Dhan Kharidi Niti: धान खरीदी नीति 2024-25 जारी: जानिए.. नई नीति में कहां क्या–क्या बदलाव किया है विष्णुदेव सरकार ने
1 min readDhan Kharidi Niti: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बार किसानों से समर्थन मूल्य पर 1 लाख 60 हजार टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। धान की खरीदी 14 नवंबर से शुरू हो रहा है। इससे पहले सरकार ने खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की नीति जारी कर दी है।
जानिए.. इस बार छत्तीसगढ़ कितना चावल लेगी केंद्र सरकार
इस बार केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से केंद्रीय पूल में 70 लाख टन चावल लेने की सहमति दी है। इस संबंध में केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने 12 सितंबर को राज्य सरकार को पत्र जारी कर दिया है। यह चावल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम में जमा किए जाएंगे। इसके साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में राज्य पूल में 14.30 लाख टन चावल का नागरिक आपूर्ति निगम में जमा किया जाएगा।
Dhan Kharidi Niti: कस्टम मिलिंग चावल डिलीवरी
खरीफ वर्ष 2024-25 में उपार्जित शासकीय धान की कस्टम मिलिंग के उपरांत निर्मित चावल उपार्जन एजेंसी को डिलीवरी की समयावधि 14 नवंबर, 2024 से 30 जून, 2025 तक होगी ।
Dhan Kharidi Niti: धान उठाव की समयावधि
2.1 बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों (कांकेर छोड़कर) और कोरबा जिलें में उपार्जित होने वाले समस्त धान का कस्टम मिलिंग के लिए उठाव 31 मार्च 2025 तक किया जाए ।
2.2 रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के जिलों (कोरबा छोड़कर) तथा कांकेर जिले में उपार्जित तथा उपलब्ध होने वाले समस्त धान का कस्टम मिलिंग के लिए उठाव दिनांक 30 अप्रैल 2025 तक किया जाए ।
2.3 खरीदी केन्द्रो से समस्त धान का उठाव 31 मार्च 2025 तक अनिवार्य रूप से करा लिया जाए ।
कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन एजेंसी
3.1 सार्वजनिक वितरण प्रणाली और केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं तथा छत्तीसगढ़ खाद्य और पोषण सुरक्षा योजना के लिए राज्य के लिए आवश्यक चावल का उपार्जन छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। सरप्लस चावल का उपार्जन भारतीय खाद्य निगम द्वारा किया जाएगा। जिलेवार कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन की अनुमानित कार्ययोजना परिशिष्ट-1 पर संलग्न है। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान उपार्जन की वास्तविक मात्रा के आधार पर और खाद्य विभाग केंद्र सरकार द्वारा केन्द्रीय पूल में दिये गये चावल उपार्जन लक्ष्य अनुसार उक्त कार्ययोजना परिवर्तनीय होगी।
3.2 छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा केन्द्रीय पूल तथा राज्य पूल के लिए उपार्जित चावल के लिए पृथक-पृथक लेखा संधारित किया जाएगा।
3.3 सार्वजनिक वितरण प्रणाली और छत्तीसगढ़ खाद्य और पोषण सुरक्षा योजना के अंतर्गत राशनकार्डधारियों को अरवा चावल वितरित किया जाए। यदि जिले में पीडीएस के लिए उसना चावल की मांग आती है तो कलेक्टर के प्रस्ताव पर शासन द्वारा उसना चावल वितरित करने की अनुमति दी जा सकेगी ।
3.4 चावल की कमी वाले जिलों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य शासकीय योजनाओं के लिए आवश्यक चावल की आपूर्ति आधिक्य वाले जिलों से परिवहन कराकर की जाए ।
3.5 विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के अंतर्गत चावल उपार्जन के लिए राज्य शासन के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा आवश्यक कार्यशील पूंजी की व्यवस्था की जाएगी ।
3.6 छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के चावल उपार्जन केंद्रों की सूची परिशिष्ट-2 पर संलग्न है। छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा उपार्जन केंद्र प्रभारियों का नाम, पदनाम और मोबाईल नंबर की जानकारी विभाग को यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाये ।
3.7 भारतीय खाद्य निगम द्वारा चावल उपार्जन केंद्र की सूची परिशिष्ट-3 पर संलग्न है। भारतीय खाद्य निगम द्वारा उपार्जन केंद्र प्रभारियों का नाम, पदनाम और मोबाईल नंबर की जानकारी विभाग को यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाये ।
Dhan Kharidi Niti: गुणवत्ता
4.1 छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा केंद्र सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित विर्निदिष्टियों के अनुरूप सी.एम.आर. की प्राप्ति की जाएगी, जिसकी प्रति परिशिष्ट-4 पर संलग्न है।
