
Haj Committee रायपुर। छत्तीसगढ़ हज कमेटी का सरकार ने गठन कर दिया है। इसमें छह सदस्यों का मनोनित किया गया है। हज कमेटी में सदस्य बनाए गए लोगों में दो रायपुर के हैं। महासमुंद, रायगढ़, बलरामपुर और बिलासपुर एक- एक सदस्य शामिल हैं।
जानिए.. कौन बनता है हज कमेटी में सदस्य
हज कमेटी में कई तरह के सदस्य बनाए जाते हैं। फिलहाल जिन दो श्रेणियों में सदस्य बना गए हैं। इनमें (सदस्य मुस्लिम समुदाय से) जो मुस्लिम धर्मज्ञान व मुस्लिम कानून के विशेषज्ञ हों. इन सदस्यों में से एक शिया मुस्लिम समुदाय से आवश्यक रहते हैं।
दूसरे (मुस्लिम सदस्य) ऐसे मुस्लिम स्वैच्छिक संस्था के प्रतिनिधियों से जो सार्वजनिक प्रशासकीय, वित्तीय, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत हों।
Haj Committee जानिए.. हज कमेटी में कौन- कौन बना सदस्य
हज कमेटी में सदस्य बना गए लोगों में मौलाना अमीर बेग, ग्राम-बावनकेरा, पिथौरा जिला महासमुंद और मौलाना हसन अब्बास, मोमीनपारा, रायपुर शामिल हैं।
मौलाना महताब महावीरगंज जिला-बलरामपुर, मिर्जा एजाजबेग, संजय नगर, रायपुर के साथ गुलाम रहमान खान, मधुबन पारा, रायगढ़ और सैय्यद मकबूल अली, तालापारा बिलासपुर को भी सदस्य बनाया गया है।
जानिए.. क्या है हज कमेटी
छत्तीसगढ़ हज कमेटी हज के लिए जाने वाले यात्रियों की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार संस्था है। छत्तीसगढ़ हज कमेटी भारतीय हज कमेटी के अंतर्गत काम करती है। यह एक वैधानिक निकाय है।
इस कमेटी के जरिये हज पर जाने वालों का पंजीयन किया जाता है। उनके वीजा और यात्रा की व्यवस्था में सहायता की जाती है।
Haj Committee जानिए.. हर वर्ष भारत से कितने लोग जाते हैं हज पर
भारत का हज का कुल कोटा एक लाख 75 हजार 25 है। इसमें 70 प्रतिशत कोटा हज समिति (कमेटी) के हिस्से में रहता है और बाकी 30 प्रतिशत प्राइवेट ऑपरेटरों के पास।
हज कमेटी के हिस्से में आने वाले 70 प्रतिशत कोटा में से राज्यों को आवंटित किया जाता है। जानकारों के अनुसार हक का कोटा हर साल बदलता रहता है।
यह है हज यात्रा
हज इस्लाम धर्म का एक पवित्र तीर्थयात्रा है। ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक मुसलमान को अपने जीवन में कम से कम एक बार हज पर जरुर जाना चाहिए। हज सऊदी अरब के मक्का में मस्जिद अल-हरम के पास किया जाता है।
