November 22, 2024

Chatur Post

केवल सरोकार की खबर

गीता के ज्ञान से कैदियों के जीवन में बदलाव की कोशिश

1 min read

रायपुर। chaturpost.com (चतुरपोस्ट.कॉम)

प्रदेश के विभिन्न जेलों में योग, ध्यान, नैतिक शिक्षा और श्रीमद्भगवत गीता के माध्यम से कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में प्रशिक्षक आदेश सोनी के द्वारा रायपुर के केंद्रीय जेल में कैदियों के जीवन में हुए पूर्व घटनाक्रमों को जोड़कर एक नया रूप ’कल गीता-कलयुग में गीता’ का प्रशिक्षण दिया गया।

सोनी ने 12 दिनों तक चले इस प्रशिक्षण में गीता, शिक्षा और कलयुग का एक त्रिकोण बनाकर आसान शब्दों में कैदियों को श्रीमद्भगवत गीता के संदेश को समझाया। उन्होंने बताया कि पूरे ब्रह्मांड में केवल तीन ही प्रजातियां पाई जाती हैं- पेड़-पौधे, जीव-जंतु और मनुष्य।

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति पूर्ण रूप से बुरा नहीं होता। किसी भी अपराध के पीछे तीन कारण क्रोध, नशा और लालच होता है। यह तीनों ही क्षणिक हैं, जो प्रत्येक मनुष्य के जीवन में होता है। जो व्यक्ति इन्हें अपने बस में कर लेता है। वह सहज जीवन व्यतीत करता है और जो उनसे परास्त हो जाता है, उसका जीवन नरकीय बन जाता है।

सोनी ने बताया कि असंतुष्ट रहना ही सबसे बड़ा पाप है, जिसकी सजा है बेचौनी, जलन, शिकायत और मानसिक अशांति। यहीं से अपराध का जन्म होता है। उन्होंने बताया कि अपराधी को न्यायालय एक बार सजा देता है, लेकिन समाज बार-बार उसे अपराधी बनाता है। जब व्यक्ति पहले ही अपने किए की सजा भुगत चुका होता है, ऐसे में समाज का कर्तव्य है कि वह उस व्यक्ति के प्रति सद्व्यवहार रखे, क्योंकि वह अपने अपराध की सजा भुगत चुका होता है।

सोनी रायपुर के केंद्रीय जेल के अलावा प्रदेश के विभिन्न जेलों में इस तरह का प्रशिक्षण दे चुके हैं। सोनी ने केंद्रीय जेल में प्रशिक्षण के इस आयोजन के लिए रेरा के अध्यक्ष व राज्य पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, पुलिस महानिदेशक जेल संजय पिल्लई, जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्रिय के प्रति आभार व्यक्त किया है। सोनी द्वारा श्रीमद् भगवत गीता का एक अदभुत वर्णन किया गया है, जिसे यूट्यूब पर कल गीता बाय आदेश सोनी में देखा जा सकता है।

Copyright © All rights reserved. | Developed & Hosted By: Simpli Life .