4.2 छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन द्वारा समयानुसार निर्धारित गुणवत्ता का चावल उपार्जन के लिए तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकतानुसार व्यवस्था किया जाये ।
4.3 भारतीय खाद्य निगम द्वारा चावल उपार्जन की मात्रा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार तकनीकी कर्मचारियों की व्यवस्था करने के लिए उचित कार्यवाही की जाए ।
4.4 केंद्र सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित विनिर्दिष्टियों के अनुरूप चावल के उपार्जन के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण भारतीय खाद्य निगम द्वारा दिया जाए।
4.5 छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा उपार्जित किए जाने वाले कस्टम मिलिंग चावल की गुणवत्ता की विशेष रूप से निगरानी की व्यवस्था की जाए तथा केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मापदण्ड का चावल प्राप्त किया जाना सुनिश्चित किया जाए ।
4.6 खाद्य विभाग केंद्र सरकार के निर्देश दिनांक 29.09.2021 में mixed indicater method के संबंध में दिये गये निर्देशानुसार अरवा चावल उपार्जन किये जाने के संबंध में मिलर और विपणन संघ के बीच निष्पादित होने वाले अनुबंध में प्रावधान विपणन संघ द्वारा किया जाए (परिशिष्ट-5)।
Dhan Kharidi Niti: 4.7 फोर्टिफाईड चावल की व्यवस्था
4.7.1 भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में आवश्यकतानुसार फोर्टिफाईड चावल जमा किये जाने के संबंध में अनुबंध में प्रावधान विपणन संघ द्वारा किया जाए ।
4.7.2 खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा
कस्टम मिलिंग के लिए फोर्टिफाईड राईस कर्नेल (FRK) की व्यवस्था और खरीदी के लिए टेंडर के माध्यम से दर (Rate) निर्धारित किया जाए। यह दर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दर के अधीन होनी चाहिए। मिलर द्वारा विपणन संघ द्वारा निर्धारित दर पर फोर्टिफाईड राईस कर्नेल कय कर फोर्टिफाईड राईस कर्नेल (एफ.आर.के.) की व्यवस्था मिलिंग के लिए की जा सकती है। केंद्र सरकार द्वारा जारी S.O.P. दिनांक 26.12.2023 (परिशिष्ट-6) और अन्य सुसंगत निर्देशों का पालन विपणन संघ द्वारा सुनिश्चित किया जाए ।
Dhan Kharidi Niti: जानिए कितनी है कस्टम मिलिंग दर
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में उपार्जित और राज्य शासन द्वारा संधारित शासकीय धान की अरवा/उसना कस्टम मिलिंग पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मिलिंग दर के अतिरिक्त वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग के लिए प्रोत्साहन राशि निम्नानुसार प्रदाय की जाए :-
5.1 खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग पर भारतसरकार द्वारा निर्धारित मिलिंग दर के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दर 60/-रूपये प्रति क्विंटल प्रदाय किया जाए ।
5.2 विगत वर्ष अनुसार प्रोत्साहन के संबंध में स्लेब व्यवस्था नहीं रहेगी ।
5.3 मिलर द्वारा न्यूनतम 02 माह की क्षमता अथवा जिले में उपलब्ध/अंतर जिला में आबंटित धान की मात्रा के आधार पर कस्टम मिलिंग करने पर उक्त राशि की दर में से 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कस्टम मिलिंग शुल्क के साथ किया जाए ।
5.4 शेष 50 प्रतिशत राशि का भुगतान केन्द्रीय पूल में निर्धारित लक्ष्य की पूर्ण मात्रा के जमा होने के पश्चात किया जाए ।
Dhan Kharidi Niti: कस्टम मिलिंग प्रक्रिया
6.खरीफ वर्ष 2024-25 में कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया के माध्यम से समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग का कार्य पूर्ण किया जाएगा। कस्टम मिलिंग प्रक्रिया के कम्प्यूटीकरण का कार्य प्रबंध संचालक मार्कफेड की देखरेख में होगा। खरीफ वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया निम्नानुसार होगी
6.1 कस्टम मिलिंग के लिए मिल पंजीयन अनिवार्य रहेगा तथा मात्र पंजीकृत मिलों को ही कस्टम मिलिंग के लिए अनुमति कलेक्टर द्वारा दी जाएगी। मिल पंजीयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश पृथक से खाद्य विभाग द्वारा जारी किया जाएगा। ऐसी राईस मिलें जिनके संचालक द्वारा राज्य शासन के कस्टम मिलिंग निर्देशों का उल्लंघन किया जाना प्रमाणित होता है अथवा विगत 3 वर्षों में आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत किसी अपराध में दोषसिद्ध पाए गए हैं, को पंजीकृत नहीं किया जाये तथा उन्हें कस्टम मिलिंग की अनुमति नहीं दी जाये।
6.2 खाद्य विभाग केंद्र सरकार के पत्र कमांक 1(6)/2023-Py.Iदिनांक 13.08.2024 (परिशिष्ट- 7) द्वारा केन्द्रीय पूल में कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन के संबंध में दिशा-निर्देश दिये गये हैं। उपरोक्त के संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए :-
