September 21, 2024

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DGP Of Chhattisgarh Police: छत्‍तीसगढ़ पुलिस के अब तक के डीजीपी और उनका कार्यकाल

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DGP Of Chhattisgarh Police: रायपुर। मध्‍य प्रदेश से अलग हो कर वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्‍य बना। रायपुर को नवगठित छत्‍तीसगढ़ की राजधानी बनाया गया। यहां शास्‍त्री चौक स्थित डीके अस्‍पताल को मंत्रालय भवन बनाया गया, जबकि सिविल लाइन के स्थित बीएड कॉलेज के भवन को राज्‍य का पुलिस मुख्‍यालय बनाया गया।

नवगठित राज्‍य का पहला डीजीपी बनने का अवसर एमएम शुक्‍ला यानी श्रीमोहन शुक्‍ला को मिला। शुक्‍ला का कार्यकाल छोटा था। 1 नवंबर 2000 को वे डीजीपी बने और 26 मई 2001 को उनका कार्यकाल समाप्‍त हो गया। तब प्रदेश में अजीत जोगी के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार थी।

DGP Of Chhattisgarh Police: छोटा ही रहा पहले 3 डीजीपी का कार्यकाल

सरकार ने डॉ. आरएलएस यादव को प्रदेश का दूसरा डीजीपी नियुक्‍त किया। शुक्‍ला की तरह की इनका कार्यकाल भी ज्‍यादा लंबा नहीं रहा। 1 फरवरी 2002 को सरकार ने वीके दास को राज्‍य का तीसरा डीजीपी नियुक्‍त किया। दास का कार्यकाल 2002 में ही सितंबर तक चला। इसके बाद सरकार ने 1 अक्‍टूबर 2002 को अशोक दरबारी को राज्‍य का डीजीपी नियुक्‍त किया। दरबारी 15 जुलाई 2004 तक पद पर रहे। इसके बाद सरकार ने उन्‍हें राज्‍य लोक सेवा आयोग (पीएससी) का पहला अध्‍यक्ष बना दिया।

DGP Of Chhattisgarh Police:  केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से आए राठौर बने 5वें डीजीपी

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे ओपी राठौर को 15 जुलाई 2004 को प्रदेश का 5वां डीजीपी बनाया गया। तब तक प्रदेश में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्‍व वाली सरकार बन चुकी थी। इसके साथ ही नक्‍सलवाद के खिलाफ जंग भी तेज होने लगी थी। तब सरगुजा और बस्‍तर संभाग नक्‍सल प्रभावित था। राठौर करीब 8 वर्ष तक संयुक्त राष्ट्र में काम किए थे।

माना जाता है कि नक्‍सलवाद के खिलाफ राज्‍य सरकार ने पहली रणनीति राठौर के कार्यकाल में बनाया। राठौर के समय ही कांकेर में जंगल वार फेयर कॉलेज की स्‍थापना हुई। जहां पुलिस के जवानों को गोरिल्‍लावार की ट्रेनिंग दी जाने लगी।  राठौर की असमय मृत्‍यु हो गई। एक दिन वे मंत्रालय में नक्‍सलवाद पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्‍हें दिल का दौरा पड़ा।

DGP Of Chhattisgarh Police: आईबी से बुलाए गए विश्‍वरंजन

 डीजीपी राठौर के निधन के बाद कुछ समय तक कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे काम चला फिर सरकार ने छत्‍तीसगढ़ कैडर के आईपीएस विश्‍वरंजन को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुला कर राज्‍य का 6वां डीजीपी नियुक्‍त किया। विश्‍वरंजन पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी में पदस्‍थ थे। 20 मई 2009 को विश्‍वरंजन ने राज्‍य पुलिस की कमान संभाली।

इसके बाद राज्‍य में नक्‍सलवाद के खिलाफ कई स्‍तर पर लड़ाई शुरू हुई। इसकी वजह से वश्विरंजन को देश से लेकर विदेश तक काफी विरोध और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। विश्‍वरंजन मशहूर शायर  फिराक गोरखपुरी के नाती हैं। साहित्‍य में उनकी गहरी रुचि थी। सरकार ने उन्‍हें उनकी सेवानिवृत्‍ति से पहले ही डीजीपी के पद से हटा दिया। इसके बावजूद उनका कार्यकाल सबसे लंबा रहा।

‍अनिल एम नवानी 7वें डीजीपी

विश्‍वरंजन के बाद अनिल एम नवानी को 18 जुलाई 2011 का सातंवा डीपजी बनाया गया। राम निवास 8वें और उनके बाद एएन उपाध्याय 9वें डीजीपी बनाए गए। उपाध्‍याय के डीजीपी रहते 2018 में प्रदेश में सत्‍ता परिवर्तन हुआ। कांग्रेस ने सत्‍ता में आते ही उपाध्‍याय को हटाकर डीएम अवस्‍थी को डीजीपी बना दिया। प्रदेश के 10वें डीजीपी अवस्‍थी को भी सेवानिवृत्‍त होने से पहले ही पद से हटा दिया गया।  12 नवंबर 2021 को अशोक जुनेजा छत्तीसगढ़ पुलिस का डीजीपी बनाया गया।

DGP Of Chhattisgarh Police: छत्‍तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशकों की पूरी लिस्‍ट

अधिकारी का नाम              कार्यकाल
 ShriMohan Shukla IPS            2000-11-01 To 2001-05-26
Dr. R. L. S. Yadav IPS 2001-05-26 To 2002-01-31
V K Das IPS 2002-02-01 To 2002-09-30
Ashok Darbari IPS 2002-10-01 To 2004-07-15
O P Rathore IPS  2004-07-15 To 2007-05-21
Vishwaranjan IPS2009-05-20 To 2011-07-18
Anil M Navani IPS 2011-07-18 To 2012-11-30
Ramniwas IPS 2012-11-30 To 2014-01-31
Amarnath updhyay IPS 2014-01-31 To 2018-12-20
DM Awasthi IPS    2018-12-20 To 2021-11-12
Ashok Juneja  IPS    2021-11-12 To ….
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