Female Supervisor: नवा रायपुर में दिखी ‘नारी’ की ‘शक्ति’: प्रदेशभर से पहुंची महिला पर्यवेक्षकों ने किया प्रदर्शन
1 min readFemale Supervisor: रायपुर। वेतन विसंगति का दंश छेल रही प्रदेश की महिला पर्यवेक्षकों ने मंगलवार (3 सितंबर) को नवा रायपुर में अपनी शिक्त दिखाई। प्रदेशभर से पहुंची महिला पर्यवेक्षकों ने नवा रायपुर में जमकर नारेबाजी की। उनके इस आंदोलन का दूसरे कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन किया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा भी धरना में शामिल हुए और आंदोलन कर रही पर्यवेक्षकों का हौसला बढ़ाया। महिला पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत काम करती हैं।
शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में इनकी अहम भूमिका है। पर्यवेक्षक कल्याण संघ प्रांताध्यक्ष ऋतु परिहार और सचिव जयश्री साहू ने बताया कि महिला पर्यवेक्षक बीते 30 वर्षों से वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर संघर्ष कर ही हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन के दौरान हम लोगों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विभागीय मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से भेंट करके अपनी समस्या से अवगत कराया था।
Female Supervisor: संघ की अध्यक्ष व सचिव ने बताया कि रक्षा बंधन के दिन मुख्यमंत्री को संघ की तरफ से हम लोगों ने राखी बांध कर अपनी मांग पूरी करने का आग्रह किया था, लेकिन अब तक हमारी मांगों को पूरा करने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। इस वजह से विवश होकर हमें यह धरना- प्रदर्शन करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि 3 सितंबर को धरना- प्रदर्शन के बाद संघ की तरफ से मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया। इस पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो सं आंदोलन तेज करने पर विचार करेगा।
महिला पर्यवेक्षक संघ की अध्यक्ष परिहार व सचिव साहू ने बताया कि महिला पर्यवेक्षक केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को हितग्राहियों तक पहुंचाने में अहम रोल आद करती हैं। चाहे वह केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना हो चाहे राज्य सरकार की महत्वकांक्षी महतारी वंदन योजना। यह महिला पर्यवेक्षक की इसमें भूमिका महत्वपूर्ण होती है। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख महिलाओं को जोड़ने में भी पर्यवेक्षकों की भूमिका है।
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Female Supervisor: इसके बाद भी सरकार हमारी वेतन विसंगति दूर नहीं कर रही है। प्रदेश में कुल 1866 महिला पर्यवेक्षक हैं। इन्हें वेतन वृद्धि और पदोन्नति के लिए भी लंबा इंतजार करन पड़ता है। उन्होंने बताया कि पर्यवेक्षकों का वेतनमान 5200-20200 ग्रेड पे-2400 है तथा परियोजना अधिकारी पद का वेतनमान 9300-34800 ग्रेड पे 4300 है।
पदोन्नति के पद तथा पर्यवेक्षकों के पद के वेतन बैंड में बहुत अधिक अंतर है। 20 वर्ष की सेवा अवधि पश्चात दो समयमान वेतनमान मिलने के उपरांत भी पर्यवेक्षक परियोजना अधिकारी के वेतन बैंड तक नहीं पहुंच सकते हैं। इन विसंगतियों को देखते हुए पर्यवेक्षकों का वर्तमान वेतन बैंड में संशोधन किया जाना अति आवश्यक है ।