Custom Milling: रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कथिततौर पर हुए कस्टम मिलिंग घोटाला में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रायपुर की विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया है। इस मामले में आरोपी बनाए गए दो लोगों पर अब कोर्ट में आरोप तय होना है। ईडी की विशेष कोर्ट ने इसके लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय किया है।
ईडी ने इस मामले में 26 जून को ही कोर्ट चार्जशीट में दाखिल कर दिया था। इसमें 2 लोगों को मुख्य अभियुक्त बताया गया है। इसमें मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर का नाम है। भारतीय टेलीकॉम सेवा के अफसर मनोज सोनी प्रतिनियुक्ति पर छत्तीसगढ़ में सेवाएं दे रहे थे। सोनी छत्तीगसढ़ राज्य विपणन संघ (मार्कफेड) के एमडी के पद पर थे। वहीं रोशन चंद्राकर छत्तीगढ़ राइस मिलर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष हैं।
जानिए.. कैसे हुआ कस्टम मिलिंग घोटाला
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीगसढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाला की शुरुआत 2021-22 में हुई। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की कस्टम मिलिंग के बाद चावल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में जमा कराती है। कस्टम मिलिंग का छत्तीगसढ़ में स्थित राइस मिलरों को दिया जाता है। कस्टम मिलिंग समय पर हो इसके लिए सरकार की तरफ से राइस मिलरों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी प्रोत्साहन राशि में बड़ा खेल करके भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप ईडी ने लगाया है।
Custom Milling: अचानक दोगुना से ज्यादा बढ़ा दी गई प्रोत्साहन राशि
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 तक राइस मिलरों को कस्टम मिलिंग के लिए 40 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्सहन राशि दी जा रही थी। 2021-22 के खरीफ सीजन के दौरान इसे अचाकन बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। यह राशि 60-60 रुपये प्रति क्विंटल की दो किस्तों में दिया जाता था।
बढ़ाई गई प्रोत्साहन राशि मिलरों से नगद में वापस ले लिया गया। मिलरों को प्रोत्साहन राशि के बिलों के भुगतान के एवज में मिलरों को 20 रुपये प्रति क्विंटल की दर से नगद देने पर विवश किया गया।
ईडी का आरोप है कि जिन मिलरों ने नगद देने में आनाकानी की उनका बिल रोक दिया गया। मिलरों से इस जबर उगाही में जिलों के डीएमओ को भी शामिल किया गया। यह खेल लंबे समय तक चला। आरोप है कि मनोज सोनी ने राइस मिलरों से यह वसूली एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रहे रोशन चंद्राकर के जरिये किए।
इस मामले की जांच के दौरान ईडी ने अक्टूबर 2023 से जून 204 के बीच प्रदेश के अलग-अलग जिलों में छापेमार कार्रवाई की। इसमें कस्टम मिलिंग की अवैध कमाई भी जब्त की गई। ईडी ने मनोज सोनी और रोशन चंद्राकर की 19 करोड़ की संपत्ति अटैच की है। इस मामलें में 100 करोड़ रुपय से अधिक का भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप है।