हृदयघात के कारण विधानसभा उपाध्यक्ष मंडावी का निधन, प्रदेश में आज राजकीय शोक
1 min readरायपुर। chaturpost.com (चतुरपोस्ट.कॉम)
विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का निधन हो गया है। मंडावी का निधन दिल का दौरा पड़ने के कारण हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंता, मुख्यमंत्री भूपेश बघेन, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल सहित पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने मंडावी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मंडावी के निधन पर प्रदेश में राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और प्रदेश की सेवा की। वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के तथा वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भानुप्रतापपुर के विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष मंडावी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में डॉ. महंत ने कहा कि मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे।
डॉ महंत ने कहा कि वे अत्यंत सरल,सहज एवं मृदुभाषी थे। उनके निधन से प्रदेश ने एक अनुभवी राजनेता को खो दिया है। विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में सदन के संचालन में उनकी भूमिका सदैव यादगार रहेगी। उन्होंने कहा कि -मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे।
वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे।प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है।
विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा ने भी पूरे विधान सभा सचिवालय परिवार की ओर से मंडावी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।
वन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने मंडावी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। अपने शोक संवेदना में अकबर ने कहा है कि मंडावी में नेतृत्व की अपार संभावनाएं थीं। छात्र राजनीति के दौर से ही उनमें नेतृत्व के गुण उभरकर सामने आए थे। आदिवासी समाज सहित सभी समाजों के विकास के लिए उन्होंने अपने जीवनकाल में योगदान दिया।
छत्तीसगढ़ राज्य के विधायक, मंत्री व छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण निर्वहन किया। उनके आकस्मिक निधन से सभी स्तब्ध है। सरल, सौम्य व मृदुभाषी व्यवहार वाले स्वर्गीय मंडावी मंडावी कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। ईश्वर से कामना है कि उनके परिजनों को इस दुख सहने की अपार शक्ति प्रदान करें।