Dhan Kharidi रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हुए एक महीना हो गया है। राज्य सरकार ने एक लाख 60 हजार टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। अब तक 50 लाख टन धान की खरीदी हो चुकी है। खरीदी 31 जनवरी तक चलेगी, यानी अब केवल डेढ़ महीने का ही वक्त बचा है। इस बीच राइस मिलर्सAMP खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं कर रहे हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक तीन लाख 13 हजार टन धान के लिए डीओ जारी किया गया है, लेकिन राइस मिलर्स ने केवल 75 हजार टन ही धान उठाया है।
इस लिहाज से खरीदी केंद्रों में करीब 49 लाख टन से ज्यादा धान जाम है। इसकी वजह से कई खरीदी केंद्रों में अब धान रखने की जगह नहीं है। ऐसे में खरीदी केंद्रों पर खरीदी बंद करनी पड़ी है। बालोद जिला के कई खरीदी केंद्रों के बाहर उठाव नहीं होने के कारण खरीदी बंद होने की नोटिस चस्पा कर दी गई है।
छत्तीगसढ़ के पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय शहकारिता मंत्री अमित शाह और पार्टी के केंद्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल को पत्र लिखा है। इसमें राइस मिलर्स की समस्याओं से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया है।
कंवर ने लिखा है कि राइस मिलर्स को प्रदेश सरकार की उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। कंवर ने लिखा है कि यदि राइस मिलर्स को दो-तीन साल तक भुगतान नहीं मिलेगा तो वो इतनी बड़ी इंडस्ट्री कैसे चलेगी।
पहले ही पूर्ववर्ती सरकारों की गलत नीतियों के कारण सरकार किसान राइस मिलें बंद हो चुकी हैं। कंवर ने आरोप लगाया है कि राईस मिलों को बंद कराकर अप्रत्यक्ष रूप से शासन किसनों के धान को खरीदने के लिए इच्छुक नहीं है।
कंवर ने कहा- इससे पार्टी को नुकसान होगा कंवर ने पीएम और शाह से इस मामले में अपेक्षा का आग्रह किया है। कहा है कि आप इस बिगड़ती व्यवस्था को स्वयं से सज्ञान लेवे, अन्याथा इसके कारण हमारी पार्टी के नुकसान होने की संभावना है। क्योंकि मैं जमीन से जुडा हूं आज जनता अपने धान का उठाव नहीं होने से अपना धान समिति में नहीं बेच पा रही है जिससे किसनों में सरकार के प्रति अत्यधिक आक्रोश उत्पन हो रहा है, जिसका परिणाम हमें वर्तमान निकाय चुनाव एवं पंचायत चुनाव में देखा जा सकता है।
पुराना बकाया भुगतान नहीं होने समेत अन्य कारणों से प्रदेश के राइस मिलर्स नाराज हैं। अपनी मांगों को लेकर वे पहले ही धान का उठाव नहीं कर रहे थे, फिर मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप और सरकार के साथ वार्ता में बनी सहमति के आधार पर राइस मिलरों ने धान का उठाव शुरू किया, लेकिन आश्वासन के बावजूद कैबिनेट ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया। राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल के नेतृत्व में राइस मिलर्स की बैठक हुई। इसमें सरकार को 20 दिसंबर तक का वक्त दिया गया, इस दौरान धान का उठाव भी नहीं होगा।