6.2.1 राईस मिलों का पंजीयन SFPP पोर्टल (स्टेट फूड प्रोक्योरमेंट पोर्टल) में भौतिक सत्यापन के पश्चात ही किया जाए। मिलर द्वारा बिजली खपत की जानकारी SFPP पोर्टल में दर्ज किया जाए। मिलर द्वारा निजी स्रोत से प्राप्त धान / चावल और शासकीय धान के धान / चावल का पृथक-पृथक रिकार्ड रखा जाए । API के माध्यम से SFPP पोर्टल के माध्यम से जानकारी CFPP (सेंट्रल फूड प्रोक्योरमेंट पोर्टल) में अंतरण किया जाए ।
6.2.2 कस्टम मिलिरों को उनकी वार्षिक मिलिंग क्षमता का केवल 75 प्रतिशत तक धानकस्टम मिलिंग के लिए आबंटित किया जा सकेगा।
6.2.3 आधुनिक मिलों और गैर व्यापारिक मिलों को मिलिंग के लिए धान प्रदाय करने में प्राथमिकता दी जाए।
6.2.4 जिन मिलरों के द्वारा अनियमित तरीके से स्टॉक को परिवर्तित किया गया है अथवा जिनके लॉट कई बार नान / एफसीआई में रिजेक्ट हुए हैं ऐसे मिलरों को केन्द्रीय पूल के लिए कस्टम मिलिंग से प्रतिबंधित किया जाए ।
6.2.5 खरीदी केंद्रों से मिलर द्वारा धान उठाव के पश्चात अपने मिल परिसर में और परिवहनकर्ता द्वारा धान उठाव के पश्चात विपणन संघ के संबंधित संग्रहण केंद्र में ही ले जाया जाना चाहिए, अन्य परिस्थितियों में धान पुर्नचकण (Recycling) की स्थिति उत्पन्न होती है, इसकी नियमित निगरानी आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि खाद्य विभाग केंद्र सरकार द्वारा पत्र दिनांक 13.08.2024 में मिलर द्वारा धान और चावल परिवहन के लिए उपयोग किये जाने वाले वाहन को सड़क परिवहन और राजमार्गमंत्रालय के वाहन पोर्टल से जोड़े जाने के निर्देश हैं। इसी प्रकार सभी परिवहन वाहनों में Location tracking devices लगाये जाने के निर्देश हैं। अतः तदनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ।
Dhan Kharidi Niti: 6.2.6 सभी राईस मिल की मासिक बिजली खपत का डेटा और मिलों द्वारा प्रत्येक माह जमा कुल सीएमआर की एंट्री की जाए और यह डाटा API के माध्यम से CFPP (सेंट्रल फूड प्रोक्योरमेंट पोर्टल) में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
6.2.7 राईस मिल में उपलब्ध धान / चावल के स्टॉक का भौतिक सत्यापन समय-समय पर अधिकृत अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाए ।
6.2.8 राज्य में खरीदी सीजन की समाप्ति के पश्चात राज्य शासन और एफसीआई केअधिकारियों के द्वारा रैण्डम रूप से संयुक्त भौतिक सत्यापन खरीदी केंद्रों, संग्रहण केंद्रों, राईस मिलों का किया जाना चाहिए । 6.2.9 मिल के भौतिक सत्यापन के लिए SOP (Standard Operating Procedures) तैयार की जाए, जिसमें चेक लिस्ट और वीडियोग्राफी आदि शामिल की जाए।
6.3 खरीफ वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग के लिए मार्कफेड द्वारा संचालित किसान राईस मिलों को धान प्रदाय किया जा सकेगा, किन्तु इसके लिए किसान मिल का पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
6.4 पंजीकृत मिल द्वारा आवेदन (लिखित अथवा ऑनलाईन) करने पर मिल को धान कस्टम मिलिंग की अनुमति कलेक्टर द्वारा प्रदान की जाये ।
6.5 मिल की पंजीकृत मिलिंग क्षमता के आधार पर पहली अनुमति चार माह की मिलिंग क्षमता के बराबर (1 टन प्रति घंटा क्षमता वाली मिल के लिए 1600 टन चार माह के लिए) अनिवार्य रूप से दी जाए। मिल को एकबार में अधिकतम 6 माह तक की मिलिंग क्षमता की अनुमति दी जा सकती है।
6.6 अरवा मिल को मात्र अरवा कस्टम मिलिंग के लिए अनुमति दी जाए। बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलो में पीडीएस में अरवा चावल की आवश्यकता की पूर्ति के लिए उसना मिल को अरवा मिलिंग की अनुमति प्रदान की जा सकती है।
6.7 कलेक्टर द्वारा कस्टम मिलिंग की अनुमति जारी किए जाने के पश्चात उसी दिन मिलिंग के लिए जिला विपणन अधिकारी और मिलर के द्वारा अनुमति की पूरी मात्रा का अनुबंध एक ही बार में निष्पादित किया जाए। मिलर्स को प्रोत्साहित किया जाए कि वे आवेदन के साथ ही अनुबंध के लिए आवश्यक स्टाम्प पेपर उपलब्ध करावें ताकि अनुबंध करने में विलंब न हो। अनुबंध होने के पश्चात अरवा अथवा उसना मिलिंग के किस्म में परिवर्तन नहीं किया जायेगा।
6.8 खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंध में मिलिंग की समयावधि मिल की मिलिंग क्षमता के अनुसार निर्धारित किया जाए ।
Dhan Kharidi Niti: 6.9 कस्टम मिलिंग के लिए अनुमति धान की मात्रा का होगा। कलेक्टर द्वारा प्रदाय किये गये अनुमति के विरूद्ध किये गये अनुबंध में समिति और संग्रहण केंद्र संलग्नीकरण का कार्य जिला विपणन अधिकारी के द्वारा किया जायेगा। कस्टम मिलिंग के लिए किये जाने वाले अनुबंधों में धान की मात्रा का जिलेवार किस्मवार अनुपात (मोटा, पतला और सरना धान) कलेक्टर द्वारा निर्धारित किया जायेगा। कलेक्टर द्वारा किस्मवार अनुपात निर्धारण में विगत वर्ष में जिले में किस्मवार उपार्जित धान की मात्रा और जिले में उपलब्ध धान की किस्मवार मात्रा का ध्यान रखा जाए। जिला विपणन अधिकारी अनुबंध के अनुपात के आधार पर धान का डिलिवरी आर्डर जारी करेगा ।
