9.50 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ता है। यह राशि भी गरीब जनता से वसूल हो रही है।

अंत में पीएन सिंह ने सीएम से निवेदन किया है कि आम बिजली उपभोक्ताओं को इस दुरूह चक्रव्यूह से बाहर करने के लिए सरकारी विभागों को तत्काल भुगतान के लिए निर्देशित करें।

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