October 18, 2024

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Dhan Kharidi:  छत्‍तीसगढ़ सरकार बना रही धान खरीदी की नई नीति, जानिए..कब से शुरू होगी धान खरीदी

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Dhan Kharidi: छत्तीीसगढ़ सरकार बना रही धान खरीदी की नई नीति, जानिए..कब से शुरू होगी धान खरीदी

Dhan Kharidi: रायपुर। खरीफ सीजन 2024-25 के लिए छत्‍तीसगढ़ की विष्‍णुदेव साय सरकार धान खरीदी की नई नीति तैयार कर रही है। यह नीति मंत्रिमंडलीय उपसमिति की मंजूरी के बाद कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद नई नीति को लागू किया जाएगा। इस नीति में धान खरीदी की समय सीमा से लेकर धान खरीदी का लक्ष्‍य आदि तय किया जाएगा।

जानिए..इस वर्ष कब से शुरू होगी धान की खरीदी

इस बार धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरू होने की उम्‍मीद है। अफसरों के अनुसार बारिश इस बार अच्‍छी हुई है, इससे फसल भी अच्‍छी होने की उम्‍मीद की जा रही है। धान की अर्ली वैराइटी की कटाई अक्‍टूबर से शुरू हो जाएगी। इसे देखते हुए धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरू होने की संभावना है।

Dhan Kharidi: जानिए.. कितना होगा खरीदी का लक्ष्‍य

खरीफ सीजन 2024-25 में छत्‍तीसगढ़ सरकार बीते वर्ष की तुलना में धान खरीदी का लक्ष्‍य बढ़ा सकती है। पिछले साल विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते हुए लक्ष्‍य से ज्‍यादा धान की खरीदी की गई थी। पिछले सीजन में करीब 145 लाख टन धान की खरीदी की गई थी। बता दें कि भाजपा अपने चुनावी वादे के तहत किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से 3100 रुपये प्रति एकड़ की दर से खरीदी की गई थी।

जानिए.. खरीफ सीजन 2024-25 में धान का समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) क्‍या रहेगा

खरीफ सीजन 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने धान का न्‍यनतम समर्थन मूल्‍य घोषित कर दिया था। सामान्‍य धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान की खरीदी 2320 रुपये प्रति एकड़ तय किया गया है। हालांकि छत्‍तीसगढ़ के किसानों से राज्‍य सरकार 3100 रुपये प्रति एकड़ के भाव से खरीदेगी।

Dhan Kharidi:  हर साल तैयार होती है धान खरीदी की नीति

छत्तीसगढ़ में किसानों से न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर धान खरीदी के लिए राज्य सरकार हर साल धान उपार्जन नीति तैयार करती है। राज्य में धान की उपज के आकलन के हिसाब से धान की खरीदी का लक्ष्य तय किया जाता है। धान के साथ ही मक्का की खरीदी की नीति भी इसी में शामिल होगी है क्योंकि धान और मक्का की खरीदी लगभग एक साथ शुरु की जाती है।

नई नीति में शामिल होंगे ये बिंदु

राज्य में धान खरीदी के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाई जा रही उपार्जन नीति में इन बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। धान एवं मक्का का समर्थन मूल्य, उपार्जन की समयावधि, प्रति एकड़ खरीदी का निर्धारण, उपार्जन एजेंसी, उपार्जन की अनुमानित मात्रा, साख सीमा की व्यवस्था, उपार्जन की प्रक्रिया, बायोमैट्रिक प्रणाली के आधार पर खरीदी की व्यवस्था, बार दानों की व्यवस्था, उपार्जन की आरंभिक व्यवस्था, धान की गुणवत्ता का निर्धारण, भुगतान की व्यवस्था, समितियों को इनसेंटिव, भंडारण की व्यवस्था, धान परिवहन की व्यवस्था, हानि एवं प्रतिपूर्ति एवं समितियों का कमीशन, प्रासंगिक व्यय, खरीदे गए धान की सुरक्षा एवं बीमा।

सोसाइटियां हो गई हैं ऑफलाइन

छत्तीसगढ़ में जहां एक तरफ राज्य सरकार हजारों करोड़ रुपयों के धान की खरीदी की तैयारी में लगी है, वहीं दूसरी ओर राज्यभर की दो हजार से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के 2 हजार 739 डाटा एंट्री ऑपरेटर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 18 सितंबर से हड़ताल पर हैं।

इस हड़ताल से सोसाइटियों द्वारा किया जाने वाला सारा ऑनलाइन कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। लिहाजा सोसाइटियां फिलहाल ऑफलाइन हो गई हैं। सोसाइटियों के ऑपरेटरों के संगठन का कहना है कि ऑपरेटर 17 साल से काम कर रहे हैं, सभी ऑपरेटरों को नियमित किया जाए।

इसके साथ ही संविदा दर में 27 प्रतिशत वृद्धि कर 23 हजार 350 रुपए मासिक मानदेय दिया जाए। इस हड़ताल से सोसायटियों के माध्यम से किए जाने वाले सभी ऑनलाइन काम बंद हो गए हैं। धान उत्पादक नए किसानों का पंजीयन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण कामनहीं हो पा रहे हैं।

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