6.10 अंतर जिला मिलिंग की स्थिति में मूल जिले का जिला विपणन अधिकारी अन्य जिले के लिये डिलीवरी आर्डर जारी कर सकेगा। मूल जिले के धान के उठाव के लिए मूल जिले के अनुपात के आधार पर डिलीवरी आर्डर जारी करेगा और अन्य जिले के धान के उठाव के लिए अन्य जिले के अनुपात के आधार पर डिलीवरी आर्डर जारी करेगा। जिला विपणन अधिकारी द्वारा अंतर जिला मिलिंग के लिए निकटस्थ उपार्जन केंद्र / संग्रहण केंद्र से धान प्रदाय किया जाए ।
6.11 जिला विपणन अधिकारी द्वारा डिलीवरी आर्डर जारी करने के पश्चात मिलर द्वारा 10 दिवस के भीतर डिलीवरी आर्डर में उल्लेखित मात्रा अनुसार धान उठाव करेगा । 10 दिवस तक धान उठाव नहीं करने पर धान की मिलिंग में विलंब को रोकने के लिए अनुबंध में दण्ड का प्रावधान रखा जाये। विशेष परिस्थितियों में गुण-दोष के आधार पर परीक्षण उपरांत मिलर को अर्थदण्ड में छूट प्रदान करने का कार्य प्रबंध संचालक मार्कफेड द्वारा किया जाएगा । 6.12 अंतर जिला परिवहन के संबंध में अन्य जिले के अनुपात के आधार पर धान का उठाव कराया जाए ।
यह भी पढ़िए- विष्णुदेव सरकार ने बदला कृषि उपज मंडियों का मापदंड, देखिए- कृषि विभाग की अधिसूचना…
6.13 खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में राईस मिलर को धान शतप्रतिशत प्रतिभूति / कैश गारंटी के विरूद्ध प्रदाय किया जायेगा। राईस मिलर से अग्रिम में चावल जमा नहीं कराया जाएगा। मिलर से प्रतिभूति राशि के रूप में ली जाने वाली राशि में से रू. 1500/- की राशि बैंक गारंटी / एफ.डी.आर. के रूप में ली जाए और शेष राशि पोस्ट डेटेड चेक के रूप में ली जाए, इस संबंध में प्रकिया का निर्धारण विपणन संघ के द्वारा किया जाए।
मिलरों द्वारा धान उठाव के विरूद्ध अनुपातिक चावल जमा करने पर जमाकिये गये चावल के विरूद्ध प्रतिभूति विमुक्त करने के समय 30 अप्रैल, 2025 तक 1500 रू. के मान से बी.जी. / एफडीआर और 1000 रू. के मान से पीडीसी का अनुपातिक रूप से समायोजन किया जाये। 30 अप्रैल, 2025 के उपरांत मिलरों द्वारा धान उठाव के विरूद्ध अनुपातिक चावल जमा करने पर जमा किये गये चावल के विरूद्ध प्रतिभूति विमुक्त करने के समय पी.डी.सी. को प्राथमिकता के साथ समायोजन किया जाये तथा पी.डी.सी. की संपूर्ण राशि के समायोजन होने के उपरांत अन्य प्रतिभूतियों को समायोजित किया जाये ।
6.14 राईस मिलर द्वारा कॉमन अथवा ग्रेड-ए जिस किस्म का धान का उठाव किया जाएगा, उसी किस्म का चावल जमा कराया जाए ।
6.15 धान के उठाव के लिए पूरा स्टेक हस्तांतरितकिया जाए। किसी भी स्थिति में मिलर्स को स्टेक तोड़कर अथवा बोरों की छटाई कर धान जारी नहीं किया जाए।
6.16 धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग प्रक्रिया के कम्प्यूटरीकरण किए जाने के उपरांतसे मिलर को धान के प्रदाय के लिए डिलीवरी आर्डर और अन्य आवश्यक एकरूप अभिलेख कम्प्यूटर के माध्यम से तैयार किए जा रहे हैं।
Dhan Kharidi Niti: 6.17 कस्टम मिलिंग पश्चात मिलर चावल की डिलीवरी छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन या भारतीय खाद्य निगम को निकटतम चावल उपार्जन केंद्र पर देंगे। छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा जिस जिले का मिलर है उसी जिले के निकटतम चावल उपार्जन केंद्र में चावल प्राप्त किया जाए।
जिले के गोदाम में स्थान का अभाव होने की स्थिति में संलग्न परिशिष्ट-8 अनुसार अन्य जिले के निकटतम गोदाम में चावल जमा कराया जाए। परिशिष्ट में उल्लेखित जिले के अतिरिक्त यदि किसी जिले में उपरोक्तानुसार अन्य जिले के निकटतम गोदाम में चावल जमा कराये जाने की आवश्यकता यदि है, तो संबंधित जिले के कलेक्टर, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन को प्रस्ताव भेजेगें। प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन उक्त प्रस्ताव पर परीक्षण कर आदेश जारी कर सकेगें और सूचना शासन को देंगे ।
6.18 मिलर द्वारा अनुबंधित मात्रा का मिलिंग कार्य समयानुसार करने के लिए समानुपातिक रूप से धान उठाव और सी.एम.आर. जमा किया जाए ।
6.19 मिलर्स से अनुबंध में मिलिंग के लिए निर्धारित अवधि में ही मिलिंग कार्य अनिवार्यतः पूरा कराया जाए । आकस्मिक परिस्थितियों में जिला विपणन अधिकारी द्वारा अनुबंध में वृद्धि के लिए प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा जाएगा, जिसमें अनुबंध में वृद्धि का कारण उल्लेखित हो। कलेक्टर द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण कर गुण-दोष के आधार पर अनुबंध में वृद्धि की कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर द्वारा अधिकतम तीन माह की अवधि तक अनुबंध में वृद्धि की जा सकती है।
