रमन सिंह जिसे चूहा समझ रहे है उसी बब्बरशेर ने दुम दबाकर भागने के लिए कर दिया था मजबूर
1 min readरायपुर। chaturpost.com (चतुरपोस्ट.कॉम)
डॉ रमन सिंह द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मुसवा बताए जाने पर कांग्रेस ने माफी की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि डॉ रमन सिंह ने मुख्यमंत्री के लिए जिस भाषा का उपयोग किया है वह बेहद ही आपत्तिजनक और अशिष्ट है।
15 साल मुख्यमंत्री रहे डॉ सिंह सत्ता जाने के बाद उतना ज्यादा बौखला गए कि वह तीन चौथाई बहुमत के साथ निर्वाचित मुख्यमंत्री के लिए अभद्र और अशिष्ट भाषा प्रयोग करने के स्तर तक उतर गए है। डॉ सिंह ने सिर्फ बघेल का नहीं छत्तीसगढ़ियो का अपमान किया है। डॉ सिंह भूल रहे है जिसे वे चूहा समझ रहे है उसी बब्बशेर ने 2018 में उनको दुम दबाकर सरकार से भागने को मजबूर कर दिया था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 साल मुख्यमंत्री रहने के दौरान छत्तीसगढ़ के हितों के लिए जो काम वे नहीं कर पाए बघेल चार साल की सरकार में अपनी योजनाओं से लोगों का दिल जीत लिए है। छत्तीसगढ़ की तीज त्योहार, संस्कृति, लोककला, खेलकूद, छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापना, भगवान राम वनगमन मार्ग, कौशल्या माता मंदिर के पुर्ननिर्माण से आम छत्तीसगढ़िया बघेल में अपना अक्स देखता है, जिसको डॉ सिंह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे।
उनके अंदर की सामंती प्रवृत्ति जाग गई। वे अब राजनैतिक विरोध की मर्यादा को भूलकर मुख्यमंत्री को अपमानित करने पर तुले है। किसानों का कर्जा माफी, 2500 में धान खरीदी, स्वामी आत्मानंद स्कूल में गरीबों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा, आदिवासियों की जमीन वापसी, बिजली बिल हाफ योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम, दाई दीदी क्लिनिक जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं के कारण बघेल जनता के दुलारे मुख्यमंत्री बन गए है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि एक सामान्य किसान जिसे इस प्रदेश की जनता ने दिल खोलकर अपनाया और मुख्यमंत्री बनाया वह व्यक्ति डॉ सिंह और भाजपा के आंखों में खटक रहा है।
बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से प्रदेश में आउटसोर्सिंग बंद हो गई, जिन चिटफंड कंपनियों को डॉ सिंह ने खाद और पानी देकर जनता का खून चूसने के लिए खुला छोड़ दिया था उन पर लगातार कार्रवाई हो रही है, भाजपाइयों के भ्रष्टाचार की कमाई बंद हो गई, छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं को सहेजा जा रहा है लेकिन भाजपा और डॉ सिंह इन सब कामों से खुश नहीं हैं।
डॉ सिंह जब भी बघेल के कामों को देखते हैं यह सोचकर कुढ़ने लगते हैं कि 15 साल में मैंने जो नहीं किया वह एक सामान्य किसान केवल चार साल में कैसे कर सकता है। वह जब भी बघेल को देखते हैं तो उन्हें अपने 15 साल का निकम्मापन और नाकामी दिखाई देती है। इन्हीं सब कारणों से डॉ सिंह लगातार कुंठित होते जा रहे हैं और आपा खोकर उल्टी-सीधी शब्दावली का उपयोग कर रहे हैं।