
DMF रायपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिला खनिज न्यास निधि (DMF) घोटाले में ईओडब्ल्यू ने नौ लोगों को आरोपी बनाया है। इस मामले में एजेंसी ने रायपुर की स्पेशल कोर्ट में 6 हजार पन्नों का आरोप पत्र पेश किया है।
चार्जशीट में इन्हें बनाया गया आरोपी
चार्जशीट में निलंबित आईपीएस अधिकारी रानू साहू, पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। चार्जशीट पेश किए जाने के दौरान आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई गई। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल रायपुर हैं। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की गई है।
DMF जानिए… कितना मिलता था हिस्सा
ईओडब्लू की जांच में सामने आया कि कोरबा जिले में डीएमएफ फंड से जारी निविदाओं में भारी भ्रष्टाचार हुआ। टेंडर की राशि का 25 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक का हिस्सा अधिकारियों और बिचौलियों को कमीशन के रूप में दिया गया। टेंडर आवंटन की प्रक्रिया में फर्जी फर्मों और करीबी वेंडर्स को लाभ पहुंचाया गया। जांच के अनुसार, निविदा मूल्य का लगभग 75 करोड़ रुपये का गबन हुआ।
जानिए.. आरोपियों के विषय में
इस मामले में जिन प्रमुख आरोपियों बनाया गया है उसमे सौम्या चौरसिया (तत्कालीन उप सचिव), रानू साहू (तत्कालीन कलेक्टर), सूर्यकांत तिवारी (व्यावसायी), माया वारियर (तत्कालीन सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग), मनोज द्विवेदी (बिचौलिया / वेंडर), भुनेश्वर सिंह राज (तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी), भरोसा राम ठाकुर (तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी, डीएमएफ), वीरेन्द्र राठौर (तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी) एवं राधेश्याम मिर्झा (तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी) शामिल किए गये है ।
DMF ईडी ने पहले की कार्यवाही
प्रवर्तन निदेशालय की जांच रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्लू ने वर्ष 2024 में यह केस दर्ज किया था। इसमें बीएनएस की धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं 7 और 12 के तहत मामला दर्ज किया गया 7 जांच में यह भी सामने आया कि टेंडर भरने वालों से अवैध उगाही कर उन्हें निविदाएं आवंटित की गईं।
जानिए क्या है डीएमआर घोटाला
जिला खनिज न्यास निधि (डीएमआर) एक ऐसा ट्रस्ट होता है जिसका उद्देश्य खनन से प्रभावित क्षेत्रों के विकास और स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए धन का उपयोग करना है। यह फंड जिला प्रशासन के अधीन होता है।
वर्ष 2021-22 और 2022-23 में कोरबा जिले में डीएमएफ फंड से जुड़ी निविदा प्रक्रिया में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायतों के आधार पर जांच शुरू हुई।
DMF जमानत मिली, लेकिन जेल में ही
तीन मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कोल घोटाले में रानू साहू, सौम्या चौरसिया व अन्य को अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन इससे पहले ही ईओडब्लू ने प्रोडक्शन वारंट लेकर उन्हें डीआरएफ मामले में दोबारा गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मनोज द्विवेदी को भी गिरफ्तार किया गया।
जांच में क्या मिला
ईडी ने इस केस में अब तक 23.79 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। तलाशी के दौरान 76.50 लाख नकद, 8 बैंक खाते सीज, फर्जी फर्मों के दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।