IAS इन 27 IAS अफसरों के दामन पर है भ्रष्टाचार के दाग, नाम जानकर चौंक जाएंगे…

IAS रायपुर। छत्तीसगढ़ के 27 आईएएस अफसरों के दामन पर भ्रष्टाचार के दाग हैं। इनमें कुछ सेवानिवृत्त आईएएस भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के दागी आईएएस अफसरों में पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड का भी नाम शामिल है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी है। सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री के नाते साय ने बताया कि 11 मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। एक मामले की प्रारंभिक जांच चल रही है, जबकि 31 मामलों में शिकायत दर्ज है।
जानिए.. सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले किस आईएएस के खिलाफ है
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा मामले सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टुटेजा के खिलाफ दर्ज है। राज्य सेवा से प्रमोट होकर आईएएस बने टुटेजा के खिलाफ भ्रष्टाचार की सात शिकायतें हैं। इनमें चर्चित शराब घोटाला भी शामिल है। टुटेजा के खिलाफ पहला मामला 2020 में दर्ज हुआ था।
टुटेजा पर फारेन एक्सचेंज कानून के तहत क्रिमिनल केस और पासपोर्ट एक्ट और आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अन्य केस 2024 में दर्ज किए गए है। इसमें गवाहों का बयान बदलने, शराब घोटाला, झारखंड की शराब नीति में बदलाव आदि शामिल है।
IAS टोप्पो और रानू साहू के खिलाफ 5-5 शिकायतें
आईएएस राजेश सुकुमार टोप्पो और रानू साहू के खिलाफ पांच- पांच मामले हैं। टोप्पो के खिलाफ भ्रष्टाचार के पांच केस दर्ज है। ये केस 2019 से 2021 के बीच हुए हैं। इनमें पद का दुरुपयोग कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है। कोयला और डीएमएफ घोटाला में जेल में बंद रानू साहू के खिलाफ 2021 में पहला एफआईआर दर्ज किया था। साहू पर अवैध वसूली करने का आरोप लगा है।
इसके बाद 2022 में टेंडर में सरकार को आठ करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुआ है। इसी तरह 2024 रानू साहू के खिलाफ तीन और एफआईआर दर्ज किए गए हैं। इनमें डीएमएफ और अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने का मामला शामिल है।
IAS सोनवानी और ध्रुव के साथ इन पर भी पीएससी भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती में गड़बड़ी के आरोप में जेल में पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के साथ ही सचिव जीवन किशोर ध्रुव पर भी ईओडब्ल्यू में केस दर्ज है। इन दोनों के साथ ही पीएससी की सचिव रही पुष्पा साहू पर नौकरी देने के बदले 25- 25 लाख रुपये लेने का आरोप है। साहू के खिलाफ 2020 में शिकायत दर्ज की गई थी।
संजय अलंग पर पद के दुरुपयोग का आरोप
संभाग आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हो चुके संजय कुमार अलंग के खिलाफ 2020 में भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज किया गया है। अलंग पर पाठय पुस्तक निगम में संचालक के पद पर रहने के दौरान टेंडर में गड़बड़ी करने का आरोप है।
IAS विश्नोई पर अनुपातहीन संपत्ति का मामला
आईएएस समीर विश्नोई के खिलाफ 2023 में पहला एफआईआर अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने का दर्ज किया गया। इसके बाद 2024 में उनके खिलाफ दो और एफआईआर दर्ज हुआ है।
डॉ. अलोक शुक्ला के विरुद्ध दो प्रकरण
डॉ. आलोक शुक्ला: सेवानिवृत्त डॉ. शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो मामलों की जांच चल रही है। दोनों मामले में 2024 में दर्ज की गई है। डॉ. शुक्ला पर गलत तरीके से सरकारी पैसा अपने निजी खाते में जमा करने और पद का दुरुपयोग करते हुए गवाहों के बयान बदलवाने का आरोप है।
IAS पूर्व सीएस पर भी भ्रष्टाचार के मामले
मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त विवेक ढांड पर रेरा का चेयरमेन रहने के दौरान नजूल जमीन को हड़पने के लिए फर्जी बैनामा का सहारा लेकर स्थायी पट्टा लेने का आरोप है। शराब घोटाला में भी ढांड की भूमिका की जांच चल रही है। इसी तरह निरंजन दास पर दो एफआईआर आय से अधिक सपंत्ति अर्जीत करने और शराब में भ्रष्टाचार का मामला शामिल है।
इन अफसरों के दामन पर भी दाग
कुलदीप शर्मा पर 2019 में पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था। तब शर्मा जशपुर जिला पंचायत के सीईओ थे।
सुरेंद्र कुमार जायसवाल पर शासन की अनुमति के बिना करोड़ों रुपये के फ्लैट खरीदने के आरोप में एफआईआर दर्ज है। यह मामला 2019 का है तब जायसवाल ठाकुर प्यारे लाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संसथान निमोरा के संचालक थे।
गौरव द्विवेदी पर 2019 में समग्र शिक्षा के तहत आईसीटी प्रोजेक्ट के टेंडर में गड़बड़ी केा आरोप है। नरेंद्र कुमार दुग्गा पर सर्व शिक्षा अभियान में बिना प्रशिक्षण के करोड़ों फर्जी बिल आहरण करने का आरोप है। अशोक अग्रवाल पर भी इसी ममाले में आरोप हैं।
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सुधाकर खलखो माटीकला बोर्ड के डॉयरेक्टर रहे खलखो पर 2020 में दो केस दर्ज किया गया था। इसमें चाक और मशीन की खरीदी में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी करने की शिकायत है। वहीं, राजेश सिंह राणा पर 2020 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था।
डीडी सिंह पर 2021 में आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार, शासकीय आदेशों की अवहेलना और शिकायत पत्रों को दबाने का आरोप है। एस. प्रकश पर 2021 में 464 पदों पर नियुक्ति नियम विरुद्ध कर पैसों का लेनदेन कर गैर अनुभवी अयोग्य नियुक्ति करने का आरोप है। अमृत कुमार खलखो पर 2022 में भ्रष्टाचार और अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। नुपुर शर्मा पर 2022 में अपर कलेक्टर के पद पर रहने के दौरान अवैध पैसे की मांग करने का आरोप है। किरण कौशल 2022 में नियम विरुद्ध आदेश जारी कर भ्रष्टाचार करने का आरोप है।
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IAS टी. राधाकृष्णन 2023 में सरकारी खाते से पांच लाख से ज्यादा निकालने का आरोप है। वहीं, संजीव कुमार झा पर सरगुजा कलेक्टर रहने के दौरान पुनवार्स पट्टा और भूमि बिक्री की अनुमति देने में करेाड़ों रुपये लेने का आरोप है। इफ्फत आरा पर दो केस दर्ज है। इनमें एक सरगुजा कलेक्टर रहने के दौरान का है और दूसरा सूजरपुर कलेक्टर रहने के दौरा 100 करेाड़ दोनों केस 2024 में दर्ज किए गए हैं। भुवनेश कुमर यादव पर सहायक प्राध्यापकों के ट्रांसफर में भ्रष्टाचार का आरोप है। यादव के खिलाफ 2024 में शिकायत हुई है।