High Court: रिटायरमेंट के बाद विभागीय जांच और दंड को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

schedule
2024-10-24 | 02:29h
update
2024-10-24 | 02:29h
person
chaturpost.com
domain
chaturpost.com
High Court: रिटायरमेंट के बाद विभागीय जांच और दंड को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला 1 min read

High Court:  रायपुर। सरकारी कर्मचरियों के खिलाफ होने वाले विभागीय जांच (डीई) को लेकर मध्‍य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद भी विभागीय जांच जारी रह सकती है। रिटायरमेंट के बाद विभागीय जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ दंड को लेकर भी हाईकोर्ट ने अपने फैसले में निर्देश दिया है।

जानिए.. रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारी को दंड दिया जा सकता है या नहीं     

Advertisement

मध्‍य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने इस महत्‍वपूर्ण फैसले में कहा है कि सेवानिवृत्ति‍ से पहले शुरू की गई विभागीय जांच की प्रक्रिया रिटायरमेंट के बाद भी जारी रह सकती है, लेकिन दोषी पाए जाने पर सेवानिवृत्ति कर्मचारी को दंड देने का अधिकार विभागीय अफसरों के पास नहीं हैं। किसी सेवानिवृत्‍त कर्मचारी को केवल राज्‍यपाल के निर्देश पर ही दंड दिया जा सकता है।

High Court:  जानिए.. क्‍या है मामला

मध्‍य प्रदेश वन विभाग से रिटायर हुए रेंजर हरिवल्‍लभ चतुर्वेदी को सेवानिवृत्ति होने के बाद सेवा के दौरान गड़बड़ी के आरोप में जुर्माना लगाया गया था। चतुर्वेदी ने विभाग के इस आदेश को चुनौती दिया था। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए विभाग की तरफ से जारी जुर्माना आदेश को रद्द कर दिया।

दरअसल याचिकाकर्ता सेवानिवृत्ति  रेंजर चतुर्वेदी पर सर्विस के दौरान बिना अनुमति के सड़क बनवाने का आरोप था। चतुर्वेदी की वजह से सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इस मामले में चतुर्वेदी के खिलाफ सर्विस रुल के हिसाब से अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई।

विभागीय जांच चतुर्वेदी के रिटायरमेंट के पहले शुरू हुआ, लेकिन जांच पूरी होने तक वे सेवानिवृत्ति हो गए। इसके बाद विभाग ने  जुर्माना लगाया। चूंकि सेवानिवृत्ति होने के बाद दंड देने का अधिकार विभाग के पास नहीं है इसी वजह से चतुर्वेदी ने वकील के माध्‍यम से विभाग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौ‍ती दिया था।

High Court:  सभी भुगतान करने के निर्देश

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में विभागीय आदेश को खारिज करते हुए राज्‍य सरकार को याचिकाकर्ता चतुर्वेद के रोके गए सभी भुगतान दो महीने के भीतर देने का आदेश दिया था। साथ ही पूरी राशि 6 प्रतिशत ब्‍याज के साथ चतुर्वेदी को देने का आदेश दिया है।  

Advertisement

Imprint
Responsible for the content:
chaturpost.com
Privacy & Terms of Use:
chaturpost.com
Mobile website via:
WordPress AMP Plugin
Last AMPHTML update:
24.10.2024 - 02:38:02
Privacy-Data & cookie usage: