IAS: मात्र 1 रुपये वेतन लेने वाले आईएएस की छत्तीसगढ़ वापसी: जानिए… और कौन-कौन लौटा
1 min readIAS रायपुर। छत्तीसगढ़ कैडर से केंद्र और दूसरे राज्यों में प्रतिनियुक्ति पर गए IAS अफसरों की राज्य में वापसी शुरू हो चुकी है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से अब तक 5 आईएएस छत्तीसगढ़ आ चुके हैं। इनमें कई तेज तरार्र अफसर भी शामिल हैं। अभी वरिष्ठ रैंक के 2 और आईएएस अफसरों की वापसी की चर्चा चल रही हैं।
IAS अमित कटारिया हाल ही में छत्तीसगढ़ लौटे हैं। 2004 बैच के आईएएस कटारिया 2017 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए थे। कटारिया की गिनती सबसे अमीर आईएएस अफसरों में होती है। बताया जाता है कि आईएएस की सेवा में आने के बाद लंबे समय तक उन्होंने वेतन नहीं लिया। वेतन के रुप में वे सरकार से केवल एक रुपये लेते थे। इस वजह से कटारिया काफी चर्चा में रहे। IAS कटारिया और उनके परिवार की गुडगांव में करोड़ों की संपत्त्ति है इनमें मॉल सहित कई कमर्शिलयल प्रापार्टी भी शामिल हैं।
कटारिया की गिनती तेज तरार्र और साफ सुथरी छवि के अफसरों में होती है। वे रायपुर नगर निगम के आयुक्त और जिला पंचायत के सीईओ के साथ कई जिलों के कलेक्टर रह चुके हैं। 2017 में वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। अब वे लौट आए हैं। मंत्रालय में उन्होंने ज्वाइनिंग दे दी है। सरकार की तरफ से उन्हें अभी कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। जल्द ही उनको प्रभार सौंपे जाने का आदेश जारी हो सकता है।
कटारिया से पहले छत्तीसगढ़ वापसी करने वाले IAS अफसरों में 1994 बैच की अतिरिक्त मुख्य सचिव रिचा शर्मा, 1999 बैच के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, 2003 बैच के सचिव अविनाश चंपावत और रितु सेन शामिल हैं। वहीं 1997 बैच के IAS सुबोध सिंह और 2006 बैच एलेक्स पाल मेनन की भी वापसी की चर्चा चल रही है। सुबोध सिंह पूर्ववर्ती डॉ. रमन सिंह की सरकार में अहम पदों पर काम कर चुके हैं। वे मुख्यमंत्री के सचिव रह चुके हैं। सुबोध सिंह 2018 के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए थे। मेनन इंटर स्टेट प्रतिनियुक्ति पर हैं। अभी वे चेन्नई में पदस्थ हैं।
बताते चले कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से कई आईपीएस अफसर भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं। इनमें अमरेश मिश्रा और अमित कुमार भी शामिल हैं। दोनों को सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी हैं। मिश्रा रायपुर रेंज आईजी के साथ ईओडब्ल्यू और एसीबी की भी कमान संभाल रहे हैं। कोयला घोटाला, शराब घोटाला, महादेव सट्टा एप और सहित पूर्ववर्ती सरकार में हुए कथित घोटालों की जांच यही एजेंसी कर रही है। वहीं अमित कुमार खुफिया विभाग के चीफ बनाए गए हैं।
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