
Home Stay Policy रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे नीति लागू की है। इसे होम स्टे नीति 2025-30 नाम दिया गया है। इसके जरिये न केवल राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ग्रामीणों को आय का नया जरिया और ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिलेगा।
जानिए..क्या है होम स्टे
होम स्टे के तहत पर्यटक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वहां के घरों में बतौर अतिथि रह सकेंगे। इससे देशी- विदेशी पर्यटकों को गांव की कला और संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिलेगा। पर्यटक महंगे होटलों के की बजाय गांव के घरों में रह सकेंगे।
जानिए.. अपनी नीति का सरकार ने क्या बताया उद्देश्य
होम स्टे नीति जारी करते हुए सरकार ने बताया कि इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रुप से प्राकृतिक संपदा से भरपूर बस्तर और सरगुजा संभाग में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे गांव में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ होगा। उन्हें अपने गांव और घर पर ही आय का नया जरिया प्राप्त होगा। सरकार का लक्ष्य ओकल फार लोकल को बढ़ावा देना है।
देश के कई राज्यों में लागू है होम स्टे नीति
होम स्टे की नीति देश के कई राज्यों में लागू है। विशेषतौर पर उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के पहाड़ी राज्यों में। वहां पर्यटक शहर के महंगे होटलों के स्थान पर गांवों में जारक ग्रामीणों के घरों में रहते हैं। पर्यटकों के पास विकल्प होता है कि वे चाहें तो अपना खाना खुद भी बना सकते हैं। दक्षिण के कुछ राज्यों ने भी इस नीति को लागू किया है।
जानिए- छत्तीगसढ़ कैबिनेट के 9 बड़े फैसले
छत्तीसगढ़ की कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में 9 बड़े फैसले लिए गए हैं। इसमें होम स्टे नीति के साथ ही राज्य में सरकारी सेवकों के ट्रांसफर पर लगी रोक हटाने का फैसला भी शामिल है।
इसके साथ ही सरकार ने राज्य में युवाओं के सम्मान के लिए योजना शुरू करने का फैसला किया है। गरीब और निम्न आय वर्ग वालों को सस्ते दर पर जमीन मुहैया कराने और नवा रायपुर में कला केंद्र की स्थापना के साथ ही तीन ग्राम पंचायतों का नाम बदलने का निर्णय भी शामिल है। इस खबर को विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें