High Court संविदा कर्मियों की सेवा कभी भी की जा सकती है समाप्त ? जानिए..हाईकोर्ट ने क्या दिया फैसला

High Court बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी विभागों में काम करने वाले हजारों संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। समय से पहले संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट के सामने एक ऐसा मामला आया जिसमें बिना नियमित भर्ती और संविदा की समय सीमा खत्म हुए ही संविदा कर्मियों को सेवा से बाहर कर दिया गया था।
जानिए.. क्या है मामला
यह पूरा मामला अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का है। वहां डीन ने संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया था, जबकि जिन पदों पर संविदा कर्मी काम कर रहे हैं उन पदों पर नियमित नियुक्ति नहीं हुई है। इतना ही नहीं डीन ने जिन संविदा कर्मियों को नौकरी से बाहर किया उनकी सेवा 31 मार्च 2026 तक थी।
High Court हाईकोर्ट ने क्या दिया फैसला
इस केस में हाईकोर्ट ने संविदा कर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने के डीन के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। साथ ही डीन को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
कोविडकाल में हुई थी भर्ती
मेडिकल कॉलेज के डीन ने जिन संविदा कर्मियों को सेवा से बाहर करने का आदेश जारी किया था उनकी नियुक्ति 2020 में कोविड काल में हुई थी। इसके बाद से उनका सेवा विस्तार हो रहा था। इसी महीने 2 अप्रैल 2025 को वहां काम कर रहे संविदा कर्मियों की सेवा 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दी गई। फिर आदेश जारी होने के दूसरे ही दिन 3 अप्रैल को सेवा समाप्त किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया।
High Court हाईकोर्ट पहुंचे संविदा कर्मी
सेवा समाप्त किए जाने के आदेश के खिलाफ संविदा कर्मी हाईकोर्ट पहुंच गए। अधिवक्ता मतीन सिद्दकी और नरेंद्र महेरे के माध्यम से याचिका दाखिल की। डीन ने जिन संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया था उनमें डाटा इंट्री ऑपरेटर के साथ अन्य शामिल थे। इन पदों पर अभी नियमित नियुक्ति नहीं हुई है।