अनुबंध में तीन माह से अधिक अवधि के वृद्धि के लिए प्रस्ताव कलेक्टर द्वारा प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ को भेजा जाएगा, जिसमें अनुबंध में वृद्धि का कारण उल्लेखित हो । प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण कर गुण-दोष के आधार पर अनुबंध में वृद्धि की कार्यवाही की जाएगी ।
बिना युक्तियुक्त कारण के धान की मिलिंग में विलंब को रोकने के लिए अनुबंध में दण्ड का प्रावधान रखा जाए। अनुबंध अवधि की वृद्धि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिये केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अवधि के लिये ही की जा सकेगी।
Dhan Kharidi Niti: 6.20मिलर को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अनुसार धान की अरवा मिलिंग पर 67 प्रतिशत और उसना मिलिंग पर 68 प्रतिशत चावल की डिलीवरी देनी होगी ।
6.21 पिछला अनुबंध की मिलिंग पूरी करने और संपूर्ण चावल जमा करने के पश्चात् ही कलेक्टर द्वारा मिलिंग के लिए नयी अनुमति दी जाए। नयी अनुमति दिये जाने पर मिलर द्वारा नयी अनुमति अनुसार नया अनुबंध जिला विपणन अधिकारी के साथ निष्पादित करना होगा। मिल से अगला अनुबंध करते समय पिछले अनुबंध के लिए धान मिलिंग के लिए उपयोग की गई बिजली के बिल की छायाप्रति प्राप्त करना अनिवार्य होगा ।
6.22 संग्रहण केंद्रों से धान “प्रथम आवक प्रथम जावक” (FIFO) के आधार पर प्रदान किया जाए । उपार्जन केंद्रों में भी धान प्रदाय करते समय यथासंभव “प्रथम आवक प्रथम जावक” (FIFO) के सिद्धांत का पालन किया जाए ।
6.23 किसी भी स्थिति में समिति स्तर से अथवा छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के संग्रहण केंद्र से मिलर्स को धान छटनी कर प्रदाय नहीं किया जाए। मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए स्टेक का हस्तांतरण किया जाए, जिसमें 120 मेट्रिक टन अर्थात 3000 बोरे के धान का हस्तांतरण होता है।
Dhan Kharidi Niti: बारदानों की राशि की प्राप्ति –
7.1 बारदानों की व्यवस्था के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 की धान खरीदी नीति की कंडिका 9 में उल्लेखित है, तदनुसार बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ।
7.2 केंद्र सरकार की नवीन बारदाना नीति अनुसार मिलर द्वारा, नये जूट बारदाने में उपार्जित धान की मिलिंग पश्चात बचत नये बारदाने में चावल जमा किया जाएगा ।
7.3विपणन संघ के पास यदि खरीफ वर्ष 2023-24 के नये जूट बारदाने शेष रहते हैं और यदि खाद्य विभाग केंद्र सरकार से भारतीय खाद्य निगम में चावल उपार्जन की अनुमति प्राप्त होती है तो भारतीय खाद्य निगम में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के नये बारदानों में चावल का उपार्जन किया जाएगा। मार्कफेड द्वारा उपरोक्त बारदानों के सॉफ्टवेयर में एंट्री और रिकार्ड संधारण के लिए समुचित व्यवस्था की जाए । खरीफ वर्ष 2023-24 के नये जूट बारदानों का शतप्रतिशत उपयोग खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में सुनिश्चित किया जाएगा ।
7.4संग्रहण केंद्र / समिति में PDS के प्राप्त बोरे को मिलर को मिलिंग के लिए प्रदाय किया जाए, तथा मिलर के उक्त बारदाना खाली होने पर संबंधित समिति को वापस कराया जाए, वापस नहीं होने पर मिलर से पुराने बारदाने के लिए निर्धारित दर पर राशि की कटौती कर संबंधित समिति को भुगतान किया जाए।
Dhan Kharidi Niti: परिवहन व्यवस्था
8.1 समिति, संग्रहण केंद्र से धान उठाव करने पर और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने पर वास्तविक दूरी के आधार पर धान के परिवहन व्यय का भुगतान किया जाए। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में गत खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 अनुसार राज्य स्तरीय समिति द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार परिवहन शुल्कों का निर्धारण किया जाए। खाद्य विभाग केंद्र सरकार के पत्र कमांक 192(14)/2018-FC A/cs दिनांक 06.05.2019 (परिशिष्ट-१) में उल्लेखित राज्य स्तरीय समिति के माध्यम से धान/सी.एम.आर. का परिवहन दर का निर्धारण किया जाएगा । भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा करने पर परिवहन व्यय का भुगतान भारतीय खाद्य निगम द्वारा नियमानुसार किया जायेगा ।
8.2 लोडिंग अनलोडिंग चार्ज के संबंध में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में विभागीय पत्र क्रमांक एफ 4-23/2020/29-1/पार्ट-1 दिनांक 02.07..2021 में निम्नानुसार परिवर्तन अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए प्रावधान किया जाए :-
1. मंडी लेबर चार्ज में उपार्जन केंद्रों से धान लोडिंग कर प्रदाय किए जाने का मद शामिल है, अतएव उपार्जनकर्ता समिति द्वारा उपार्जन केंद्रों से मिलर / परिवहनकर्ता को धान लोडिंग कर प्रदान किया जाए ।
