DA News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों- अधिकारियों ने संगठनों ने अलग-अलग आंदोलन का ऐलान कर रखा है। फिलहाल अफसरों और मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इस बीच डीए के ऐलान को लेकर राज्य सरकार की तरफ से बड़ा संकेत आया है। इसके अनुसार राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को डीए की सौगात देने जा रही है।
छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को अभी 46 प्रतिशत डीए मिल रहा है। इसी वर्ष मार्च में प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार ने 4 प्रतिशत डीए की सौगात दी थी। इससे राज्य के कर्मचारियों को मिलने वाला डीए 42 से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया। इसके बावजूद यह केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले डीए से कम है। इसी वजह से प्रदेश के कर्मचारी डीए बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार सरकारी कर्मियों को डीए की सौगात देने जा रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार 15 अगस्त को मुख्यमंत्री इसकी घोषणा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के रुप में विष्णुदेव साय इस साल पहली बार प्रदेश की राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में डंडा रोहण करेंगे।
इसी दिन मुख्यमंत्री प्रदेश के नाम अपने संदेश में कर्मचारियों को 4 प्रतिशत डीए की सौगात दे सकत हैं। इस बात के संकेत वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी दिया है। हाल ही में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान ओपी चौधरी ने 4 प्रतिशत डीए बढ़ाने की सहमति दी है। चूंकि 15 अगस्त नजदीक है ऐसे में अफसरों का कहना है कि अब यह घोषणा उसी दिन होगी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अभी 50 प्रतिशत डीए मिल रहा है। केंद्र सरकार फिर एक बार डीए बढ़ाने की तैयारी में है। केंद्र सरकार सितंबर में डीए की घोषणा कर सकती है। इस बीच यदि राज्य सरकार 15 अगस्त को राज्य के कर्मचारियों का डीए 4 प्रतिशत बढ़ा देती है तो प्रदेश के कर्मियों को मिलने वाला डीए केंद्रीय कर्मियों के बराबर हो जाएगा।
डीए का लाभ न केवल मौजूदा कर्मचारियों बल्कि पेंशनरों को भी मिलता है। प्रदेश में करीब 3 लाख 90 हजार कर्मचारी हैं। वहीं, पेंशनरों की संख्या भी लगभग 1 लाख 20 हजार हैं। इस तरह करीब 5 लाख 10 हजार लोगों को डीए का लाभ मिलता है। 4 प्रतिशत डीए बढ़ाने से राज्य के खजाने पर हर महीने 68 करोड़ रुपये का भार बढ़ता है जो सालाना करीब 816 करोड़ रुपये होता है।