IPS: छत्तीसगढ़ में 2 IPS हो चुके सस्पेंड: तीसरे पर लटक रही तलवार…
1 min readIPS: रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर नौकरशाही के हावी होने का आरोप विपक्ष की तरफ से लगाया जा रहा है। विपक्ष कर रहा है कि सरकार अफसर ही चला रहे हैं, मंत्री केवल नाम के लिए हैं। इन आरोपों के बीच राज्य सरकार ने बीते 4 महीने में सरकार 2 आईपीएस अफसरों को सस्पेंड कर चुकी है। दो आईएएस हटाए जा चुके हैं, जबकि एक और आईपीएस पर भी निलंबन की तलवार लटक रही है।
IPS: जानिए.. कौन-कौन आईपीएस हुए हैं निलंबित
विष्णुदेव साय सरकार अब तक प्रदेश के 2 आईपीएस अफसरों को सस्पेंड कर चुकी है। इनमें एक एसपी और दूसरे एडिशनल एसपी (एएसपी) हैं। एसपी सदानंद कुमार को बलौदबाजार हिंसा मामले में सस्पेंड किया गया है। वहीं, कवर्धा में हुई हालिया घाटना के बाद वहां के आईपीएस एएसपी विकास कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इतना ही नहीं सरकार ने कवर्धा मामले में थाने के पूरे स्टाफ का लाइट अटैच कर दिया है।
जानिए.. कौन हैं वो तीसरे आईपीएस जिन पर लटक रही है तलवार
कवर्धा की घटना के बाद सरकार ने पहले वहां के एएसपी विकास कुमार को सस्पेंड किया फिर पूरे थाने के स्टाफ को लाइट हाजिर कर दिया। सरकार की कार्यवाही यही नहीं रुकी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद कबीरधाम के कलेक्टर और एसपी दोनों को हटा दिया गया। कवर्धा के एसपी अभिषेक पल्लव को वहां से हटाकर पीएचक्यू में पदस्थ कर दिया गया है। इसके बावजूद अभिषेक पल्लव के नाम बार- बार विवाद खड़ा हो रहा है।
ग्रामीणों की पुलिसिया पिटाई के दौरान तत्कालीन एसपी अभिषेक पल्लव की वहां मौजूदगी का कथित वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो का जिक्र डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने भी मीडिया के साथ चर्चा में किया है। इस वीडियो को लेकर कांग्रेस भी हमलावर है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल पल्लव का नाम लेकर आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में इस बात की आशंका बढ़ गई है कि सरकार आईपीएस पल्लव को भी निलंबित कर दे।
IPS: आईपीएस अभिषेक पल्लव का विवादों से रहा है नाता
आईपीएस अभिषेक पल्लव का विवादों से पुराना नाता है। दुर्ग एसपी रहने के दौरान उन्होंने पुलिस की कई कार्यवाही का वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड किया था। इसमें आरोपियों से पूछताछ के अलावा वाहन चेकिंग के दौरान सख्ती आदि का वीडियो शामिल है। अब इस पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि जो वीडियो आए हैं उनमें कई नाबालिग भी शामिल हैं। इसको लेकर अब सवाल किया जा रहा है कि कैसे कोई आईपीएस अफसर नाबालिग की पहचान उजागर कर सकता है। महादेव एप को लेकर भी इनका एक वीडियो वायरल हुआ था।
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