2. उपार्जनकर्ता समिति द्वारा मिलर / परिवहनकर्ता को धान लोडकर प्रदाय नहीं किए जाने की स्थिति में मंडी लेबर चार्ज को अधिसूचित दरों में तय की गई लोडिंग की राशि मिलर / परिवहनकर्ता को भुगतान किया जाए और समिति को देय राशि से कटौती (Deduct) किया जाए ।
Dhan Kharidi Niti: 3. संग्रहण केंद्र से मिलर द्वारा धान उठाव करने पर लोडिंग की राशि परिवहन व्यय में से कटौती की जाए और अनलोडिंग की राशि प्रदाय की जाए। जिन संग्रहण केंद्रों में हमाली के लिए विगत वर्ष की निविदा के अंतर्गत राज्य स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदन उपरान्त कार्य कराया जा रहा है, वहाँ हमाली ठेकेदार द्वारा लोडिंग का कार्य विगत वर्ष के अनुसार ही न किया जाकर मिलर द्वारा कराया जा रहा है। ऐसी स्थिति में लोडिंग के लिए कोई अतिरिक्त राशि देय नहीं होगी और परिवहन मद की संपूर्ण राशि देय होगी ।”
8.3 समितियों से सीधे मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए धान प्रदाय के लिए प्रत्येक समिति से मिल की दूरी इस प्रकार तय करें कि न्यूनतम परिवहन व्यय के साथ ही परिवहन करने में कम समय लगे। जिले की सीमावर्ती समितियों से यदि जिले के भीतर की मिलों की दूरी अधिक हो और सीमावर्ती जिले में कम दूरी पर मिलें उपलब्ध हों तो, न्यूनतम व्यय अनुसार अनुबंध किया जाए। जिले में उपलब्ध पंजीकृत राईस मिलों की मिलिंग क्षमता के आधार पर वहां भण्डारित धान की कस्टम मिलिंग का कार्य कराया जाए ।
8.4 संग्रहण केंद्र से कस्टम मिलर्स को धान इस प्रकार दिया जाए कि परिवहन व्यय न्यूनतम हो । संग्रहण केंद्र से मिलों की दूरी का निर्धारण जिला विपणन अधिकारी द्वारा प्रबंध संचालक मार्कफेड के पर्यवेक्षण में किया जाएगा। मिलर्स के नजदीक जो संग्रहण केंद्र है प्रथमतः उन केंद्रों से कस्टम मिलिंग के लिए अनुमति दी जाए । नजदीक के संग्रहण केंद्रों का धान समाप्त होने पर अगले नजदीक के संग्रहण केंद्रों से कस्टम मिलिंग के लिए धान दी जाए। विशेष परिस्थिति में मिलर को नजदीक के संग्रहण केंद्र के अतिरिक्त एक अन्य संग्रहण केंद्र से धान प्रदाय किया जा सकता है। विशेष परिस्थिति का निर्धारण प्रबंध संचालक मार्कफेड द्वारा किया जायेगा और इसकी औचित्य की सूचना शासन को दी जायेगी ।
8.5 मिलर द्वारा संग्रहण केंद्रों से धान उठाव करने पर धरमकांटा में तौल का भुगतान छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा किया जाएगा ।
Dhan Kharidi Niti: समितियों से धान का सीधे उठाव
9.1 विगत वर्ष की भांति उपार्जन केंद्रों से सीधे मिलर्स को अधिक से अधिक धान मिलिंग के लिए प्रदाय किया जाए जिससे भण्डारण, परिवहन और सूखत आदि मदों में मितव्ययता सुनिश्चित हो सके। समितियों में उपार्जित धान को सीधे कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स को देने की निम्नानुसार व्यवस्था की जाए –
9.1.1 पंजीकृत चावल मिलों को सबसे नजदीक की सहकारी समितियों से संबद्ध किया जाए । विशेष परिस्थिति में मिलर को नजदीक के खरीदी केंद्र के अतिरिक्त अन्य खरीदी केंद्र से धान प्रदाय किया जा सकता है। विशेष परिस्थिति का निर्धारण प्रबंध संचालक मार्कफेड अथवा कलेक्टर के द्वारा किया जायेगा और इसकी औचित्य की सूचना शासन को दी जायेगी ।
Dhan Kharidi Niti: 9.1.2 मिलों का समितियों से संबद्धीकरण ,समितियों की मिलों से दूरी, समितियों में उपार्जित धान की मात्रा और मिल की मिलिंग क्षमता को दृष्टिगत रखते हुए जिला विपणन अधिकारी द्वारा प्रबंध संचालक मार्कफेड के पर्यवेक्षण में किया जाए । किसी समिति को एक या अधिक मिल से तथा किसी मिल को एक या अधिक समिति से संबद्ध किया जा सकेगा। इस के लिए मिल की मिलिंग क्षमता तथा परिवहन पर होने वाले व्यय इत्यादि को ध्यान में रखा जाए ।
9.2 अनुबंध अनुसार धान की मात्रा संबद्ध समितियों से उपार्जित धान में से मिल को दी जाए। मिलर जिला विपणन अधिकारी से प्रथमतः डिलीवरी आर्डर प्राप्त करें उसके बाद सहकारी समिति स्तर पर स्कंध प्राप्त करेंगे। समितियां किसी भी स्थिति में बिना डिलीवरी आर्डर के और डिलीवरी आर्डर में उल्लेखित मात्रा से अधिक धान मिलर को प्रदाय नहीं करेंगी।
बिना डिलीवरी आर्डर के अथवाडिलीवरी आर्डर में उल्लेखित मात्रा से अधिक धान समितियों से उठाने वाले मिलर्स को तत्काल उनके विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही की जाए ।
इसके अतिरिक्त बिना डिलीवरी आर्डर के अथवा डिलीवरी आर्डर में उल्लेखित मात्रा से अधिक धान मिलरों को देने वाली समितियों के कर्मचारियों के विरूद्ध भी विभागीय कार्यवाही और अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही की जाए।
