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High Court: छत्‍तीसगढ़ के पावर कंपनी के इंजीनियरों की बड़ी जीत, हाईकोर्ट ने जारी किया निर्देश…

High Court: बिलासपुर। सरकारी बिजली परेषण कंपनी (छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड) में सहायक अभियांता (असिस्‍टेंट इंजीनियर) की भर्ती निकाली गई। कंपनी में ही पदस्‍थ एक जूनियर इंजीनियर ने इस पद के लिए आवेदन किया, लेकिन कंपनी ने इसे स्‍वीकार नहीं किया। इस पर जूनियर इंजीनियर से कंपनी के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दे दी।

अधिवक्‍ता मतीन सिद्दीकी ने बताया कि दीपिका भगत वितरण कंपनी के बिलासपुर जोन में जूनियर इंजीनियर के पद पर पदस्‍थ हैं। भगत ने 5 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है। इस बीच कंपनी की तरफ से सहायक अभियंता पद पर विभागीय भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। दीपिका ने भी इसमें आवेदन किया, लेकिन कंपनी ने इसे स्‍वीकार नहीं किया। कोर्ट ने दीपिका के आवेदन को स्वीकार करने और विभागीय परीक्षा में बैठने के निर्देश दिया है।  

High Court: अधिवक्‍ता सिद्दीकी ने बताया कि दीपिका की प्रथम नियुक्ति 5 सितंबर 2018 को जूनियर इंजीनियर (ट्रेनिं) के पद पर हुई थी। बिजली कंपनी ने जूनियर इंजीनियर नियमित पद पर दीपिका भगत की नियुक्ति 13 फरवरी 2020 को हुई। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 11 मार्च 2024 को सहायक अभियंता के पद पर कार्य करने के लिए आवेदन आमंत्रित  किया। इसमें न्यूनतम सेवा योग्यता पावर कंपनी में कनिष्ठ अभियंता के पद पर 5 वर्षों की नियमित सेवा की मांग की गई थी।

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 इस पद के लिए दीपिका ने भी आवेदन किया, लेकिन उन्‍हें अपात्र कर दिया गया। कंपनी के अफसरों तर्क दिया कि उनकी कनिष्ठ अभियंता के पद पर नियमित 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण नहीं हुई है।  इसके खिलाफ दीपिका ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतिन सिद्दीकी के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की।  इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता दीपिका भगत को परीक्षा में बैठने के निर्देश दिए थे, लेकिन कुछ कारणो से पावर कंपनी ने सहायक अभियंता पद की विभागीय भारती की चयन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।

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High Court: कंपनी ने पुराने विज्ञापन को निरस्‍त करके नया विज्ञापन जारी किया गया। इसमें सेवा अवधि 5 वर्ष नियमित सेवा निर्धारित कर दी गई। इससे परिवेदित होकर याचिकाकर्ता दीपिका भगत ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और वकार नायर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की याचिका की सुनवाई 5 सितंबर 2024 को जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की कोर्ट में हुई।

दीपिका के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में परीक्षण सहायक श्रेणी दो के पद पर 11 मार्च 2024 जारी विज्ञापन में विभागीय उम्मीदवार को परिचारक श्रेणी 2 के पद पर प्रशिक्षण अवधि मिलकर कल 10 वर्षों की न्यूनतम सेवा को मान्य किया गया है। इन आधारों पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता दीपिका भगत और मुकुंद माधव सिंह कंवर के आवेदन को स्वीकार करते हुए विभागीय परीक्षा में बैठने के निर्देश दिया है।

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