Five Day Work रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कार्यालयों में फाइव डे वर्किंग पर खतरा मंडरा रहा है। मीडिया में इस तरह की खबरें लगातार आ रही है कि राज्य सरकार फाइव डे वर्किंग को खत्म करके फिर से पुरानी व्यवस्था लागू कर सकती है। प्रदेश के अधिकांश कर्मचारी संगठन फाइव डे वर्किंग को खत्म किए जाने के विरोध में हैं। इस बीच इस व्यवस्था को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया है।
फाइव डे वर्किंग को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन ने प्रस्ताव पास किया है। बता दें कि फेडरेशन प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी- अधिकारी संगठनों का संयुक्त संगठन है। फेडरेशन में प्रदेशभर के सौ से ज्यादा कर्मचारी संगठन शामिल है। इसमें सभी श्रेणी के कर्मचारियों और अधिकारियों का संगठन शामिल है।
फेडरेशन की नवा रायपुर में हुई बैठक में फाइव डे वर्किंग को लेकर प्रस्ताव पास किया गया है। फेडरेशन ने फाइव डे वर्किंग को सरकार और कर्मचारियों के साथ ही आम लोगों के हित में बताया है। फेडरेशन ने फाइव डे वर्किंग में किसी तरह का बदलाव नहीं करने और इसे यथावत रखने का प्रस्ताव पास किया है।
बैठक के दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि ई- ऑफिस सिस्टम लागू होने के बाद से कर्मचारी- अधिकारी शनिवार और रविवार को भी काम कर रहे हैं। ई ऑफिस के जरिये पूरा काम ऑनलाइन हो गया है। ऐसे में शनिवार- रविवार को भी फाइलों का निपटारा किया जा रहा है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि राज्य के सरकारी कार्यालयों में सेटअप आधा से थोड़ा ही ज्यादा है। राज्य में स्वीकृत सेटअप की तुलना में करीब 60 प्रतिशत ही स्टाफ उपलब्ध है, इसके बावजूद पूरा काम हो रहा है। शासकीय कर्मचारी सुबह 10 बजे से देर रात तक काम करते हैं। ऐसे में फाइव डे वर्किंग को समाप्त करना गलत है।
बता दें कि फाइव डे वर्किंग समाप्त करने को लेकर मीडिया में आई खबरों के आधार पर फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने पहले ही विरोध दर्ज करा चुके हैं।
दरअसल, राज्य के पुलिस मुख्यालय में शनिवार की छुट्टी समाप्त कर दी गई है। पुलिस मुख्यालय में अब पहले की तरह सप्ताह में छह दिन काम हो रहा है। इसका आदेश जारी होने के साथ ही इस व्यवस्था को पूरे राज्य में लागू करने की आशंका व्यक्त की जाने लगी है।
छत्तीगसढ़ में फाइव डे वर्किंग की व्यवस्था भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने लागू किया था। अब ऐसी चर्चाएं हो रही है कि मौजूदा सरकार इस सिस्टम से संतुष्ट नहीं है। इसलिए बार- बार बदलाव की बात सामने आ रही है।