9.3 जिला विपणन अधिकारी डिलीवरी आर्डर कम्प्यूटर साफ्टवेयर के माध्यम से जारी करेंगे तथा इसमें प्रदाय किए जाने वाले धान की प्रतिभूति का पूरा विवरण होगा । डिलीवरी आर्डर की एक प्रति मिलर को दी जाएगी। डिलीवरी आर्डर की इलेक्ट्रानिक प्रति सर्व संबंधितों को तत्काल इंटरनेट पर भी उपलब्ध हो जाएगी ।
9.4 मिलर का प्रतिनिधि जब समिति अथवा संग्रहण केंद्र पर धान उठाने के लिए पहुंचेगा, तब समिति / संग्रहण केंद्र के कम्प्यूटर में मिलर द्वारा लाए गए डिलीवरी आर्डर का कमांक भर कर उसकी इलेक्ट्रानिक प्रति से मिलान किया जाएगा। यह मिलान हो जाने पर ही मिलर को धान दिया जाएगा।
मिल के पंजीयन के समय मिलर के प्रतिनिधियों के फोटो, आधार नंबर और हस्ताक्षर भी प्राप्त किए जाएंगे जो समितियों और संग्रहण केंद्रों के कम्प्यूटरों में उपलब्ध रहेंगे। समितियों और संग्रहण केंद्रों में धान के उठाव के समय इनका मिलान भी किया जाएगा। मिलर द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि का हस्ताक्षर प्राप्त कर ही धान समिति / संग्रहण केंद्र से प्रदाय किया जाये। प्रबंध संचालक मार्कफेड इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे ।
9.5 सहकारी समिति द्वारा कस्टम मिलर को धान प्रदाय कर दिए जाने के उपरांत स्कंध में कोई कमी आने पर मिलर की जिम्मेदारी होगी। धान के उठाव के समय मिलर या उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति द्वारा धान की पावती समिति प्रबंधक को तत्काल दी जाएगी ।
9.6 धान उपार्जन के लिए गठित संग्रहण केंद्र स्तरीय समिति व उपार्जन केंद्रों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी को निर्देश जारी करें कि वे प्रत्येक समिति से कस्टम मिलर्स द्वारा उठाए गए धान की प्रतिदिन समीक्षा करें तथा उपार्जन केंद्रों में नियमित रूप से धान का भौतिक सत्यापन करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी परिस्थिति में मिलर द्वारा समिति से उठाव किए गए धान का पुनर्चक्रण (Recycling) संभव न हो ।
9.7 खरीदी केंद्रों से धान के उठाव के लिए और दोहरे परिवहन व्यय को रोकने के लिए अधिकाधिक मात्रा में धान सीधे मिलर्स को प्रदाय किया जाये। नई बारदाना नीति और धान के त्वरित निराकरण के दृष्टिकोण से मूल जिले/आधिक्य मिलिंग क्षमता वाले जिलों के मिलर से पुराने जिले या कम मिलिंग क्षमता वाले जिले के धान के त्वरित निराकरण करने के लिए धान खरीदी के प्रारंभ से ही संलग्न किया जाए। इससंबंध में जिलो का संलग्नीकरण परिशिष्ट-10 में दर्शित अनुसार किया जाए।
धान के निराकरण की अवधि के दौरान परिस्थिति अनुसार प्रस्तावित संलग्नीकरण प्लान में परिर्वतन किया जा सकता है। खरीदी केंद्र से अन्य संलग्न जिले के मिलर्स द्वारा मिलिंग के लिए सीधे धान उठाव की अनुमानित कार्ययोजना परिशिष्ट-10 में दर्शित है ।
Dhan Kharidi Niti: कस्टम मिल्ड चावल की प्राप्ति –
10.1 कस्टम मिल्ड चावल की प्राप्ति छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन और भारतीय खाद्य निगम के कस्टम मिल्ड चावल उपार्जन केंद्रों पर की जाएगी। कस्टम मिल्ड चावल की प्राप्ति किस चावल उपार्जन केंद्र पर की जाना है, इसका स्पष्ट उल्लेख अनुबंध में होगा। कस्टम मिल्ड चावल की प्राप्ति उसी जिले के चावल उपार्जन केंद्र में की जाएगी जिस जिले में मिल स्थित है ।
10.2 कस्टम मिल्ड चावल मिलर द्वारा लाए जाने पर चावल उपार्जन केंद्र में इंटरनेट पर उपलब्ध अनुबंध की इलेक्ट्रानिक प्रति से मिलान किया जाएगा, और उसी स्थिति में चावल स्वीकार किया जाएगा जब अनुबंध में चावल उस उपार्जन केंद्र में जमा कराना दर्शाया गया हो ।
10.3 मिलर द्वारा चावल लाये जाने पर सेम्पल लेने, सेम्पल पर्ची बनाने, सेम्पल का विश्लेषण करने तथा चावल प्राप्त करने का पूरा कार्य कम्प्यूटर साफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा तथा इसी साफ्टवेयर से चावल की अभिस्वीकृति जारी की जाएगी । अभिस्वीकृति की एक प्रति प्रिंट करके मिलर को दी जाएगी ।
10.4 भारतीय खाद्य निगम (क्षेत्र), छत्तीसगढ़ द्वारा गोदामों में उपलब्ध चावल के स्टॉक के शीघ्र रैक मूव्हमेंट कराने की कार्यवाही की जाए। इसके लिये भारतीय खाद्य निगम मुख्यालय नई दिल्ली और रेलवे से आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाए ।
10.5 खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग चावल जमा के संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही की जाए :-
10.5.1 सभी मिलरों को 1 स्टेक के बराबर या इससे अधिक मात्रा का डीओ जारी होने के पश्चात धान उठाव के 15 दिवस के भीतर चावल जमा के लिए स्टेक आबंटन एप्प में आवेदन करना अनिवार्य होगा। उक्तानुसार चावल जमा के लिए पात्र होने के बावजूद मिलर द्वारा स्टेक आबंटन के लिए आवेदन नहीं करने पर मिलरों पर 15 रु. प्रति क्विं. की दर से पेनाल्टी अधिरोपित की जाएगी ।
