Dhan Kharidi: रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने इस बार किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। इधर, खरीदी शुरू होने के पहले से ही कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। अब खरीदी केंद्रों में काम करने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर आज से हड़ताल पर जा रहे हैं। सभी धान खरीदी केंद्रों में डाटा एंट्री ऑपरेटर आज से नवा रायपुर के धरना स्थल तूता में प्रदर्शन करेंगा। आपरेटरों का यह आंदोलन अनिश्चितकालीन है।
इधर, बुधवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद राइस मिलर्स भी सरकार से खफा हो गए हैं। राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कस्टम मिलिंग करने के अपने निर्णय पर फिर से विचार करने की बात कह दी है। राइस मिलरों यदि कस्टम मिलिंग रोकते हैं तो खरीदी केंद्रों से धान का उठाव प्रभावित होगा।
छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों में आनलाइन डाटा एंट्री करने वाले आपरेटरों आज से अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान कर रहा है। आपरेटर संघ के अध्यक्ष ऋषिकांत मोहरे ने बताया कि इससे पहले संघ ने अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर नवा रायपुर में करीब 35 दिनों तक धरना- प्रदर्शन किया था। तब विभागीय मंत्री ने हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद अब तक कुछ नहीं हो रहा है।
मोहरे ने बताया कि आपरेटरों को पांच महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। कैबिनेट के निर्देश पर जारी किए गए 7 महीने के वेतन में भी कई जिलों में कटौती कर दी गई है। आपरेटरों का विभाग तय करने की दिशा में भी कोई काम नहीं हो रहा है। सरकार की इस उपेक्षा से आहत होकर हमें फिर से आंदोलन करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स फिर एक बार राज्य सरकार ने नाराज हो गए हैं। राइस मिलर्स को पिछले दो- तीन सालों का कई मदों में भुगतान नहीं हुआ है। वहीं, इस वर्ष की धान खरीदी नीति में प्रोत्साहन राशि भी कम कर दी गई है। इसके विरोध में राइस मिलर्स ने इस वर्ष कस्टम मिलिंग से इन्कार कर दिया था। पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री व मंत्रियों से चर्चा के दौरान उनकी मांगों माने जाने की बात कही गई थी।
छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक से राज्य में राइस मिलर्स को बड़ी उम्मीदें थी। लेकन कैबिनेट ने केवल प्रोत्सहान राशि 60 से बढ़कार 80 करने का फैसला किया है। राइस मिलर्स की बाकी समस्याओं की अनदेखी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वैसे ही राइस मिल संचालक आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में पिछला भुगतान नहीं होने की स्थिति में कस्टम मिलिंग करना कठिन हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब तक नौ लाख 14 हजार किसान अपना धान बेच चुके हैं। इन किसानों से 42 लाख 83 हजार टन धान की खरीदी की गई है। इसमें से अब तक मात्र दो लाख 31 हजार टन धान की राइस मिलर्स ने उठाया है। ऐसे में धान खरीदी केंद्रों में करीब 40 लाख टन से ज्यादा धान रखा हुआ है। जानकारों के अनुसार खरीदी केंद्रों से धान के उठाव की रफ्तार नहीं बढ़ी तो इसका असर धान की खरीदी पर पड़ सकता है। धान खरीदी रोकनी भी पड़ सकती है।