HighCourt: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस में सिपाही शिव कुमार साहू मार्च 2004 में निधन हो गया। आरक्षक साहू तब बिलासपुर एसपी कार्यालय में पदस्थ थें। सेवा के दौरान दिवंगत हुए सिपाही साहू के स्थान पर सिकंदर खान ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। मामला 20 वर्षों तक लटका रहा। अब बिलासपुर हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग को साहू के स्थान पर सिकंदर खान को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
दरअसल, सिकंदर खान सिपाही शिव कुमार साहू का पुत्र है। साहू ने रजिया बेगम से विधिवत शादी की थी। इसी वजह से उनके निधन के बाद परिवार पेंशन सहित अन्य लाभ रजिया बेगम को मिल रहा है। साहू के बैंक खातों में जमा रकम भी रजिया बेगम को ट्रांसफर हो गया, लेकिन पुलिस विभाग ने सिकंदर खान की अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र का पेंच फंसा कर 20 वर्ष तक लटकाए रखा।
HighCourt: 20 वर्ष तक अनुकंपा नियुक्ति के लिए चक्कर काटने के बाद सिकंदर खान ने एडवोकेट अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। मामला सुनवाई के लिए जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की कोर्ट में पहुंचा। सिकंदर खान ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट को बताया कि किसी भी रिश्तेदार ने अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने पर आपत्ति नहीं की है। बल्कि सभी ने सिकंदर खान को साहू के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति देने पर लिखित सहमति दी है। इसके बावजूद पुलिस विभाग उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की मांग कर रहा है। यही प्रमाण पत्र पेश नहीं करने के कारण उन्हें अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है।
HighCourt: सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पांडेय ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की बाध्यता को गैर जरुरी बताया। बाध्यता प्रमाण पत्र मांगे जाने को कोर्ट ने विधि के विपरीत बताया। कोर्ट ने उत्तराधिकार प्रमाण पत्र मांगे जाने के संबंधी जारी आदेश को रद्द करते हुए डीजीपी व बिलासपुर एसपी को याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति देने विभागीय प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है।