10.5.2 भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम से स्टेक आबंटन होने के 7 दिवस के भीतर मिलरों द्वारा चावल जमा प्रारंभ करना होगा और 20 दिवस के भीतर स्टेक पूर्ण करना होगा। स्टेक पूर्ण नहीं करने पर आबंटित स्टेक की संपूर्ण मात्रा में 15 रू. प्रति क्विं. की मान से अधिरोपित पेनाल्टी विपणन संघ को देय होगी और भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा आबंटित स्टेक को निरस्त किया जा सकेगा ।
Dhan Kharidi Niti: अन्य आवश्यक कार्यवाही
11.1 खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए धान उपार्जन की प्रक्रिया के साथ-साथ समस्त संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को कस्टम मिलिंग प्रक्रिया के संबंध में राज्य शासन द्वारा निर्धारित नीति की पर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराने के लिए मार्कफेड द्वारा प्रशिक्षण आयोजित करने की व्यवस्था की जाये ताकि जानकारी के अभाव में धान की कस्टम मिलिंग में किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो ।
11.2 जिले में राईस मिल एसोसिएशन से उपार्जित होने वाले धान की त्वरित कस्टम मिलिंग के लिए बैठक आयोजित कर चर्चा कर ली जाए। मिलिंग के लिए यथाशीघ्घ्र मिलर से आवेदन प्राप्त कर अग्रिम अनुमति जारी कर मिलिंग के लिए अनुबंध कर लिया जाए । मिलिंग के लिए अग्रिम अनुबंध किए जाने के साथ-साथ मिलर्स से चर्चा कर उन्हें अधिकाधिक मात्रा में समितियों से सीधे धान उठाव के लिए प्रोत्साहित किया जाए । मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए समितियों से सीधे धान उठाव की जिलेवार कार्ययोजना परिशिष्ट-10 पर संलग्न है।
11.3 जिले में संचालित राईस मिलों की मिलिंग क्षमता के आधार पर प्रतिमाह मिलिंग के लिए धान के उठाव और चावल जमा की अनुमानित कार्ययोजना तैयार कर ली जाए और तदनुसार अनुमति, अनुबंध और धान के निराकरण की कार्यवाही की जाए।
11.4 राज्य भण्डार गृह निगम के द्वारा चावल उपार्जन एजेंसीयों नागरिक आपूर्ति निगम और भारतीय खाद्य निगम को चावल जमा करने के लिए आवश्यकतानुसार गोदाम उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जायेगी। राज्य भण्डार गृह निगम द्वारा जमा चावल के वैज्ञानिक भण्डारण की व्यवस्था की जायेगी ताकि भण्डारण हानि न्यूनतम रहे तथा केंद्र शासन द्वारा स्वीकृत सीमा से अधिक न हो। राज्य भण्डार गृह निगम द्वारा गोदाम में आवश्यक दस्तावेज संधारित किया जाए ।
11.5 चावल उपार्जन एजेसियों द्वारा राज्य में उपलब्ध गोदामों का चावल उपार्जन के लिए उपयोग किया जाए । उक्त गोदाम राज्य भण्डार गृह निगम, केन्द्रीय भण्डार गृह निगम, भारतीय खाद्य निगम, छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम, मंडी बोर्ड आदि के हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्रों में उपलब्ध उपयोगी गोदमों का आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकता है। चावल उपार्जन के लिए गोदामों में स्पेस की आवश्यकतानुसार उपलब्धता बनी रहे, इस के लिए उचित प्रयास कियाजाए ।
11.6 मार्कफेड द्वारा संग्रहण केंद्रों से मिलर को कस्टम मिलिंग के लिए समयानुसार धान प्रदाय करने के लिए आवश्यकतानुसार श्रमिको की व्यवस्था की जाए। चावल उपार्जन एजेंसी द्वारा मिलर से कस्टम मिलिंग चावल समयानुसार जमा कराने के लिए आवश्यकतानुसार श्रमिको की व्यवस्था की जाए ।
11.7 जिले में सहायक खाद्य अधिकारी और खाद्य निरीक्षक द्वारा अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मिलों से अनुबंध अनुसार समयानुसार मिलिंग की कार्यवाही सुनिश्चित करायेंगे ।
11.8कस्टम मिलिंग से संबंधित साफ्टवेयर में खाद्य नियंत्रक / खाद्य अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, जिला प्रबंधक छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, कलेक्टर, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ तथा राज्य शासन, सभी के लिए मानिटरिंग माड्यूल है। सभी स्तरों पर इसका उपयोग करके प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए और साथ ही सभी आवश्यक रिपोर्ट भी प्रतिदिन तैयार किया जाए ।
11.9 कस्टम मिलिंग सॉफ्टवेयर में अपैक्स बैंक तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा समितियों की सुदृढ़ मॉनिटरिंग के लिए मॉड्यूल बनाया जाकर कियान्वित किया जाए । समिति स्तर पर धान उपार्जन संबंधी समस्त गतिविधियों की जावाबदारी संबंधित समिति प्रबंधक तथा उपार्जन प्रभारी की रहेगी। अपैक्स बैंक और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा दिनांक 07 नवंबर, 2024 तक समस्त समिति प्रबंधकों और उपार्जन प्रभारियों को Recycling रोकने के समस्त उपायों और सुदृढ़ उपार्जन व्यवस्था के लिए प्रशिक्षण दिया जाए ।